जबलपुर जिले के सिहोरा में एक पिता को बेटे और बहू प्रताड़ित करते थे। पिता अपनी गुहार लेकर SDM के पास गए। अमूमन SDM प्रशासनिक कामों एवं रिवेन्यू के विवादों के निपटारे में इतने व्यस्त रहते हैं कि आम आदमी से ठीक से बात ही नही करते, लेकिन सिहोरा के SDM ने इस मिथक को झुठलाया। उन्होंने सिखाया कि कैसे किया जाता है पिता का सम्मान।
आपको बता दें, सबसे पहले SDM साहब ने बेटे को चमकाया। इसके बाद पिता के चरण धुलवाकर माफ़ी मंगवाई।उसके बाद बेटा, पिता को अपने साथ घर ले गया। SDM ने साथ ही ताक़ीद भी दी कि आइंदा पिता के साथ कोई बेअदबी की तो ध्यान रखना। अभिनंदन है SDM साहब आपका… जब बच्चे संस्कार भूल जाएं तो प्रशासन का ऐसा डर ज़रूरी है।