Ujjain में लाउड स्पीकर से नमाज पर वकीलों ने राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन, Congress ने जताई आपत्ति

उज्जैन में ध्वनि प्रदूषण को लेकर बच्चों की शिक्षा में बाधा और मरीजों का स्वास्थ ठीक ना रहने का हवाला देते हुए वकीलों ने बुधवार को जिले के करीब 20 वकीलों ने राष्ट्रपति के नाम संभाग आयुक्त को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि जिले में बे-टाइम बजने वाले लाऊडस्पीकर पर प्रतिबंध लगाया जाए। ये लाउडस्पीकर कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे, बच्चों की शिक्षा में बाधा बन रहे हैं. साथ ही मरीजों को भी मानसिक रूप से ठीक नहीं रहने देते है. ऐसे में ये बड़ी चिंता का विषय है. अगर शासन इस पर गम्भीरत से विचार नहीं करता है तो सभी वकील जनहित में याचिका दायर कर आवाज उठाएंगे।

नूरी खान ने ट्वीट कर वकीलों को कहा आरएसएस का दलाल

कांग्रेस की महिला प्रदेश उपाध्यक्ष नूरी खान ने वकीलों को लेकर बड़ा बयान दिया है। नूरी खान ने ट्वीट कर कहा- अफसोस की बात है कि उज्जैन के कुछ अधिवक्ताओं ने अज़ान को ध्वनि प्रदूषण से जोड़कर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया हैं। अधिवक्ता होने के बाद ये सरासर देश के संविधान के 25 से 28 अनुच्छेद में धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लेख की अवहेलना है। मैं ऐसे अधिवक्ताओं की सूची जारी कर रही हूं। जो साम्प्रदायिक हैं, जो देश के संविधान की अवहेलना कर रहे है। उनका सामाजिक बहिष्कार किया जाना चाहिए। ये अधिवक्ता नहीं बल्कि आरएसएस के दलाल नज़र आ रहे है।

बता दें, 11 जनवरी को इंदौर में भी वकीलों ने राष्ट्रपति के नाम संभागायुक्त को बच्चो की शिक्षा में बाधा व बीमारी से पीड़ित मरीजो की परेशानी का हवाला देते हुए लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगाने के लिए मांग की है। लेकिन नूरी खान द्वारा उज्जैन के वकीलों को दलाल बतले वाला ये ट्वीट अब राजनीति में भूचाल लाने वाला है।

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