विपक्ष ने कभी किसानों के हित में कदम नहीं उठाए – केंद्रीय मंत्री शिवराज

केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को सदन में प्रश्नकाल के दौरान कृषि संबंधी सवालों के जवाब देते हुए विपक्ष पर जमकर हमला बोला। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, किसानों की आय बढ़ाना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी और केन्द्र सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। केन्द्र सरकार कृषि और किसान कल्याण के लिए संकल्पित है और लगातार इस क्षेत्र में काम कर रही है। वहीं केन्द्रीय कृषि मंत्री ने सदन में नारियल, फसल बीमा योजना, प्राकृतिक खेती और e-NAM योजना सहित कई योजनाओं व गतिविधियों के संबंध में विस्तार से अपनी बात रखी। साथ ही शिवराज सिंह चौहान ने सदन में कृषि और किसान कल्याण को लेकर केन्द्र सरकार की उपलब्धियां गिनाई।
नारियल उत्पादन में भारत नंबर वन
केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, आज नारियन उत्पादन में हमारा देश नंबर एक पर पहुंचा है, जिसके पीछे प्रधानमंत्री मोदी जी की उत्पादन बढ़ाने की नीति है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि, वर्ष 2014-15 के दौरान नारियल का उत्पादन 140 लाख मीट्रिक टन था जो अब बढ़कर 153.29 लाख मिट्रीक टन हो गया है। विश्व में हमारी उत्पादकता सबसे अधिक है। आंध्रप्रदेश में भी उत्पादकता 11 मीट्रिक टन है। मैं आंध्रप्रदेश के किसानों को प्रणाम करता हूँ, बधाई देता हूँ कि, उन्होंने उत्पादकता के नए रिकार्ड स्थापित किए हैं। आंध्रप्रदेश में नारियल के उत्पादन को बढ़ाने की अपार संभावनाएं हैं और इसलिए आंध्रप्रदेश में उत्पादन बढ़ाने के लिए और क्षेत्र के विस्तार के लिए अनेकों प्रयास प्रारंभ किये गए हैं। पिछले 10 वर्षों में आंध्रप्रदेश राज्य में कुल नारियल क्षेत्र का विस्तार 12 हजार 391 हेक्टेयर किया गया है। जिससे 12 हजार 406 किसान लाभान्वित हुए हैं। ICAR ने भी लगातार ये प्रयत्न किये हैं कि जो अलग-अलग प्रकार की बीमारी नारियल के पामट्री के उपर आती है उस पर शोध किया जाए और शोध करने के बाद उन बीमारियों से निपटने के लिए अनेक उपाय किये गए हैं। कर्नाटक और केरल में कीटों और बीमारियों की समस्याओं के लिए किसानों को 50 करोड़ 56 लाख रुपए की सहायता प्रदान की गई है। केरल हो, कर्नाटक हो या तमिलनाडु हो जब ऐसी बीमारियाँ आती हैं तो हम लगातार प्रयत्न करते हैं कि बीमारियों का नियंत्रण भी किया जाए और किसानों को सहायता भी दी जाए।
फसल बीमा योजना, किसानों के लिए वरदान
केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना देश के किसानों के लिए वरदान बनकर सामने आई है और आज प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना बीमा आवेदन के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी फसल योजना है। कृषि राज्य का विषय है और ये योजना स्वैच्छिक है, इस योजना को चुनना राज्य की इच्छा पर निर्भर करता है। 23 राज्यों ने और केंद्र शासित प्रदेशों ने इस योजना का चयन किया है, लेकिन कुछ राज्य या केंद्र शासित प्रदेश अपने यहाँ की योजना भी चलाते हैं। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि, किसानों का नुकसान हो तो उसकी भरपाई हो जाए, यह मोदी सरकार की नीति है। इसलिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जैसी योजना बनी है। उन्होंने कहा कि, मैं अलग-अलग राज्यों में जा रहा हूं और किसानों के साथ सीधी चर्चा भी कर रहा हूं। हम दादरा नगर हवेली के लिए भी किसानों के कल्याण के लिए हर संभव कदम उठाने का प्रयास करेंगे। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और उसमें भी बागवानी फसलों के लिए मौसम आधारित फसल बीमा योजना राज्य सरकार के प्रस्तावों पर केंद्र सरकार लागू करती है। मध्यप्रदेश में केले का बहुत अच्छा उत्पादन होता है और अलग-अलग राज्य सरकारें अपने किसानों के हित के लिए कदम उठाती है। मध्यप्रदेश में केले के नुकसान पर ₹2 लाख प्रति हेक्टेयर की दर से राहत की राशि दी जाती है। पहले जो फसल बीमा योजना थी वह बहुत डिफेक्टिव थी। कई बार 6 से 8 महीने 1 साल तक लग जाता था, लेकिन अब प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत यह तय किया गया है कि, फसल कटाई के अधिकतम 1 महीने के बाद राज्य सरकार रिपोर्ट भेजें और वह रिपोर्ट मिलने के बाद फसल का जो दावा है, उसका भुगतान किसानों को कर दिया जाए। अब हमने ये भी तय किया है कि, अगर राज्य सरकार उपज के आंकड़े भेज दें और उसमें बीमा कंपनी देरी करेगी तो 12% उन्हें ब्याज देना पड़ेगा।
कांग्रेस ने कभी किसानों का भला नहीं किया
केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, विपक्ष में बैठे लोगों ने कभी भी किसानों का भला नहीं किया है। कांग्रेस की सरकार में जो फसल बीमा योजना थी उसमें तहसील और ब्लाक इकाई होती थी, और इसका मतलब होता था कि, अगर 1 किसान की फसल खराब होती है तो उसे राहत नहीं मिलेगी, 10 गांव भी की फसल खराब हो जाए तो भी किसानों को मुआवज़ा नहीं मिलेगा। जब पूरी तहसील की फसल खराब होगी तभी किसानों को राहत दी जाएगी। ऐसे में किसान भगवान से प्रार्थना करते थे कि, पूरी तहसील की फसल बर्बाद हो जाए ताकि उन्हें मुआवज़ा मिल सके। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, कांग्रेस की ऐसी फसल बीमा योजना में बदलवा करते हुए हमारी सरकार ने योजना की इकाई गांव को बनाने का काम किया। पहले स्थानीय आपदा, फसल बीमा योजना में सम्मिलित नहीं थी लेकिन अब हमने स्थानीय आपदा को भी सम्मिलित करके तय कर दिया है कि, एक किसान का भी नुकसान होगा तो भरपाई की जाएगी। उस समय की योजना में अनेकों विसंगतियां थी। तब उन्होंने तय किया था कि, फसल बीमा योजना ऋणी किसानों के लिए अनिवार्य है और वो बीमा किसान की फसल का नहीं बल्कि बैंकों के लोन का होता था। हमने तय कर दिया अब यह योजना अनिवार्य नहीं रहेगी। शिवराज सिंह ने कहा कि, जब कांग्रेस की सरकार फसल बीमा योजना चलाती थी तो गैर ऋणी किसान आते ही नहीं थे, आज मुझे बताते हुए खुशी है कि, गैर ऋणी किसानों के भी 5 करोड़ से ज्यादा आवेदन आए हैं जिसमें ₹35000 करोड़ रुपए का किसान प्रीमियम पर 1 लाख 72 हजार करोड़ रुपए किसानों के खाते में देने का काम किया है तो नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने किया है।
राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन
केमिकल फ़र्टिलाइज़र के अनियंत्रित और अधिक इस्तेमाल के कारण आज धरती की उर्वरक क्षमता कम हो रही है जैविक कार्बन घट रहा है, मित्र कीट मारे जा रहे हैं, जल धारण की क्षमता घटती जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विजनरी लीडर हैं वो केवल आज का नहीं सोचते आने वाली पीढ़ियों को भी बेहतर भविष्य कैसे दें सकते हैं, इसका विचार भी करते हैं और इसलिए नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग को 15 नवंबर 2024 को मंजूरी दी गई है। प्राकृतिक खेती के लिए इस मिशन के माध्यम से हम किसानों का प्रेरित करने का प्रयास कर रहे हैं। शिवराज सिंह ने कहा कि, किसान धीरे-धीरे प्राकृतिक खेती की तरफ बढ़ें, पूरी जमीन पर नहीं लेकिन जमीन के एक हिस्से में प्राकृतिक खेती प्रारंभ करें और उसके परिणामों के आधार पर बाकी किसान भी सीखेंगे और आगे बढ़ेंगे। इसके लिए प्राकृतिक खेती का एक मिशन बनाया गया है। साथ ही शिवराज सिंह ने कहा कि, महाराष्ट्र सरकार प्राकृतिक खेती पर पहले से ही काम कर रही है। मैं महाराष्ट्र सरकार और पूरी टीम को बधाई देता हूं। कुछ अन्य राज्य सरकारें भी प्राकृतिक खेती पर काम कर रही है, लेकिन अभी प्राकृतिक खेती मिशन के अंतर्गत महाराष्ट्र को 1709 क्लस्टर का आवंटन किया गया है। 85,450 हेक्टेयर में प्राकृतिक खेती की जाएगी। जिसमें 2 लाख 13 हजार किसान प्राकृतिक खेती की शुरुआत करेंगे। रासायनिक उर्वरकों के उपयोग से मिट्टी पर बहुत बुरा असर पड़ता है, लेकिन प्राकृतिक खेती मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार लाती है और इसलिए यह आशंका कि, इससे उत्पादन बहुत घट जाएगा लेकिन यह आशंका पूरी तरह से सही नहीं है। प्राकृतिक खेती ठीक विधि से किसान कर सकें, इसके लिए हम प्रत्येक क्लस्टर में दो कृषि सखी और कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन नियुक्त करेंगे। प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को प्रॉपर ट्रेनिंग देंगे। जो इनपुट लगते हैं, उनको आसानी से उपलब्ध कराने के लिए 10 हजार बायो इनपुट रिसोर्स सेंटर भी प्रारंभ करेंगे उनके लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान करेंगे। किसानों को अपने खेत पर भी इनपुट बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा अगर ठीक इनपुट डाले जाएंगे तो उत्पादन नहीं घटेगा।
e-NAM पोर्टल
केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, हमने छोटे किसानों को कवर करने का पूरा प्रयास किया है, हमने राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों को ई-नाम के संचालन के लिए स्थानीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए फंड दिया जा रहा है। किसानों को अपने उत्पाद कहीं और न ले जाना पड़े, वो मंडी में ही e-NAM प्लेटफॉर्म के साथ व्यापार कर सके। इसके लिए बिहार की 20 बाजार समितियों को e-NAM प्लेटफॉर्म के साथ एकीकृत करने का काम किया गया है। भारत सरकार ने e-NAM प्लेटफार्म में मंडियों को जोड़ने का लगातार प्रयत्न किया है। 23 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों की 1410 मंडियों को e-NAM प्लेटफार्म से जोड़ा गया है।