MP : खरगोन में पत्थरबाजी करने वाले दंगाईयों के घरों पर चढ़ा ‘मामा का बुलडोजर’

बीते रविवार को रामनवमीं पर शोभायात्रा निकालने के दौरान सम्प्रदायिक विवाद हो गया था और उस विवाद मे दंगाईयो ने पथराव, आगजनी की घटना की थी। उस दिन देर रात तक अलग-अलग हिस्सों में आगजनी हुई थी और इसी के साथ ही गोली लगने से खरगोन एसपी सिद्धार्थ चौधरी और 10 पुलिस कर्मी घायल हुए थे। वहीं आज इस घटना को CM शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, ‘इस हिंसा में शामिल आरोपियों की पहचान कर ली गई है और उन्हें बख्सा नहीं जाएगी।

सीएम का बयान

सीएम ने कहा था कि रामनवमी के अवसर पर खरगोन में हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। मध्यप्रदेश की धरती पर दंगाइयों के लिए कोई स्थान नहीं है। यह दंगाई चिन्हित कर लिए गए हैं, इनको छोड़ा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ कठोरतम कार्यवाही की जाएगी।’निकलने वाली शोभायात्रा की शुरुआत में ही शहर के तालाब चौक से शुरू हुआ पथराव व आगजनी का सिलसिला चला। दंगाइयों ने खूब उत्पात मचाया। लगभग आधे शहर में अलग-अलग कई स्थानों पर पथराव, पेट्रोल बम फेंकने, आगजनी, वाहन जलाने आदि की घटनाएं हुई। इन घटनाओं में एसपी, शहर टीआइ सहित अन्य लोग घायल हुए। वहीं अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक्शन में आ गए हैं, उन्होंने कहा कि दंगाईयों को बख्शा नही जाएगा।

सीएम के आदेश के बाद तुरंत कार्रवाई

अब उन्होंने अपने वादे को पूरा करते हुए बुलडोजर चलवा दिए हैं। वहीं दूसरी तरफ खरगोन के जिलाधिकारी अनुग्रह पी ने कहा कि, ‘पूरे खरगोन में कर्फ्यू लगा दिया गया है। सीएम ने कहा है कि सार्वजनिक और निजी दोनों संपत्तियों को हुए नुकसान की भरपाई इन्हीं से की जाएगी।’ इसी के साथ खरगोन के डीआईजी तिलक सिंह ने कहा है कि रविवार को रामनवमी जुलूस पर पथराव के बाद हमने 60-70 लोगों को हिरासत में लिया है। कुछ घर और गाड़ियों को भी दंगाइयों ने जला दिया था। एसपी को भी पांव में गोली लगी है। उनकी हालत अभी स्थिर है। सीएम शिवराज के आदेश के बाद कार्रवाई शुरू हुई और चिन्हित दंगाइयों के घरों पर बुलोडोज़र चढ़वा कर मकानों को ज़मीदोज़ कर दिया।

हिंसा में सरकारी कर्मियों की गई नौकरी

इस हिंसा में कई सरकारी कर्मचारियों के शामिल होने की जानकारी भी सामने आई। जानकारी के अनुसार दंगे में शामिल 4 शासकीय कर्मचारियों में से 3 की सेवा को समाप्त कर दिया गया है। वहीं एक शासकीय कर्मचारी को सस्पेंड करने की कार्रवाई की गई है।

दिग्विजय ने लगाया आरोप

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि खरगोन में हुए उपद्रव के लिए पूरी तरह से जिला प्रशासन जिम्मेदार है। प्रशासन को सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने चाहिये थे। हालात बिगड़ने के बाद भी प्रशासन उन पर काबू पाने में नाकाम रहा है। जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

नरोत्तम मिश्रा ने जाना कुशलक्षेम

वहीं गृहमंत्री नरोत्तम ने घायल पुलिसकर्मियों से बात की। उन्होनें ट्वीट करते हुए कहा कि खरगोन में उपद्रवी बड़ी साजिश को अंजाम देना चाहते थे लेकिन मप्र पुलिस की जांबाजी के कारण वे अपने मंसूबे में सफल नहीं हो पाए। अराजक तत्वों को रोकने के दौरान खरगोन के SP सिद्धार्थ चौधरी और 6 पुलिस जवान घायल हुए हैं। SP सिद्धार्थ चौधरी जी से वीडियो कॉल कर उनका कुशलक्षेम जाना।

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