गैरतगंज में CM शिवराज ने किया जलाभिषेक अभियान का शुभारंभ, कहीं महत्त्वपूर्ण बातें

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज राज्य स्तरीय जल संसद एवं जलाभिषेक अभियान का शुभारंभ किया। यह कार्यक्रम रायसेन जिले की गैरतगंज तहसील के ग्राम कहुला में सम्पन्न हुआ। इस दौरान उन्होने कहा कि हमारी संस्कृति ही जल संस्कृति है। हमारे यहाँ कहा गया है कि जल ही अमृत है। रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून, पानी गये न ऊबरे, मोती, मानुष, चून।

सीएम ने वादा याद दिलाकर दिया वचन

सीएम ने वादा याद करते हुए कहा कि पिछले उपचुनाव में एक वादा किया था, जिस जगह सबसे ज्यादा वोट मिलेंगे, वहाँ हेलिकॉप्टर उतरेगा, वादा किया था, तो निभाना ही पड़ेगा। आज इसलिए मैं आया हूँ। वचन देता हूँ, इस क्षेत्र के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

सीएम ने याद दिलाई हमारी गलती

सीएम ने तालाबों का महत्त्व बताते हुए हमारी गलती भी उजागर की। उन्होंने कहा कि हजारों सालों से तालाब हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग रहे हैं। पुराने जमाने में राजाओं का एक महत्वपूर्ण काम था तालाब बनवाना। इससे हम वर्षा के जल को न सिर्फ जमीन में भेज सके, बल्कि उसे संचित कर के भी रख सके। हमने ट्यूबवेल बनवाए, खूब पानी निकाला, लेकिन हमने एक गलती की कि धरती माता के पेट में पानी पहुँचाने के लिए कोई काम नहीं किया। कई गाँवों में पानी हजार फुट तक नीचे चला गया। हमने धरती से पेड़ पौधे भी कम कर दिए। वर्षा के समय पेड़ों की जड़ें पानी सोखकर पानी धरती के अंदर पहुंचाती है। पेड़ कम हुए तो जलसंकट बढ़ा।

क्यों शुरू किया जलाभिषेक अभियान

सीएम ने इस अभियान के शुरू करने की वजह बताते हुए कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने पानी बचाने का संदेश दिया। हम इसके लिए क्या-क्या कर सकते हैं। हम चैक डैम बना सकते हैं, स्टॉप डैम बना सकते हैं, इसके साथ ही विभिन्न प्रकार की जल संरचनाएँ भी बना सकते हैं। जिस हिसाब से जल का स्तर गिर रहा है, और पेड़ कट रहे हैं, इससे वर्ष 2050 तक तापमान 2 डिग्री ज्यादा हो जाएगा। इससे धरती पर अभूतपूर्व संकट आएगा। हमारा कर्तव्य है कि हम ऐसा संकट न आने दें। इसलिए हमने जलाभिषेक अभियान शुरू किया।

मध्यप्रदेश में 5 हजार अमृत सरोवर बनाए जाएंगे- सीएम

बड़ा ऐलान करते हुए सीएम ने कहा आज हम सभी लोग इसी संकल्प के साथ इकट्ठा हुए हैं। हमने कुछ किसानों का सम्मान किया है जिन्होंने खेत तालाब बनवाए। हमने तय किया है कि मध्यप्रदेश में रु. 700 करोड़ की लागत से 5,000 अमृत सरोवर बनाए जाएंगे। रु. 350 करोड़ की लागत से 10,000 पुराने तालाबों को भी ठीक करेंगे। हम अलग-अलग जल संरचनाएँ बनाकर पानी रोकेंगे, धरती की प्यास बुझाएंगे और अपने लिए भी जल का इंतजाम करेंगे। इससे हमारे ट्यूबवेल चलेंगे, हमारे कुओं में पानी आ जाएगा और हम खेतों में सीधे सिंचाई करेंगे।

पूरा प्रदेश संकल्प ले कि हम पानी बचाने के कार्य में जुटेंगे

सीएम शिवराज ने जनता को संकल्प दिलाते हुए कहा कि हमने तय किया है कि मध्यप्रदेश की धरती पर आने-वाले सालों में हर घर में पाइपलाइन से पेयजल पहुंचाएंगे, जिससे मेरी माताएँ और बहनें पानी भरने दूर-दूर नहीं जाएंगी।हम घर-घर में पाइपलाइन से पानी पहुँचाने की व्यवस्था तो कर देंगे, लेकिन अगर ट्यूबवेल में पानी ही नहीं बचेगा, तो कहाँ से देंगे! इसलिए यह जलाभिषेक अभियान शुरू किया है। मेरे किसान भाइयों, पहले साढ़े सात लाख हेक्टेयर में सिंचाई होती थी, आज हमने सिंचित क्षेत्र बढ़ाकर 65 लाख हेक्टेयर कर दिया है। पूरा प्रदेश आज यह संकल्प ले कि हम आज से पानी बचाने के कार्य में जुटेंगे।

सीएम ने बताया गौरव दिवस पर क्या करें

सीएम ने कहा कि मैं आप सभी से यह भी प्रार्थना करता हूँ कि आप सालभर में कम से कम एक पेड़ लगाएँ। मैं रोज एक पेड़ लगाता हूँ। आप सभी अपने बाड़े में, खेत की मेढ़ पर, अपने स्कूलों में पेड़ लगाएँ। हर गांव का गौरव दिवस मनाया जाये। गौरव दिवस पर अपने गांव को स्वच्छ और हराभरा बनाने का संकल्प लें। हम गाँवों और शहरों का गौरव दिवस मना रहे हैं। गौरव दिवस पर हम संकल्प लें कि स्वच्छता अभियान में अपने गाँवों को पहले स्थान पर लायेंगे, बेटियों का सम्मान करेंगे और पेड़ लगायेंगे।

बेटियों पर गलत नजर डालेगा उसे नेस्तनाबूद कर दूंगा

सीएम चेतावनी देते हुए कहा कि 2 मई को पूरे प्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी दिवस मनाया जायेगा। बेटियों के सम्मान से खेलने वालों को मैं जीने लायक नहीं छोड़ूँगा। हम अभियान चला रहे हैं, जो बेटियों पर गलत नजर डालेगा, उसे जेल भेजेंगे और नेस्तनाबूद कर देंगे। आंगनवाड़ी के लिये हर किसान फसल आने पर 25 किलो आनाज अलग निकाल कर रख लें। ताकि अपनी आंगनवाड़ी ठीक चले।

किसोनों, गरीबों की हितैषी है सरकार

सीएम ने बताया कि किसानों के खातों में हमने अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से रु. 1,72,000 करोड़ रुपये डाले हैं। कोरोनाकाल में स्थगित हुए बिजली के बिल भी हमने माफ कर दिए हैं। इस साल 10 लाख मकान बनायेंगे। इस मध्यप्रदेश की धरती पर कोई बिना मकान के नहीं रहेगा। जिन गरीब परिवारों के पास रहने की जगह नहीं है, उन्हें हम मुख्यमंत्री भू-आवासीय अधिकार योजना के तहत मुफ़्त में प्लॉट देंगे। हमने प्रधानमंत्री आवास योजना के मकान बनाने के लिए इस साल रु. 10,000 करोड़ का बजट रखा है। कोई गरीब अब झोपड़ी में नहीं रहेगा।

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