MP : ग्रामीण पर्यटन नीति से जुड़े एमपी के 100 से अधिक गांवों को मिला अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार

संपूर्ण भारत पर्यटन की असीम संभावनाओं से भरा है। पर्यटन वर्तमान में विश्व का सबसे बड़ा उद्योग है। लाखों की संख्या में दुनिया के कोने-कोने से लोग भारत की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों को देखने आते हैं। जिसका फायदा देश की जीडीपी के साथ ही लोगों को भी होता है। पर्यटन से आज देश के 8 फीसदी से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल रहा है। देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने कई योजनाएं और अभियानों की शुरूआत की है, जिसके तहत “ग्रामीण पर्यटन” के विकास के लिए राज्यों के साथ ताल-मेल कर योजनाएं बनाई गई हैं।

जब हम ग्रामीण पर्यटन की बात करते हैं, तो देश का दिल मध्य प्रदेश अपनी सांस्कृतिक, ऐतिहसिक, आध्यात्मिक और प्राकृतिक विरासतों के समृद्ध परिवेश के साथ हमारे सामने आता है। हमारे गांव पर्यटन की एक समृद्ध विरासत हैं, जो लोगों को अपनी ओर खींचते हैं। गांव दिलों को छूने वाली एक आनंदमयी अनुभूति देते हैं। मेट्रो सिटी में रहकर दौड़ती-भागती जिंदगी का हिस्सा बन गए लोग ग्रामीण पर्यटन का लुत्फ उठा गांव की सुकून भरी सुबह, देसी खाने, लोक संगीत, लोक कलाओं, रीति रिवाजों-परंपराओं और गांव के सादे जीवन को करीब से महसूस कर सकते हैं।

देश का दिल मध्य प्रदेश की आत्मा इसके गांवों में बसी है। प्रदेश के ग्राम्य जीवन और संस्कृति का अनुभव कराने के लिए मध्य प्रदेश में ग्रामीण पर्यटन की शुरुआत की गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में जनभागीदारी से प्रदेश के लगभग 100 ऐसे गांवों को परियोजना से जोड़ा गया है, जो कि प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों के नजदीक बसे हैं। इसके साथ ही ये गांव प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण हैं। आने वाले सैलानियों को ध्यान में रखते हुए गांवों के आस-पास अनेक गतिविधियां हैं। यदि ग्रामीण पर्यटन सफल होता है, तो इसका सीधा फायदा प्रदेश के साथ ही स्थानीय लोगों को भी होगा। लोग आत्मनिर्भर बन रोजगार के नए अवसर प्राप्त कर सकेंगे।

मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग ने प्रदेश के प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर और सांस्कृतिक वैभव से संपन्न गांवों को ग्रामीण पर्यटन से जोड़ा है। प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों के नजदीक बने मकानों में होम स्टे की बेहतर सुविधा सुनिश्चित की गई है, जिसे ऑनलाइन माध्यमों से बुक किया जा सकता है। वहीं ऐसे स्थलों के प्रचार-प्रसार के लिए मध्य प्रदेश सरकार स्थानीय युवाओं को सोशल मीडिया का प्रशिक्षण प्रदान करती है। पर्यटन विभाग ग्रामीण पर्यटन के विकास के लिए जो प्रयास कर रहा है वो सफलता के आयाम को छूते नजर आ रहे हैं। पर्यटन विभाग की कोशिशों का ही परिणाम हैं कि 2021 में मध्य प्रदेश में सैकड़ों पर्यटकों ने ग्रामीण पर्यटन का लुत्फ उठाया हैं, इन पर्यटकों में देशी-विदेशी पर्यटक भी शामिल रहे। शुरुआती दौर में पर्यटकों की संख्या उम्मीद से कम रही लेकिन स्थानीय लोगों को प्रोत्साहित करने और भविष्य की सकारात्मक संभावनाओं को दर्शाने के लिए पर्याप्त थी।

“ग्रामीण पर्यटन नीति” के लिए मिला अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार

मध्य प्रदेश में करीब 450 ऐसे पर्यटन केन्द्र हैं, जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। प्रदेश की पर्यटन नीति निवेशकों के लिए अवसरों के द्वारा खोलती है। मध्य प्रदेश की पर्यटन नीति की तारीफ दुनियाभर में हुई। 2021 में मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड की ग्रामीण पर्यटन परियोजना को वर्ल्ड ट्रैवल मार्ट के वर्ल्ड रिस्पांसिबल टूरिज्म अवार्ड-2021 में ‘‘सर्वश्रेष्ठ परियोजना’’ का पुरस्कार मिला है। ‘‘इंटरनेशनल रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म सेंटर’’ ने प्रदेश के पर्यटन बोर्ड को ‘‘सर्वश्रेष्ठ पोस्ट कोविड पर्यटन गंतव्य विकास’’ श्रेणी में पुरस्कार दिया है। मध्य प्रदेश ग्रामीण पर्यटन को भी इसी श्रेणी में अंचल स्तर पर ‘स्वर्ण पुरस्कार’ मिला है।

ग्रामीण पर्यटन आपको शहर के ट्रैफिक से दूर सुकून के करीब ले जाने का माद्दा रखता हैं। यहां आपकोगाड़ियों का हॉर्न कम पक्षियों का कलरव ज्यादा सुनाई देगा। सुबह की धूप खिड़कियों से झनकर नहीं बल्कि सीधे सूर्योदय का नजारा दिखेगा। किसी शाम आप सूरज को नदी में डूबते कैमरे में कैद कर सकते हैं और इन सबके इतर आप खुद से रूबरू हो सकते हैं।

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