अपने लिये न सही, अपनों के लिये ही लगा लो मास्क #मास्क_है_तो_सांस_है
दुनिया में ऐसा कोई शख्स नहीं होगा,जो कोविड की भयाभयता से अंजान होगा, लेकिन इसके विपरीत इंसानी फितरत लापरवाही को नजरअंदाज करने की है। ऐसे में हर कोई व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगाते मिल सकता है,बजाये अपनी जिम्मेदारी निभाने के।
लेकिन इसके विपरीत कुछ दृश्य सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति सकारात्मक संदेश का प्रवाह करते हैं। जो केवल अपने लिये नहीं बल्कि अपनों (समाज) के लिये कर्तव्यों का निर्वाह करते हैं। #सेवा_भारती के ऐसे समर्पित कार्यकर्ताओं को नमन है।
ये दृश्य है #भोपाल के कोलार तिराहे का जहां कुछ माताएं, बहनें और पुरुष लोगों को कोविड संक्रमण की तीसरी लहर के प्रति सचेत करने और उनके वाहनों को रोक-रोककर मास्क लगाने की अपील कर रहे हैं, जिनके पास मास्क नहीं है उन्हें मास्क देकर अपने परिवार की सुरक्षा के लिये लगााने की अपील करते हैं।
आखिर उनका भी परिवार है, रोजी रोटी है, लेकिन इसके पूर्व समाज को जागरूक करने और कोविड जैसी भयानक बीमारी को रोकने की पहल की जिम्मेदारी भी। और हम हैं कि एक मास्क भी ठीक से नहीं लगा पा रहे।
इतना ही कहूंगा कि…..
एक दिव्य ज्योति से,असंख्य दीप जल रहे।
कौन लौ बुझा सके, आंधियों में जो जले
तेज पुंज हम बढे, तमस चीरते हुए।
ये धड़कने ये स्वास हो, पुण्यभूमि के लिए
देश के लिए जिए, समाज के लिए जिए
– आलोक शर्मा