लाड़ली लक्ष्मी-2.0 योजना फिर हो रही है शुरु, जानिए MP की बेटियों के लिए क्या-क्या मिल रहीं हैं सौगातें
मध्यप्रदेश में बेटी के जन्म को अब बोझ के रूप में नहीं लिया जाता बल्कि बेटी के जन्म की खुशियाँ मनाई जाती है। इस अवधारणा को बदलने में प्रदेश की लाड़ली लक्ष्मी योजना मुख्य आधार रही है। एक अप्रैल 2007 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाड़ली लक्ष्मी योजना लागू की थी। प्रदेश में आज 43 लाख से अधिक बालिकाएँ लाड़ली लक्ष्मी योजना में शामिल हैं। योजना के सफल क्रियान्वयन और सकारात्मक परिणामों से अनेक राज्यों ने न सिर्फ इस योजना की सराहना की है अपितु इसे अपने राज्य में लागू भी किया है।
लाड़ली लक्ष्मी योजना से बेटियों को क्या-क्या मिला
- लाड़ली लक्ष्मी योजना ने बेटियों के प्रति रूढ़िवादी परम्पराओं को भी दर किनार किया है।
- योजना के प्रभावी क्रियान्वयन ने प्रदेश के कई जिलों में लिंगानुपात में भी सुधार किया है।
- वर्ष 2012 में मध्यप्रदेश में लिंगानुपात 1000 पुरूष पर 927 महिला का था, जो आज बढ़ कर 956 हो गया है।
- मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा इस कारगर योजना को और अधिक प्रभावी और कारगर बनाने के लिये योजना को नया कलेवर दिया जा रहा है।
- अब लाड़ली लक्ष्मियों को शिक्षा और रोजगार से जोड़ने, उन्हें सशक्त, समर्थ, सक्षम और आत्म-निर्भर बनाने के लिये अनेक प्रावधान किये जा रहे हैं।
- बेटियों को उच्च शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, रोजगार और स्व-रोजगार से जोड़ने की पहल भी सरकार कर रही है।
प्रदेश में 43 लाख से अधिक लाड़ली लक्ष्मियाँ
- प्रदेश में 43 लाख से अधिक बालिकाएँ लाड़ली लक्ष्मी योजना में पंजीकृत हैं।
- लाड़लियों का भविष्य उज्ज्वल बनाने के लिए योजना की लाभार्थी बालिका को कक्षा 6 में प्रवेश पर 2 हजार रूपए, कक्षा 9वीं में प्रवेश पर 4 हजार रूपए, कक्षा 11वीं में प्रवेश पर 6 हजार रूपए और कक्षा 12वीं में प्रवेश पर6 हजार रूपए की छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है।
- बालिका के 12वीं की परीक्षा में शामिल होने और 18 वर्ष की आयु तक विवाह न करने तथा 21 वर्ष पूर्ण होने पर एक लाख रूपए के भुगतान की व्यवस्था है।
12वीं के बाद पढ़ाई के लिए 25 हजार रूपए मिलेंगे
- हाल ही में मुख्यमंत्री चौहान ने योजना में पंजीकृत बालिकाओं को 12वीं कक्षा तक पढ़ाई पूरी करने पर आगे की शिक्षा अथवा व्यवसायिक प्रशिक्षण के लिए प्रोत्साहन स्वरूप 25 हजार रूपए की राशि उपलब्ध कराने का भी निर्णय लिया है।
बेहतर लिंगानुपात के लिए पुरस्कार
- मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदेश में बेहतर लिंगानुपात सुनिश्चित करने के लिए ग्राम पंचायतों और शहरी स्थानीय निकायों को पुरस्कृत करने की योजना भी बनाई है।
लाड़ली लक्ष्मी बालिकाओं ने किया वाघा बार्डर का भ्रमण
- प्रदेश में पुन: शुरू हुई “माँ तुझे प्रणाम” योजना में 2 मई को पहली बार 178 लाड़ली लक्ष्मी बालिकाओं को अंतर्राष्ट्रीय सीमा वाघा-हुसैनीवाला (पंजाब) बार्डर भ्रमण पर ले जाया गया है।
- वाघा बार्डर पर तैनात वीर जवानों के लिये लाड़ली लक्ष्मी बालिकाओं के माध्यम से तिरंगा और मध्यप्रदेश की तरफ से स्मृति-चिन्ह भी भेजे गये ।