Congress में प्रत्याशी महत्वपूर्ण लेकिन BJP में जो विकास करेगा उसे उतारेगी पार्टी मैदान में, जमीनी कार्यकर्ता को मिले टिकट

भोपाल। प्रदेश में निकाय चुनाव और नामांकन की तारीख जारी होते ही बीजेपी-कांग्रेस में प्रत्याशी चयन का दौर शुरू हो गया। हर बार की तरह बीजेपी एक-एक सीट पर मंथन के बाद ही प्रत्याशी की घोषणा के मूड में है, जबकि कांग्रेस ने खुद को आगे दिखाने के लिए 15 निगमों में अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी। कांग्रेस की सूची के बाद से कार्यकर्ता स्वयं पक्षपात के आरोप लगा रहे हैं, जबकि बीजेपी नेताओं का कहना है कि टिकट जमीनी कार्यकर्ता को ही मिलेगा क्योंकि विकास हमारा प्रमुख एजेंडा है। सोमवार दोपहर से ही सीएम और दिग्गज नेताओं की मौजूदगी में बीजेपी प्रदेश कार्यालय में कोर गु्रप की बैठक जारी हैं।

कमलनाथ के आवास पर गुरुवार को हुई बैठक के बाद 16 में से 15 सीटों पर महापौर पद के लिए प्रत्याशियों की सूची जारी हो गई। खुद को असली कार्यकर्ता आधारित पाटी्र्र, कार्याकर्ताओं से फीड बैक और सर्वे के आधार पर टिकट देने की बात कहने वाली कांग्रेस के जमीनी कार्यकर्ता खुद को उस समय ठगा महसूस करने लगे जब कांग्रेस ने तीन वर्तमान विधायकों को ही महापौर पद के लिए मैदान में उतारने की घोषणा हुई। इंदौर से विधायक संजय शुक्ला, उज्जैन से महेश परमार और सतना विधायक सिद्यार्थ कुशवाहा को कांग्रेस ने प्रत्याशी घोषित कर दिया। इस सूची के बाद से यह संकेत साफ मिल रहे हैं कि कांग्रेस समझ चुकी है कि उनके लिए ये तीन सीटे जीतना कठिन है। ग्वालियर में महापौर प्रत्याशी को लेकर कांग्रेस में इस कदर विवाद है कि टिकट की दावेदारी कर रही शांति कुशवाहा कमलनाथ के आवास के बाहर धरने पर बैठ गई और मीडिया के सामने कमलनाथ पर अनदेखी के आरोप लगा डाले। वहीं बीजेपी में भले ही प्रत्याशियों की घोषणा नहीं हुई लेकिन मंथन का दौर जारी है।

बीजेपी में मंथन का दौर जारी

बीजेपी में बैठकों और मंथन का दौर जारी है। एक-एक सीट पर स्वयं सीएम शिवराज, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा और प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव नजर बनाए हुए हैं। वहां प्रत्याशी चयन का सबसे अहम आधार जमीनी कार्यकर्ता और जनता का फीडबैक है। बीजेपी ने संभागीय चयन समीतियों और चुनाव प्रभारियों की घोषणा की है, साथ ही कोर गु्रप की बैठके भी बुलाई जा रही है। शनिवार को प्रदेश बीजेपी कार्यालय में आयोजित बैठक में सीएम, प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्या सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर समेत कैबिनेट मंत्री उपस्थित रहे। वहां प्रभारियों के फीडबैक और स्थानीय समीकरण को देखते हुए करीब 4 घंटे तक मंथन हुआ और तय हुआ कि केवल उसी को टिकट मिलेगा जिसका क्षे़त्र के लोगों से विकास को लेकर जुडाव और जनता की सेवा करने की ललक होगी।

विधायकों को चुनाव लडाने के पक्ष में नहीं बीजेपी

सूत्रों की माने तो बीजेपी मौजूदा विधायकों को कांग्रेस की तरह महापौर प्रत्याशी बनाने के मूड में नहीं है। गोविंदपुरा विधायक कृष्णा गौर पूर्व में भोपाल महापौर रह चुकी हैं, लेकिन इस बार पार्टी उनको प्रत्याशी नहीं बनाएगी। भोपाल से बीजेपी की सक्रिया कार्यकर्ता मालती राय को महापौर पद का प्रबल दावेदार मना जा रहा है। वह 1985 से बीजेपी की सक्रिय कार्यकर्ता है और महिला मोर्चा महामंत्री, जिला अध्यक्ष, कार्यकारिणी सदस्य, पार्षद एव जोन अध्यक्ष समेत विभिन्न पदों पर जमीनी स्तर पर काम कर चुकी हैं।

कांग्रेस में प्रत्याशियों का टोटा, विभा को दोबारा रिपीट करने से जा सकती है सीट

प्रदेश महिला कांग्रेस की वर्तमान अध्यक्ष विभा पटेल पूर्व में भी भोपाल महापौर रह चुकी है, लेकिन उनके समय विकास की रफ्तार काफी धीमी रही। यही वजह रही कि वह अगली बार कृष्णा गौर से चुनाव हार गई। बीजेपी की महापौर बनने के बाद से राजधानी को एम्स, सिंगारचैली, सावरकर सेतु जैसी कई सौगाते मिली। कांग्रेस के महापौर के कार्यकाल में राजधानी सडकों और स्वच्छता में काफी पीछे थी।

जो 5 साल जनता की सेवा करेगा उसे मिलेगा टिकटः नरोत्तम मिश्रा

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सोमवार को कहा कि बीजेपी कार्यकर्ता आधारित पार्टी है, कांग्रेस की तरह व्यक्ति आधारित पार्टी नहीं। हमारे यहां उसे टिकट दिया जाएगा जो 5 साल जनता की सेवा करेगा। कांग्रेस में तो केवल दो लोगों को ही ध्यान में रखकर टिकट दिए जाते हैं। कांग्रेस को इन चुनाव में भी अपना भविष्य पता है।

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