MP : आनंद राय प्रकरण में HC ने ख़ारिज की कार्यवाही ना करने की याचिका, आनंद राय निलंबित
आनंद राय प्रकरण पर हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए कार्यवाही ना करने की याचिका को ख़ारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि आनंद राय पर एक आदिवासी अधिकारी को जातिसूचक अपमान व झूठा आरोप लगाने के लिए FIR हुई थी, जिसके तहत कानूनी कार्यवाही की जाएगी। बता दें, आनंद राय की पिटीशन पर कपिल सिब्बल, विवेक तनखा जैसे नौ वकील खड़े हुए थे लेकिन कोर्ट ने कहा है कि अगर गलत है तो कार्यवाही होगी।
क्या था मामला
दरअसल, नौ माह पहले मध्यप्रदेश में प्रतिनियुक्ति पर आए लक्ष्मण सिंह मरकाम पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के OSD के होने के कारण आनंद राय तथा पूरी कांग्रेस ने झूठे आरोप लगाए थे। जिसमें अब माननीय उच्च न्यायालय से फटकार पड़ी है। कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि आप व्हिसलब्लोअर हैं तो कुछ भी कहेंगे ? किसी भी निर्दोष पर आरोप लगाएँगे ? किसी भी आदिवासी का जातीसूचक अपमान करेंगे ? कोर्ट के आदेश आते ही कार्रवाई हुई और आनंद राय को गिरफ़्तार किया गया। आदेश की अंतिम लाइन में स्पष्ठ लिखा है कि आपकी पिटीशन डिसमिश की जाती है।
आपको बता दें कि FIR किए हुए लगभग 15 दिन बीत चुके हैं। आनन्द राय शासकीय कर्मचारी हैं। इलाज के नाम पर छुट्टी लेकर दिल्ली गए हैं। दिल्ली में आनंद कपिल सिब्बल, प्रेस क्लब के चक्कर काट रहे थे लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद इनकी पिटीशन डिसमिश की गई उसके बाद गिरफ्तारी हुई।
आनंद राय निलंबित
आनंद राय की गुरुवार रात को गिरफ्तारी के बाद स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें निलंबित कर दिया है। बता दें, सिविल सेवा आचरण नियमों के तहत यह कार्रवाई की गई है। संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं की अपर संचालक सपना एम लोवंशी ने डॉ. आनंद राय को निलंबित करने संबंधी आदेश जारी किए। आदेश के अनुसार इंदौर के हुकुमचंद चिकित्सालय में पदस्थ्य डॉ. राय का निलंबन के बाद मुख्यालय क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं रीवा संभाग रहेगा। निलंबन काल में डॉ. राय को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी। आदेश में लिखा है कि डॉ. राय वरिष्ठ अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान 29 मार्च को अपने कार्यालय में उपस्थित नहीं थे, जबकि रजिस्टर में उनकी उपस्थिति दर्ज थी। वहीं, राय 15 फरवरी से 15 मार्च के बीच सिर्फ 18 दिन ही कार्यालय में उपस्थित रहे। बाकी दिन उनके द्वारा अवकाश के लिए भी आवेदन नहीं दिया गया।