अपने लिए जिये तो क्या जिये, ए दिल तू जी जमाने के लिए…..जी हां ये पंक्तियां सुनने में अच्छी लगती हैं लेकिन इन्हें हकीकत के धरातल पर उतारने के लिए साहस और मन में कुछ अच्छा करने की लगन होनी चाहिए। इसी कड़ी में ना जाने कितने बच्चों के भविष्य को संवार रहा है के.जी. एन. फाउंडेशन। बता दें, Adopt an Anganwadi के तहत के. जी. एन. सोशल फ़ाउंडेशन ने वल्लभ नगर के दो आंगनवाड़ी केंद्रों को गोद लिया था। साथ ही एक और सहयोगी आंगनवाड़ी केंद्र है, जिसके साथ नवाचार करके भोपाल ही नहीं मध्यप्रदेश की पहली आंगनवाड़ी प्ले स्कूल मॉडल बना दिया।
इस आंगनवाड़ी केंद्र पर बच्चों को ड्रेस, स्कूलबैग दी गई है, टीवी स्क्रीन और पूरा फ़र्नीचर भी लगाया गया है। साथ ही बच्चों के प्ले स्कूल में झूले भी लगा रखे हैं ताक़ि बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ खेल में भी पारंगत हों। यह एकमात्र ऐसा केंद्र है जहां बच्चों को सभी सुविधाएँ देने का प्रयास किया गया है। ये एकमात्र केंद्र जहां हर त्यौहार को के. जी. एन. टीम अलग-अलग अंदाज़ से मनाती आ रही है। यहाँ लोगों का जुड़ाव भी तेज़ी से बढ़ रहा जहां लोग केंद्र के बच्चों के साथ लोग अपने परिवार की ख़ुशियों को बाँटने आने लगे हैं। भोपाल और भोपाल के बाहर से भी के. जी. एन. टीम हर पिछले दो सालो में स्वतंत्रता दिवस और गंणतंत्र दिवस को भी अलग तरीक़े से मनाया। इस आयोजन में सरकारी अफसर आये और उन्होंने बच्चों के साथ मिलकर जश्न मनाया और हमको हर संभव सहयोग करने का आश्वासन देकर गये। केंद्र के बच्चों के लिए समय-समय पर हम बच्चों के हेल्थ कैंप भी वहाँ लगा कर बच्चों के स्वास्थ्य का ख़याल रखने का प्रयास करते हैं और बच्चों को स्वच्छता के लिए प्रेरित करते हैं।कहते हैं जब किसी घर से एक बच्चा पढ़ लिख जाता है तो उसका उसके परिवार का उसकी आने वाली पीढ़ी का जीवन बेहतर बन जाता है। आज इस आंगनवाड़ी में पढ़ रहे बच्चे कल देश का भविष्य बनेंगे और जीवन की अनेकानेक चुनोतियों को योद्धा बन ललकारेंगे।