आज मनाया जाएगा आचार्य शंकर प्रकटोत्सव ‘एकात्मक पर्व’, CM शिवराज और केरल के राज्यपाल होंगे शामिल

आदि जगदगुरू शंकराचार्य की जयंती वैशाख शुक्ल पंचमी प्रदेश में ‘एकात्मक पर्व’ के रूप में मनाई जा रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मुख्य आतिथ्य में आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास द्वारा भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में 6 मई को शाम 6 बजे आचार्य शंकर प्रकटोत्सव “एकात्मक पर्व” का भव्य आयोजन होगा।

इस कार्यक्रम में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम में आचार्य शंकर के जीवन दर्शन पर राजकोट के स्वामीजी परमात्मानंद सरस्वती सारस्वत उद्बोधन देंगे। साथ ही ‘शंकर संगीत’ में कर्नाटक शैली के प्रसिद्ध बाल गायक सूर्यागायत्री और राहुल वेल्लाल शंकर रचित स्तोत्रों का गायन करेंगे।

प्रमुख सचिव संस्कृति और पर्यटन एवं न्यासी सचिव शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि जगदगुरू आदि शंकराचार्य के अद्वैत वेदांत के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए इस पर्व का आयोजन किया जा रहा है। इसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों से छात्र-छात्राएँ, युवा, कलाकार, पत्रकार, साहित्यकार, रंगकर्मी और शिक्षाविद शामिल होंगे। साथ ही अद्वैत वेदांत के प्रचार-प्रसार में महत्त्वपूर्ण योगदान देने वाले मध्यप्रदेश के विद्वानों को सम्मानित भी किया जाएगा। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण आचार्य शंकर न्यास और सीएमओ के यूट्यूब और सोशल मीडिया पर किया जायेगा।

कौन हैं स्वामी परमात्मानंद सरस्वती

स्वामी परमात्मानंद सरस्वती पूज्य स्वामी दयानंद सरस्वती के वरिष्ठ शिष्य हैं। स्वामी जी ने अपने गुरू के मार्गदर्शन में वेदांत, संस्कृत और योग का गहन अध्ययन किया है। हिंदू धर्म आचार्य सभा के संयोजक एवं सचिव, आर्ष विद्या मंदिर, राजकोट के संस्थापक आचार्य; शिवानंद आश्रम, अहमदाबाद के अध्यक्ष एवं आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास के न्यासी हैं। स्वामी जी भारत सहित विश्व में विगत 40 वर्षों से समाज के विभिन्न वर्गों में वेदांत का अध्यापन कर रहे हैं। हाल ही में स्वामी जी को गुजरात विश्वविद्यालय ने डी.लिट की मानद उपाधि प्रदान की। स्वामीजी समाज के सभी वर्गों, भक्तगण, युवाओं, शासकीय एवं कॉर्पोरेट अधिकारियों, छात्रों एवं बच्चों से संवाद करने और उनको प्रशिक्षित करने की विलक्षण योग्यता रखते हैं। स्वामी जी अनेक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों, बैठकों और कार्यक्रमों में सनातन धर्म और भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए वेदान्त का व्यापक प्रचार-प्रसार करते हैं।

सूर्यागायत्री केरल की प्रसिद्ध शास्त्रीय गायिका हैं। उन्होंने आनंदी और निशांत के मार्गदर्शन में कर्नाटक संगीत का औपचारिक प्रशिक्षण प्राप्त किया है। भारत सहित विभिन्न देशों में प्रस्तुतियाँ देते हुए अनेक पुरस्कार प्राप्त किए हैं।

बैंगलुरू निवासी राहुल वेल्लाल कर्नाटक संगीत के विख्यात गायक एवं संगीतज्ञ हैं। सुश्री रंजनी, सुश्री गायत्री, सुश्री कलावती अवधूत, श्री कुलुर यू जयचंद्र राव, श्री अभिषेक एन और श्री कुलदीप पाई के मार्गदर्शन में संगीत प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने भारत सहित विभिन्न देशों के प्रतिष्ठित मंचों पर प्रस्तुतियाँ देते हुए अनेक पुरस्कार प्राप्त किए हैं।

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