क्या आप जानते हैं ?.. क्या है. मुख्यमंत्री पुलिस आवास योजना

गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि प्रदेश की पुलिस ने कोरोना संकट काल में सीमाओं पर तैनात जाबाँज सैनिकों की तरह खुद के प्राण संकट में डालकर आमजन की प्राण-रक्षा के लिये काम किया। सरकार द्वारा संगठित माफिया के विरुद्ध चलाई जा रही मुहिमों में भी पुलिस अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रही है। डॉ. मिश्रा ने कहा कि अब सरकार पुलिस के सभी अधिकारी-कर्मचारियों को आवास की समस्या से निजात दिलाने के लिये सभी संभव उपाय करेगी। हजारों आवास निर्माण के कार्य जारी हैं। अन्य विकल्पों पर भी सरकार विचार कर रही है। मंत्री डॉ. मिश्रा ने भोपाल में 66 करोड़ रुपये की लागत से 6 मंजिला 8 ब्लॉकों में 240 आवास आरक्षक एवं प्रधान आरक्षकों और अराजपत्रित अधिकारियों के 72 आवास सहित कुल 312 नव-निर्मित पुलिस आवास-गृहों का लोकार्पण करते हुए यह बातें कहीं। समारोह में पुलिस महानिदेशक श्री विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा और पुलिस के आला अधिकारी मौजूद थे।

मंत्री डॉ. मिश्रा ने आवास-गृहों का अवलोकन किया। उन्होंने निर्माण और उपलब्ध कराई गई सुविधाओं पर संतोष जताया। डॉ. मिश्रा ने कहा कि पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों के परिजन को बेहतर वातावरण मिलने पर कर्मचारी निश्चिंत होकर अपना कर्त्तव्य निर्वहन कर सकेंगे। उन्होंने पुलिस आवास परिसर में कर्मचारियों के बच्चों के बौद्धिक विकास और उन्नति के लिये लायब्रेरी की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। अध्यक्ष मध्यप्रदेश पुलिस आवास एवं अधो-संरचना विकास निगम कैलाश मकवाना ने कॉर्पोरेशन द्वारा किये जा रहे कार्यों से अवगत कराया। कॉर्पोरेशन के प्रबंध संचालक श्री उपेन्द्र जैन ने आभार प्रदर्शित किया।

पहली प्राथमिकता पुलिस आवास

गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता पुलिस के अधिकारी-कर्मचारियों को आवास उपलब्ध कराना है। मुख्यमंत्री पुलिस आवास योजना में 5 चरणों में 25 हजार आवास-गृहों के निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हुई थी। अब तक 11 हजार 500 आवास-गृहों का निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। इनमें से 6 हजार 268 आवास-गृहों का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक 3 हजार 500 आवास-गृहों का निर्माण किया जा चुका है। इसी वित्तीय वर्ष में 31 मार्च तक 1500 आवास-गृहों का निर्माण पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। डॉ. मिश्रा ने बताया कि पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों को सरकार पीपीपी मोड पर भी आवास उपलब्ध कराने पर विचार कर रही है। इसके अलावा बीएसएनएल के रिक्त बंगलों को भी विभाग किराये पर लेकर अपने कर्मचारियों को उपलब्ध कराने पर विचार कर रहा है। सरकार का प्रयास है कि पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों को किरायामुक्त सुविधा मुहैया करा दी जाये।

देशभक्ति-जनसेवा को साकार कर दिखाया पुलिस ने

गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि कोरोना संकट में पुलिस महकमा स्वयं अपनी, अपने परिजन की परवाह किये बगैर कर्त्तव्य-पथ पर अडिग खड़ा रहा। जब सड़कों और गलियों में सन्नाटा पसरा हुआ था, लोग अपने घरों में थे, गाड़ियों के पहिए थमे हुए थे, तब पुलिस का जवान सैनिकों की भाँति लोगों की जान-माल की सुरक्षा के लिये हर गली-चौराहे पर तैनात था। इस दौर में अपनी कर्त्तव्यनिष्ठा से पुलिस विभाग ने देशभक्ति और जन-सेवा के ध्येय वाक्य को सच्चे अर्थों में साकार कर दिखाया।

विरासत में मिली थी खस्ताहाल रियासत

गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि पूर्व की सरकारों के समय में विकराल होती समस्याओं से खस्ताहाल रियासत हमें विरासत में मिली थी। तत्कालीन समय चम्बल और विंध्य क्षेत्र डकैतों की समस्याओं से जूझ रहे थे। बालाघाट में नक्सलियों ने आतंक मचा रखा था। मालवा क्षेत्र सिमी के आतंक से त्रस्त था, जहाँ कुओं में पानी की जगह हथियार मिलते थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में इन सभी समस्याओं का समाधान कर प्रदेश को शांति का टापू बनाया गया है। अब यहाँ न कोई चिन्हित गैंग, न माफिया और न ही सरगना है।

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