वर्ष 2021 – मंत्रि-परिषद के महत्वपूर्ण निर्णय
बीता साल मध्यप्रदेश के लिए उल्लेखनीय रहा। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में राज्य मंत्रि-परिषद ने ऐतिहासिक और दूरदर्शी फैसले लेकर उन पर अमल किया। इन फैसलों की प्रदेश और प्रदेशवासियों को कोविड-19 संक्रमण के दौर में कोविड-19 पर नियंत्रण और कोविड प्रभावितों के समुचित उपचार और अन्य व्यवस्थाओं के प्रबंधन में प्रभावी भूमिका रही। साथ ही प्रदेश के विकास और प्रदेशवासियों की तरक्की और खुशहाली के कामों को भी गति मिली।
इस अरसे में सरकार के सुविचारित फैसलों से निवेश को भी प्रोत्साहन मिला। सबसे बढ़कर कोविड-19 से प्रभावित व्यापार-व्यवसाय, शिक्षा, सामाजिक, औद्योगिक, आर्थिक क्षेत्र को भी सरकार का संबल मिला। इन फैसलों के माध्यम से सरकार निम्न, मध्यम और गरीब वर्ग के संकट में खड़ी रही। किसान हो या महिलाएँ, अनुसूचित जाति, जनजाति के भाई-बहन, पिछड़े वर्गों, युवा, महिलाएँ, बच्चों, विमुक्त जातियों और सामान्य निर्धनों के कल्याण और सशक्तीकरण के फैसले बीते एक साल में मंत्रि-परिषद की बैठकों के एजेंडा के हिस्सा रहे हैं। ऐसे ही जनता और विभिन्न वर्गों से सीधे जुड़े और शिक्षा और स्वास्थ्य, अधोसंरचना विकास, रोज़गार और सुशासन के क्षेत्र में तेजी से काम कर आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप पर अमल संबंधी कुछ फैसले यहाँ प्रस्तुत है।
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना के लिए 500 करोड़ रुपये की मंजूरी
- वर्ष 2021 में मंत्रि-परिषद की पहली बैठक मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में 12 जनवरी को हुई। बैठक में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना को वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक के लिए राशि 500 करोड़ रुपये के प्रावधान के साथ क्रियान्वित करने की स्वीकृति दी गई। योजना कलस्टर एप्रोच के साथ “एक जिला-एक उत्पाद” पर आधारित है।
ग्रामीण (सीमान्त, छोटे किसान तथा भूमिहीन कृषि श्रमिक) ऋण विमुक्ति विधेयक
- मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश ग्रामीण (सीमान्त व छोटे किसान तथा भूमिहीन कृषि श्रमिक) ऋण विमुक्ति विधेयक-2020 के संबंध में संविधान के अनुच्छेद 304 (बी) के परन्तुक के अनुसरण में विधेयक को विधान सभा में पुन: स्थापित करने के पहले राष्ट्रपति की अनुमति प्राप्त करने एवं विधानसभा से पारित कराने की सभी कार्यवाही के लिए राजस्व विभाग को अधिकृत किया।
- ग्रामीण क्षेत्रों के भूमिहीन कृषि श्रमिकों, सीमान्त किसानों तथा छोटे किसानों (राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों में निवासरत मध्यप्रदेश की अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों को छोड़कर) को, नियमों व प्रक्रिया के विरुद्व तथा अत्यन्त ऊँची ब्याज दरों पर दिये गये ऋण की समस्या निदान के लिए 15 अगस्त 2020 तक दिए गए कतिपय ऋणों, जिनमें ब्याज की राशि शामिल है, के उन्मोचन द्वारा राहत देने के लिए मध्यप्रदेश ग्रामीण(सीमान्त व छोटे किसान तथा भूमिहीन कृषि श्रमिक) ऋण विमुक्ति विधेयक, 2020 प्रस्तावित किया गया।
निर्माण अनुबंधों में परफॉर्मेंस गारंटी 3 प्रतिशत की गयी
- मंत्रि-परिषद ने लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत आदेश जारी होने की दिनांक से 31 दिसम्बर, 2021 तक निष्पादित होने वाले सभी निर्माण अनुबंधों में परफॉर्मेंस गारंटी की राशि 5 से घटा कर 3 प्रतिशत के मान से प्राप्त करने की स्वीकृति दी। इस निधि की प्राप्ति/वापसी की प्रक्रिया पूर्व अनुसार यथावत रहेगी। पूर्व के निष्पादित अनुबंधों में कोई राशि वापस नहीं की जाएगी एवं 31 दिसम्बर, 2021 के पश्चात इस आदेश के फलस्वरूप लाभान्वित होने वाले अनुबंधों से कोई अतिरिक्त राशि नहीं ली जाएगी।
शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर निर्णय का अनुमोदन
- मंत्रि-परिषद ने वर्ष 2019-20 के लिये सहकारी बैंकों से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों द्वारा कृषकों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर अल्पावधि कृषि ऋण दिये जाने की योजना की शर्तें एवं ड्यू डेट वृद्धि के संबंध में समय-समय पर समन्वय में मुख्यमंत्री द्वारा दिये गये आदेशों एवं तदनुसार की गयी कार्यवाही का अनुमोदन किया।
15 करोड़ ऋण राशि देने का निर्णय
- मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में दुग्ध संघों की कार्यशील पूँजी की समस्या को दूर करने के लिए एम.पी.सी.डी.एफ. को मध्यप्रदेश मूल्य स्थिरीकरण कोष से 15 करोड़ की राशि का ऋण उपलब्ध करने का निर्णय लिया।
बनी (हरबाखेड़ी) मध्यम सिंचाई परियोजना के लिये 93 करोड़ 75 लाख रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति
- मंत्रि-परिषद ने 9 फरवरी को बनी (हरबाखेड़ी) मध्यम सिंचाई परियोजना के लिए 93 करोड़ 75 लाख रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी। परियोजना से 3,050 हेक्टेयर में सिंचाई हो सकेगी। आदिम-जाति कल्याण विभाग का नाम बदलकर जनजातीय कार्य विभाग करने का भी निर्णय लिया गया।
राजस्व पुस्तक परिपत्र में आवश्यक संशोधनों की मंजूरी
- मंत्रि-परिषद ने राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड छ: क्रमांक 4 परिशिष्ट-1 में वन्य-प्राणियों द्वारा भी मकान पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से क्षत्रिग्रस्त होने पर आर्थिक अनुदान सहायता दिये जाने का प्रावधान जोड़ने की मंजूरी दी। इसी परिशिष्ट में वर्तमान में प्राकृतिक प्रकोप या अग्नि दुर्घटना के कारण पीड़ित परिवार के कपड़े, खाद्यान्न एवं बर्तनों की हानि के लिए प्रति परिवार के मान से 5 हजार रुपये के आर्थिक अनुदान, 50 किलोग्राम खाद्यान्न (गेहूँ/चावल) एवं 5 लीटर केरोसीन तात्कालिक सहायता के रूप में देने के प्रावधान में वन्य-प्राणियों द्वारा हुई क्षति को भी जोड़ने की मंजूरी दी गई।
- एस.डी.आर.एफ. से राशि व्यय के संबंध में ऐसे मद, जिनके राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 में कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है, को भी भारत शासन के एस.डी.आर.एफ. संबंधी निर्देशों के आधार पर शामिल करने का प्रावधान किया गया।
- राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड छ: क्रमांक 4 में शामिल देय अनुदान सहायता से कम मूल्य की फसल क्षति हुई हो तो अनुदान सहायता उस मूल्य के बराबर देय होगी, किंतु एक कृषक को सभी फसलों के मामलों में राशि देय 5 हजार रुपये से कम नहीं होगी, के स्थान पर देय अनुदान सहायता से कम मूल्य की फसल क्षति हुई हो तो अनुदान सहायता उस मूल्य के बराबर देय होगी। प्रत्येक खाते के लिये सभी फसलों के मामले में देय राशि 5 हजार रुपये से कम नहीं होगी।” प्रतिस्थापित करने की मंजूरी दी। राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 में फसल हानि पर देय सहायता अब प्रत्येक खाते के लिए सभी फसलों के मामलों में देय राशि 5 हजार रुपये से कम नहीं होगी, प्रावधानित करने की भी मंजूरी दी गई।
- मंत्रि-परिषद की 9 मार्च को हुई बैठक में कृषि प्रयोजनों के लिये उपयोग में लाये जाने के लिये मध्यप्रदेश में पंजीकृत कम्बाइन हार्वेस्टर एवं ट्रेक्टर पर जीवन काल कर को आगामी 2 वर्षों के लिये एक प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया। प्रदेश के सहकारी बैंकों से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं (पैक्स) से शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर किसानों को अल्पावधि फसल ऋण देने की योजना को वर्ष 2020-21 में निरंतर रखने का निर्णय लिया गया।
- श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति. उज्जैन को 0.462 हेक्टेयर जमीन बिना प्रीमियम तथा एक रुपए वार्षिक भू-भाटक पर इस शर्त के साथ अंतरित करने का निर्णय लिया गया कि भू-अर्जन अधिनियम-1984 में जिस प्रयोजन के लिये भूमि अर्जित की गई है, उसी प्रयोजन के लिये भूमि का उपयोग किया जाये।
- मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश के भोपाल, इंदौर, जबलपुर, देवास, ग्वालियर एवं उज्जैन विकास प्राधिकरण को वर्ष 1959-2001 के मध्य राज्य शासन द्वारा संचालनालय नगर तथा ग्राम निवेश के माध्यम से देय ऋण की राशि 3 करोड़ 5 लाख 17 हजार 189 रुपए पर अधिरोपित ब्याज एवं दाण्डिक ब्याज की राशि 18 करोड़ 45 लाख 70 हजार 246 रुपए में से शेष 12 करोड़ 25 लाख 41 हजार 897 रुपए की राशि माफ की गई।
- मंत्रि-परिषद द्वारा निर्णय लिया गया कि आदेश जारी होने की तिथि तक यदि औद्योगिक ईकाई द्वारा वाणिज्यिक उत्पादन शुरू कर दिया गया है तो विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा छूट शामिल कर बिल जारी किये जायें। एमपीआईडीसी द्वारा इस छूट के लिये वितरण कम्पनी को सब्सिडी उपलब्ध कराई जाये। अन्यथा कम्पनी द्वारा ईकाई को टैरिफ अनुसार बिल जारी किया जायें। विद्युत की दर में छूट के लिये ईकाई को टैरिफ सब्सिडी सीधे एमपीआईडीसी द्वारा उपलब्ध कराई जाये।
- मंत्रि-परिषद ने जीएसटी व्यवस्था लागू होने पर औद्योगिक परियोजनाओं को उद्योग संवर्धन नीति में स्वीकृत/प्रावधानित सुविधाओं का लाभ निरंतर देने के संबंध में जारी प्रक्रिया के लिये 6 अगस्त, 2019 के आदेश के बिन्दु-2 एवं 10 के स्पष्टीकरण के संबंध में निर्णय लिया। इस संबंध में त्रि-सदस्यीय समिति की बैठक 28 मई, 2020 में की गई अनुशंसाओं के आधार पर स्टॉक ट्रांसफर एवं इनपुट टैक्स क्रेडिट को पुन: स्पष्ट किया गया।
- मंत्रि-परिषद की 16 मार्च को हुई बैठक में महिला अपराधों पर अंकुश लगाने एवं घटित अपराधों के सुचारु पंजीयन एवं अनुसंधान के लिये 42 जिलों में महिला थाना स्थापित करने का निर्णय लिया गया।
- मंत्रि-परिषद ने भारत सरकार द्वारा आत्म-निर्भर भारत अभियान के तहत शुरू की गई “प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना” को प्रदेश में वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक, लागू करने का निर्णय लिया। इस अवधि में मत्स्यकीय के एकीकृत विकास एवं प्रबंधन पर 481 करोड़ 66 लाख रुपए व्यय किये जायेंगे।
- मंत्रि-परिषद द्वारा बैतूल जिले की 19 हजार 785 हेक्टेयर सिंचाई क्षमता की पारसडोह मध्यम उद्वहन सिंचाई परियोजना के लिये 585 करोड़ 21 लाख रुपए और जिला डिण्डोरी की मुरकी मध्यम सिंचाई परियोजना के लिये 102 करोड़ 45 लाख रुपए की राशि की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी।
- मंत्रि-परिषद ने राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम का क्रियान्वयन प्रदेश में करने का निर्णय लिया।
- मंत्रि-परिषद द्वारा जनवरी-2021 से आँगनवाड़ी केन्द्रों के 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को सप्ताह में 3 दिन दूध का वितरण पुन: निरंतर शुरू करने का निर्णय लिया गया।
- मंत्रि-परिषद द्वारा शहडोल चिकित्सालय के लिये पूर्व में जारी स्वीकृति को पुनरीक्षित करते हुए 309 करोड़ 97 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की।
चिकित्सकीय सुविधाओं के लिए 316 करोड़ रुपये स्वीकृत
- मंत्रि-परिषद ने 24 मार्च को हुई वर्चुअल बैठक में गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल एवं सम्बद्ध चिकित्सालय में प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के सहयोग से जनता को विशिष्ट चिकित्सकीय सुविधाओं के विस्तार से संबंधित निर्माण कार्यों के लिए 316 करोड़ 96 लाख रुपये की स्वीकृति दी।
- चिकित्सा महाविद्यालय सागर में वायरल रिसर्च डायग्नोस्टिक लैब की स्थापना के लिए तीन पदों के सृजन की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई।
मध्यप्रदेश नगर पालिका विधि (संशोधन) विधेयक 2021
- मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश नगर पालिका विधि (संशोधन) विधेयक, 2021 का अनुमोदन किया। विधेयक में कॉलोनाईजर के रजिस्ट्रीकरण की प्रक्रिया, कॉलोनी विकास की अनुमति की प्रक्रिया को सुस्पष्ट एवं सरल किये जाने के लिए संशोधन प्रस्तावित किये गये, जिससे प्राधिकृत कॉलोनियों के विकास को प्रोत्साहित किया जा सके। कॉलोनी विकास की अनुमति के उल्लंघन के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के प्रावधान और अप्राधिकृत कॉलोनियों के विकास के अपराध पर शास्ति प्रदान करने संबंधी कड़े प्रावधान भी संशोधन विधेयक में किये गये। अप्राधिकृत कॉलोनियों को चिन्हित किये जाने के बाद उनमें नागरिक अधोसंरचना का समुचित विकास सुनिश्चित हो सके तथा अप्राधिकृत कॉलोनियों के अभिन्यास के नियमितीकरण एवं इनमें भवन-अनुज्ञा प्रदान की जा सके, ऐसे प्रावधान संशोधन विधेयक में किये गये। साथ ही अप्राधिकृत निर्माण के अपराध को शमन करने के लिए एफ.ए.आर. के 10 प्रतिशत की वर्तमान सीमा को बढ़ाया जाकर 20 प्रतिशत किये जाने का प्रावधान भी किया गया।
- मंत्रि-परिषद ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के प्रथम 2 माह के लिए देशी मदिरा प्रदाय व्यवस्था तथा संपूर्ण वर्ष 2021-22 के लिए भांग की दुकानों के निष्पादन, विनिर्माण इकाइयों, वेयर हाउस तथा बार लायसेंस के प्रदाय की व्यवस्था का अनुमोदन किया।
भिण्ड सैनिक स्कूल के लिए भूमि आवंटन का अनुमोदन
- मंत्रि-परिषद ने सैनिक स्कूल के लिए औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर जिला भिण्ड में 50 एकड़ भूमि चिन्हित कर आवंटन के कलेक्टर भिण्ड के प्रस्ताव और राज्य शासन के दायित्वों के लिए बजट प्रावधान का अनुमोदन दिया।
दीनदयाल अंत्योदय योजना 29 नगरीय निकायों में भी लागू
- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से 31 मार्च को हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में दीनदयाल अंत्योदय योजना- शहरी आजीविका का 378 नगरीय निकायों से विस्तार करते हुए, नवगठित 29 नगरीय निकायों में भी लागू करने का अनुमोदन किया गया।
विकास निधि की व्यवस्था
- मंत्रि-परिषद ने राष्ट्रीय उद्यानों, अभयारण्यों और चिड़ियाघरों के लिए राज्य शासन के आदेश 9 जुलाई, 2008 द्वारा गठित विकास निधि की व्यवस्था के संबंध में वित्त विभाग एवं गाइडलाइन अनुसार निर्णय लेने का अनुमोदन किया।
सातवां वेतनमान एवं कॅरियर संवर्धन स्कीम
- मंत्रि-परिषद ने इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक महाविद्यालयों के शिक्षकों एवं अन्य स्टाफ को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा अनुशंसित सातवां वेतनमान एवं कॅरियर संवर्धन स्कीम का लाभ, विशेष भत्तों को छोड़कर, 1 जनवरी, 2016 से देने का अनुमोदन किया।
प्रधानमंत्री आवास योजना
- मंत्रि-परिषद ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अर्फोडेबल हाउसिंग इन पार्टनरशिप घटक में गैर मलिन बस्ती में निवासरत पात्रता रखने वाले ई.डब्ल्यू.एस. श्रेणी के हितग्राहियों को भी केन्द्र के समान राज्य अनुदान राशि स्वीकृत करने का निर्णय लिया।
नये पदों का सृजन
- मंत्रि-परिषद ने 11 मई को वर्चुअल बैठक में अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान के महानिदेशक का पद समर्पित कर उपाध्यक्ष का पद सृजित किये जाने का अनुमोदन किया। संस्थान के उपाध्यक्ष, अब राज्य नीति एवं योजना आयोग के भी पदेन उपाध्यक्ष होंगे। संस्थान में मुख्य कार्यपालन अधिकारी का एक एवं अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी का एक पद, इस प्रकार 2 पद सृजित किये गये।
- मंत्रि-परिषद ने सैनिक स्कूल की स्थापना के लिए ग्राम मालनपुर जिला भिण्ड की 20.95 हेक्टेयर शासकीय भूमि शून्य प्रब्याजि तथा एक रूपये वार्षिक भू-भाटक निर्धारित कर आवंटित करने का निर्णय लिया।
खाद के लिए विपणन संघ बना नोडल एजेंसी
- मंत्रि-परिषद ने वर्ष 2021-22 से 2023-24 तक राज्य में डीएपी, कॉम्प्लेक्स, पोटाश एवं यूरिया उर्वरकों की व्यवस्था के लिए मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ को राज्य की नोडल एजेंसी घोषित करने एवं संघ के माध्यम से प्रदेश में आवश्यकतानुसार उर्वरकों की निर्धारित मात्रा की व्यवस्था के लिए अग्रिम भण्डारण करने का निर्णय लिया।
- मंत्रि-परिषद ने भारत सरकार सहायित सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन-आत्मा अंतर्गत प्रदेश में कृषक मित्र चयन के लिए न्यूनतम आयु सीमा 40 वर्ष के स्थान पर 25 वर्ष करने का निर्णय भी लिया।
- मंत्रि-परिषद ने राज्य/जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों (भूमि विकास बैंक) के संविलियन के लिए शेष रहे सेवायुक्तों की संविलियन योजना की अवधि 30 जून, 2021 तक बढ़ाये जाने का निर्णय लिया।
आबकारी व्यवस्था का अनुमोदन
- मंत्रि-परिषद ने 14 मई को वित्तीय वर्ष 2021-22 की शेष अवधि 1 जून, 2021 से 31 मार्च, 2022 तक के लिए नवीन आबकारी व्यवस्था को अनुमोदित किया। नवीन व्यवस्था में वर्तमान में प्रदेश के मदिरा दुकानों के अनुज्ञप्तिधारियों को वर्ष 2020-21 प्रभावशील समस्त प्रावधानों एवं शर्तों को यथावत रखते हुए 1 जून, 2021 से 31 मार्च, 2022 तक की अवधि के लिए ठेकों के नवीनीकरण का विकल्प को मंजूरी दी।
नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश, 2020 में निर्धारित प्रपत्र अनुसार निष्पादित करने का निर्णय
- मंत्रि-परिषद की 14 मई को वर्चुअल बैठक में मध्यप्रदेश के 31 जिलों के 37 नगरीय निकाय के 103 स्थानों पर पूर्व में प्रधानमंत्री आवास (शहरी) योजना में लीज पर आवंटित शासकीय भूमि की लीज निरस्त करते हुए नवीन नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश 2020 (जो वर्तमान में लागू है) में किये गये प्रावधान के अनुरूप भूमि-स्वामी हक में शून्य प्रब्याजि तथा मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता (भू-राजस्व का निर्धारण तथा पुनर्निर्धारण) नियम, 2018 के अनुसार वार्षिक भू-राजस्व निर्धारित करते हुए आवंटित करने का एवं भूमि-स्वामी हक में देने के लिए विलेख मध्यप्रदेश नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश, 2020 में निर्धारित प्रपत्र अनुसार निष्पादित करने का निर्णय लिया गया।
- मंत्रि-परिषद ने 1 जून, 2021 से 31 मार्च, 2022 तक की अवधि के लिए मध्यप्रदेश की आबकारी व्यवस्था का अनुमोदन किया। इसके तहत प्रदेश की वर्तमान मदिरा दुकानों के अनुज्ञप्तिधारियों को 10 प्रतिशत की मूल्य वृद्धि के साथ मदिरा दुकानों के नवीनीकरण का विकल्प दिया गया है। पूर्व में मंत्रि-परिषद द्वारा 31 मई, 2021 तक के लिए अनुमोदित देशी मदिरा प्रदाय व्यवस्था को यथावत रखते हुए 31 जुलाई, 2021 तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया।
- मंत्रि-परिषद ने इंदिरा सागर परियोजना के डूब प्रभावित परिवारों के नगर परिषद छनेरा के वार्ड क्र. एक से 7 तथा वार्ड क्र. 15 की एनवीडीए को हस्तांतरित प्रश्नाधीन भूमि पुनः राजस्व विभाग को हस्तांतरित की जाकर उक्त भूमि पर एनवीडीए द्वारा बसाये गये शेष विस्थापितों (पूर्व में जिन विस्थापितों को भू-खण्ड का भूमिस्वामी हक प्राप्त हो गया है, उनको छोड़कर) को एनवीडीए दवारा प्रदत्त आवासीय भू-खण्ड, भूमि-स्वामी हक में आवंटित किये जाने का निर्णय लिया। आवासीय भू-खण्डों को छोड़कर शेष भू-खण्ड पूर्ववत पट्टे पर रखा जायेगा। पट्टाधृति राज्य शासन के पट्टाधृति होंगे। आवासीय भू-खण्डों पर भूमि-स्वामी अधिकार देने के लिए जिला कलेक्टर को अधिकृत करने का निर्णय लिया गया।
महिलाओं के लिए सुरक्षित पर्यटन स्थल कार्यक्रम
- मंत्रि-परिषद ने 25 मई को हुई बैठक में वित्तीय वर्ष 2020-2021 से 2022-2023 की अवधि में “महिलाओं हेतु सुरक्षित पर्यटन स्थल कार्यक्रम” के संचालन की स्वीकृति दी।
विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती
- मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के विभागीय भर्ती नियमों में प्रथम श्रेणी विशेषज्ञों के स्वीकृत पदों पर 100 प्रतिशत पदोन्नति संबंधी प्रावधान में संशोधन करते हुए 25 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से एवं शेष 75 प्रतिशत पूर्ववत पदोन्नति से भरे जाने की स्वीकृति दी। प्रदेश में द्वितीय श्रेणी पी.जी. चिकित्सकों को विभाग में सेवाओं के लिए आकर्षित करने के लिए चिकित्सा अधिकारी के पद पर कार्यग्रहण करने के बाद का क्रमोन्नति के रूप में विशेषज्ञ के पद पर आगामी ग्रेड-पे (5400 से 6600) स्नातकोत्तर डिग्रीधारी चिकिसकों को दो वर्ष की सेवा उपरांत एवं स्नातकोत्तर डिप्लोमाधारी चिकित्सकों को तीन वर्ष की नियमित सेवा के बाद दी जा सकेगी। विभाग में पहले से कार्यरत चिकित्सकों के सीधी भरती प्रक्रिया में विशेषज्ञ के पद पर चयनित होने पर उनकी पूर्व सेवाएँ, पेंशन के लिये अर्हतादायी सेवा गणना में शामिल की जायेगी।
कैम्पा निधि
- मंत्रि-परिषद ने राज्य शासन द्वारा प्रतिकरात्मक वन रोपण निधि (कैम्पा निधि) के अंतर्गत वर्ष 2021-22 की वार्षिक प्रचालन कार्य-योजना के क्रियान्वयन के लिये राशि 776 करोड़ 97 लाख रुपये के निधि से उपयोग का अनुमोदन किया।
चना, मसूर, सरसों का उपार्जन
- मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में रबी विपणन वर्ष 2021-22 में “मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ” द्वारा पंजीकृत कृषकों से चना, मसूर एवं सरसों का उपार्जन करने का निर्णय लिया।
पर ड्रॉप मोर क्रॉप
- प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के घटक पर ड्रॉप मोर क्रॉप को 1 अप्रैल 2021 के बाद भी वर्ष 2021-22 से 2023-24 तक निरन्तर रखे जाने की अनुमति प्रदान की गई।
धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 राजपत्र में प्रकाशन के साथ प्रदेश में लागू
- मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम-2021 गजट नोटिफिकेशन के बाद तत्काल प्रभाव से प्रदेश में लागू हो गया। मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम में एक धर्म से अन्य धर्म में विधि विरुद्ध संपरिवर्तन का प्रतिषेध, धर्म संपरिवर्तन के विरुद्ध परिवाद, धारा के उपबंधों के उल्लंघन के लिए दण्ड का प्रावधान किया गया है। किसी व्यक्ति का धर्म संपरिवर्तन करने के आशय के साथ किया गया विवाह अकृत तथा शून्य होगा। इस संबंध में संपरिवर्तित व्यक्ति अथवा उसके माता-पिता या सहोदर भाई या बहन या न्यायालय की अनुमति से किसी व्यक्ति जो रक्त, विवाह या दत्तक ग्रहण संरक्षकता या अभिरक्षा जो भी लागू हो, द्वारा स्थानीय सीमाओं के भीतर न्यायालय में याचिका प्रस्तुत कर सकेंगे। अधिनियम के अनुसार जहाँ कोई संस्था या संगठन इस अधिनियम के किसी उपबंध का उल्लंघन करता है, वहाँ यथास्थिति ऐसी संस्था अथवा संगठन के कामकाज का भारसाधक व्यक्ति इस अधिनियम की धारा में यथा उपबंधित दण्ड का दायी होगा। इस अधिनियम के अधीन पंजीकृत अपराध का अन्वेषण पुलिस उप निरीक्षक से निम्न पद श्रेणी के पुलिस अधिकारी से नहीं किया जा सकेगा।
- कोई व्यक्ति जो धर्म-संपरिवर्तित करना चाहता है, इस कथन के साथ कि वह स्वयं की स्वतंत्र इच्छा से तथा बिना किसी बल, प्रपीड़न, असम्यक असर या प्रलोभन से अपना धर्म-संपरिवर्तन करना चाहता है, जिला मजिस्ट्रेट को चिन्हित प्ररूप में ऐसे धर्म-संपरिवर्तन से 60 दिवस पूर्व, इस आशय की घोषणा प्रस्तुत करेगा।
- इस अधिनियम के अनुसार नियमों के उल्लंघन से किये गये विवाह से जन्मा कोई बच्चा वैध समझा जायेगा। ऐसे बच्चे का संपत्ति उत्तराधिकार पिता के उत्तराधिकार को विनियमित करने वाली विधि के अनुसार होगा। नियमानुसार घोषित शून्य और अकृत विवाह से जन्में बच्चे को अपने पिता की सम्पत्ति में अधिकार प्राप्त रहेगा। शून्य और अकृत विवाह घोषित होने के बावजूद महिला और जन्म लेने वाली संतान अधिनियम अनुसार भरण-पोषण पाने के हकदार होंगे।
सुपोषित मध्यप्रदेश के लिए पोषण नीति-2020 का अनुमोदन
- मंत्रि-परिषद की एक जून को हुई बैठक में “सुपोषित मध्यप्रदेश” की संकल्पना को साकार करने के लिए महिला-बाल विकास विभाग द्वारा तैयार की गई राज्य की पोषण नीति-2020 अनुमोदित की गई।
मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना
- मंत्रि-परिषद ने कोविड-19 महामारी की रोकथाम में योद्धाओं की तरह सेवाएँ दे रहे कर्मियों के लिए मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना 1 अप्रैल से 31 मई, 2021 की अवधि में लागू करने की मंजूरी दी।
मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना का अनुमोदन
- मंत्रि-परिषद ने कोविड-19 बाल कल्याण योजना के विभिन्न बिंदुओं पर भी अनुमोदन दिया। यह योजना ऐसे बच्चों के लिए बनाई गई है, जिनके माता-पिता या अभिभावक की मृत्यु कोरोना से 1 मार्च से 30 जून, 2021 तक की अवधि में हुई हो, जिससे उनकी आर्थिक समस्या के अतिरिक्त उनकी शिक्षा में कोई व्यवधान उत्पन्न न हो। इस योजना के माध्यम से ऐसे प्रत्येक बाल हितग्राही को 5 हजार रुपये प्रतिमाह आर्थिक सहायता, संरक्षक को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम में नि:शुल्क मासिक राशन तथा शिक्षा सहायता के रूप में पहली से लेकर स्नातक तक की नि:शुल्क शिक्षा दी जायेगी। इसमें शासकीय एवं अशासकीय विद्यालय, महाविद्यालय और विश्वविद्यालय शामिल है। तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा, आयुष शिक्षा, विधि शिक्षा इत्यादि सभी विषयों की भी नि:शुल्क शिक्षा का प्रावधान योजना में रखा गया है।
मुख्यमंत्री कोविड-19 विशेष अनुग्रह योजना
- मंत्रि-परिषद ने मुख्यमंत्री कोविड-19 विशेष अनुग्रह योजना का अनुसमर्थन किया। योजना की अन्य अनुगामी कार्यवाही के लिए वित्त विभाग को अधिकृत करने की मंजूरी दी।
विकेन्द्रीकृत उपार्जन योजना
- मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में विकेन्द्रीकृत उपार्जन योजना में खाद्यान्न आदि के उपार्जन, सार्वजनिक वितरण प्रणाली और अन्य शासकीय योजनाओं के संचालन, डेफिसिट पूर्ति एवं वर्तमान में जारी वित्तीय व्यवस्था की निरंतरता के लिए धनराशि उधार लेने के लिए 29 हजार 400 करोड़ रुपये की नि:शुल्क शासकीय प्रत्याभूति की स्वीकृति वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए प्रदान करने का निर्णय लिया। शासकीय प्रत्याभूति के संस्थावार पुन:आवंटन एवं खाद्यान्न साख-सीमा के संचालन के लिए समय-समय पर कार्यवाहियाँ करने के लिए खाद्य विभाग को अधिकृत किया गया।
एमएसएमई के नवीन भूमि आवंटन नियम मंजूर
- मंत्रि-परिषद ने एक जून को क्लस्टर आधारित छोटी औद्योगिक इकाइयों को बढ़ावा देकर बड़े पैमाने पर रोज़गार पैदा करने के लिए एमएसएमई के लिए नये भूमि आवंटन और विकास नियमों को मंजूरी दी है। अब उद्यमियों को जहाँ सस्ती दर पर भूमि उपलब्ध हो सकेगी, वहीं उस पर भूमि का विकास भी अब उद्यमी स्वयं कर पायेंगे। साथ ही अब उद्यमी स्वयं ही निवेश भी आमंत्रित कर सकेंगे।
- नई पॉलिसी में प्रदेश में पहली बार उद्यमियों को नगरीय तथा गैर नगरीय भूमि पर स्व-निर्धारित डिजाइन के अनुसार क्लस्टर विकसित तथा संधारित करने का अवसर मिलेगा। इन क्लस्टर्स में भूमि विकास के लिए डेवलपर्स को कलेक्टर की असिंचित भूमि की गाइडलाइन के मात्र 25 प्रतिशत पर भूमि आवंटित की जायेगी। विकसित क्लस्टर्स में डेवलपर्स अपनी इच्छा से निवेशक ला सकेगा और संधारण कार्य भी उनके द्वारा स्वयं किया जायेगा।
- इस नवीन नीति से प्रदेश में तेजी से फार्मा, खिलौना, फर्नीचर क्लस्टर विकसित हो सकेंगे और इससे रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे। नवीन नियमों में भू-खण्ड आवंटन की प्रक्रिया को अत्यधिक सरल, पारदर्शी एवं समयबद्ध बनाया गया है। अब समस्त भू-खण्डों को इलेक्ट्रॉनिक नीलामी के माध्यम से विक्रय किया जायेगा। ऐसे भू-खण्डों, जिनमें कोई नीलामीकर्ता उपलब्ध नहीं होता है, को “प्रथम आओ – प्रथम पाओ” की नीति से विक्रय किया जायेगा।
- नवीन नियमों में विभिन्न प्रक्रियाओं में लगने वाले समय को भी लगभग आधा किया गया है। पूर्व से स्थापित इकाइयों के पास पड़ी अनुपयोगी भूमि की आवंटन प्रक्रिया को भी सरल बनाया गया है। बैंक और वित्तीय संस्थाओं में आवंटित भू-खण्डों का हस्तांतरण महाप्रबंधक उद्योग को मात्र सूचना देने के बाद किया जा सकेगा।
- पहली बार नियमों में आवंटित भू-खण्डों पर स्टाफ तथा श्रमिकों के निवास के लिए संशोधन किया गया है। श्रमिकों के कार्य-स्थल पर निवास करने से आवागमन में लगने वाला समय कम होगा और उत्पादकता में वृद्धि होगी।
एस.डी.आर.एफ. मद से भुगतान स्वीकृति
- मंत्रि-परिषद ने निर्णय लिया कि कोविड-19 के संक्रमण के दौरान तात्कालिक आवश्यकता के कारण ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न राज्यों से रेल और वायुयान से मेडिकल ऑॅक्सीजन टैंकर के परिवहन व्यय तथा विभिन्न माध्यमों से किराये पर लिए गए क्रायोजनिक टैंकर्स के केरियर्स के किराये का भुगतान राज्य शासन द्वारा वहन किया जाये और इस भुगतान की स्वीकृति एस.डी.आर.एफ. मद से की जाये।
मुख्यमंत्री सहायता कोष-43 करोड़ रुपये से अधिक राशि का अनुमोदन
- मंत्रि-परिषद ने प्रदेश को मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन के क्षेत्र में आत्म-निर्भर बनाने के लिए ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना, रेमडेसिविर इंजेक्शन और लीपोसोमल एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की आवश्यकता को देखते हुए सीधे क्रय करने के दृष्टिगत आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत गठित कार्यकारिणी समिति द्वारा दिये गये निर्णयानुसार 43 करोड़ 78 लाख रुपये की व्यवस्था मुख्यमंत्री सहायता कोष से करने के निर्णय पर कार्योत्तर अनुमोदन दिया।
गैरतगंज में आई.टी.आई. स्थापना की स्वीकृति
- मंत्रि-परिषद ने तकनीकी शिक्षा, रायसेन जिले के गैरतगंज विकासखण्ड में आई.टी.आई. की स्थापना की स्वीकृति दी। स्थापना, संचालन एवं उन्नयन के लिए 14 करोड़ 13 लाख रुपये संभावित व्यय होगा। आईटीआई के लिए 30 पद के सृजन की भी मंजूरी दी गई।
सिंचाई परियोजना
- मंत्रि-परिषद ने मोहगाँव मध्यम सिंचाई परियोजना के 2 हजार 950 हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र के लिए 134 करोड़ 59 लाख रुपये की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी।
राज्य द्वारा दी जाने वाली धान मिलिंग की राशि में वृद्धि
- मंत्रि-परिषद की 15 जून की बैठक में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में प्रदेश में किसानों से उपार्जित 37 लाख 26 हजार मीट्रिक टन धान की मिलिंग की गति में तेजी लाने तथा इस वर्ष की विशेष परिस्थितियों को देखते हुए प्रदेश में मिलिंग की मान्य दर 50 रुपये प्रति क्विंटल के साथ अपग्रेडेशन राशि मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन एवं भारतीय खाद्य निगम को चावल परिदान के विभिन्न विकल्पों अनुसार केवल खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 मिलिंग के लिए 50 रुपये से 200 रुपये प्रति क्विंटल तक देने का निर्णय लिया गया। सीमावर्ती राज्य के जिलों से भी इच्छुक मिलर्स से इन शर्तों पर मिलिंग कराने का निर्णय लिया गया। निजी क्षेत्र में धान के उद्योग लगाने तथा इथेनाल बनाने के लिए नीति निर्धारित करने का भी निर्णय लिया गया।
राहत राशि वितरण का अनुमोदन
- मंत्रि-परिषद ने मंत्रि-परिषद निर्णय की प्रत्याशा में 26 अप्रैल, 2021 को 6 लाख 9 हजार अनुमोदित शहरी पथ विक्रेताओं में से प्रत्येक पथ विक्रेता को कोविड-19 के दौरान आजीविका प्रभावित होने पर एक हजार रुपये का अनुदान उपलब्ध कराने के मुख्यमंत्री द्वारा लिए गए निर्णय का अनुसमर्थन किया।
विद्युत दरों में राज्य शासन की सब्सिडी
- मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग के आदेश 17 दिसम्बर, 2020 द्वारा वर्ष 2020-21 के लिए निर्धारित दरों में प्रदेश के घरेलू उपभोक्ताओं के लिए गृह ज्योति योजना में स्वीकृत सब्सिडी के अतिरिक्त विभिन्न उपभोक्ता श्रेणियों को दी गयी सब्सिडी के एवज में विद्युत वितरण कंपनियों को सब्सिडी देने के निर्णय का अनुमोदन किया।
“विशेष त्योहार अग्रिम योजना” एवं “विशेष नगद पैकेज योजना” का अनुसमर्थन
- मंत्रि-परिषद ने राज्य शासन के शासकीय सेवकों के लिए “विशेष त्योहार अग्रिम योजना” एवं “विशेष नगद पैकेज योजना” के संबंध में मुख्यमंत्री के आदेश के अनुसमर्थन का निर्णय लिया।
सर्वसंसाधन युक्त 9 हजार 200 विद्यालयों के लिए 6 हजार 952 करोड़ रुपये की सहमति
- मंत्रि-परिषद की 22 जून को हुई बैठक में प्रदेश में सर्व संसाधन युक्त विद्यालयों के लिए 6,952 करोड़ रुपये की सहमति दी गई।
- प्रदेश में कुल 9 हजार 200 विद्यालयों को सर्व संसाधन युक्त विद्यालय के रूप में विकसित करने का लक्ष्य है। प्रथम चरण में 350 (254 स्कूल शिक्षा विभाग एवं 96 आदिम जाति कल्याण विभाग के विद्यालय) विद्यालयों को तीन वर्ष में तथा शेष 8 हजार 850 विद्यालयों को आगामी वर्षों में सर्वसंसाधन सम्पन्न बनाया जाना प्रस्तावित है।
- प्रथम चरण में प्रत्येक जिला स्तर पर एक विद्यालय (52 विद्यालय), जिला मुख्यालय वाले विकासखंड को छोड़कर अन्य सभी विकासखंड स्तर पर एक विद्यालय (261 विद्यालय) तथा बड़े नगरों एवं सुविधाविहीन स्थानों में 37 विद्यालय स्थापित किये जायेंगे।
- पूर्व प्राथमिक से कक्षा 12वीं तक के इन विद्यालयों में सर्व-सुविधायुक्त अधोसंरचना, गुणवत्ता युक्त स्मार्ट कक्षाएँ सभी प्रकार की प्रयोगशालाएँ, पुस्तकालय, कला, संगीत, खेलकूद और परिवहन सुविधा की व्यवस्था रहेगी।
300 करोड़ रुपये हस्तांतरण की मंजूरी
- मंत्रि-परिषद द्वारा नर्मदा घाटी विकास विभाग को आवंटित राशि 300 करोड़ रुपये को नर्मदा बेसिन प्रोजेक्ट्स कंपनी लिमिटेड को हस्तांतरित किये जाने का निर्णय लिया गया।
जिला लोक अभियोजन अधिकारी के पदों की स्वीकृति
- मंत्रि-परिषद ने सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी के 33 रिक्त पदों को समर्पित कर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण 1989 के अंतर्गत गठित विशेष न्यायालय के समक्ष अभियोजन संचालन के लिए जिला लोक अभियोजन अधिकारी के 33 नये पदों के सृजन की स्वीकृति दी।
- मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्यापार) नियम, 2019 के अंतर्गत रेत खनिज के स्वीकृत ठेकों को कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत रेत खदानों के सुचारू संचालन के लिए निविदाकारों को राहत देने के उद्देश्य से विभिन्न निर्णय लिए गए। इसके अंतर्गत रेत समूह के ठेकेदारों द्वारा माह मई से सितम्बर 2021 की मासिक देय किश्त राशि का न्यूनतम 50 प्रतिशत राशि का भुगतान माह के प्रथम दिवस में देय होने और अन्य इससे जुड़े अन्य महत्वपूर्ण प्रावधानों में छूट देने का भी निर्णय लिया गया।
ऑक्सीजन उत्पादक इकाइयों को प्रोत्साहित करने के प्रस्ताव का कार्योंत्तर अनुमोदन
- मंत्रि-परिषद की 29 जून की बैठक में कोविड-19 संकट के दृष्टिगत वर्तमान में उपलब्ध ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता में वृद्धि के लिए ऑक्सीजन उत्पादक इकाइयों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से विशिष्ट सुविधाएँ प्रावधानित करने संबंधी आदेश का कार्योंत्तर अनुमोदन किया गया।
मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना में संशोधन
- राज्य में कृषि को प्रोत्साहन देने के लिए मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना की अवधि को मार्च 2024 तक बढ़ाया गया था। सोलर पम्प के उपयोग से प्रदेश में कृषि क्षेत्र को बढ़ावा मिल सकेगा। इस योजना में राज्य के सभी कृषक पात्र हैं। यह योजना प्राथमिकता पर प्रदेश के उन दूर-दराज के क्षेत्रों में भी क्रियान्वित की जायेगी, जहाँ विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा विद्युत अधो-संरचना का विकास नहीं किया जा सका है। इस योजना में 5 एच.पी.डी.सी. पम्प ही प्रयोग किये जायेंगे और उससे अधिक क्षमता के दोनों ए.सी. व डी.सी. पम्प प्रयोग किये जायेंगे। भारत सरकार की मूल योजना के अनुसार राज्य शासन की ओर से अधिक से अधिक कृषकों को योजना का लाभ देने के उद्देश्य से अनुदान की राशि 30 प्रतिशत तक सीमित किये जाने का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया। सोलर पम्प के उपयोग से पर्यावरण भी सुरक्षित होगा।
डायल-100 सेवा का संचालन
- मंत्रि-परिषद ने केन्द्रीकृत पुलिस कॉल सेन्टर एवं नियंत्रण कक्ष तंत्र (डॉयल-100) सेवा को निरंतर रखने के लिए पूर्व में स्वीकृत निविदाकार बी.व्ही.जी. इंडिया लिमिटेड की अनुबंध अवधि 31 मार्च, 2021 को समाप्ति उपरांत 3 माह विस्तारित करने की स्वीकृति का अनुसमर्थन किया। पूर्व स्वीकृत निविदाकार बी.व्ही.जी. इंडिया लिमिटेड को 1 जुलाई, 2021 से 6 माह की अवधि अथवा नवीन निविदा की स्वीकृति की दशा में नवीन चयनित निविदाकार द्वारा डॉयल-100 सेवा के संचालन का कार्य प्रारंभ करने की तिथि तक, जो भी अवधि कम हो, पूर्व स्वीकृत अनुबंध की शर्तों पर न्यूनतम मजदूरी की दरों में हुई वृद्धि आदि के कारण अनुबंधित दरों में 15 प्रतिशत अधिक बढ़ी हुई दर से संचालन की स्वीकृति प्रदान की गई।
फोर्टीफाईड चावल वितरण की पायलट योजना संचालन को मंजूरी
- मंत्रि-परिषद की 6 जुलाई की बैठक में एनीमिया एवं सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए भारत सरकार की सार्वजनिक वितरण प्रणाली में फोर्टीफाईड चावल वितरण की पायलट योजना जिला सिंगरौली में संचालित करने का निर्णय लिया गया। यह योजना वर्ष 2022-23 तक संचालित रहेगी। हितग्राहियों को चावल का प्रदाय एक रुपये प्रति किलो की दर से किया जायेगा।
आपसी सहमति से भूमि क्रय नीति, 2014
- मंत्रि-परिषद ने आपसी सहमति से भूमि क्रय नीति, 2014 को राज्य शासन के विभागों एवं उपक्रमों के साथ केन्द्र सरकार के विभागों तथा उपक्रमों के मामले में भी लागू करने का निर्णय लिया। इससे राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण/रेलवे की परियोजनाओं के त्वरित क्रियान्वयन से प्रदेश के विकास को गति मिल सकेगी।
रेत नियम में संशोधन
- मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम 2019 के नियम 21 में संशोधन का अनुमोदन किया। अब मध्यप्रदेश रेत नियम 2018 के तहत ग्राम पंचायत/ नगरीय निकाय/ जिला खनिज प्रतिष्ठान में जमा राशि राज्य की संचित निधि में जमा कराई जायेगी। जमा राशि का उपयोग मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम के तहत विकास कार्यों में किया जा सकेगा। मध्यप्रदेश रेत नियम 2018 को निरसित करने का निर्णय भी लिया गया।
अल्पकालीन फसल ऋण की ड्यू डेट में वृद्धि
- मंत्रि-परिषद ने वर्ष 2020-21 में खरीफ एवं रबी सीजन में वितरित अल्पकालीन फसल ऋण की ड्यू डेट बढ़ाकर 30 जून, 2021 करने के मुख्यमंत्री श्री चौहान के आदेशों एवं विभाग द्वारा ड्यू डेट वृद्धि के संबंध में की गयी कार्यवाही का अनुमोदन किया।
मध्यप्रदेश नगर पालिका विधि (संशोधन) अध्यादेश
- मंत्रि-परिषद के समक्ष मध्यप्रदेश नगर पालिका विधि (संशोधन) विधेयक, 2021 के प्रारूप में कॉलोनाइजर के रजिस्ट्रीकरण और कॉलोनी विकास की अनुमति की प्रक्रिया को सुस्पष्ट एवं सरल करने के लिए संशोधन प्रस्तावित किये गये, जिससे प्राधिकृत कॉलोनियों के विकास को प्रोत्साहित किया जा सके। कॉलोनी विकास की अनुमति के उल्लघंन के विरुद्ध सख्त कार्रवाई और अप्राधिकृत कॉलोनियों के विकास के अपराध पर शास्ति प्रदान करने संबंधी कड़े प्रावधान भी संशोधन विधेयक में किये गये हैं। अप्राधिकृत कॉलोनियों को चिन्हित करने के बाद उनमें नागरिक अधोसंरचना का समुचित विकास सुनिश्चित हो सके तथा अप्राधिकृत कॉलोनियों के अभिन्यास के नियमितीकरण एवं इनमें भवन अनुज्ञा प्रदान की जा सके, ऐसे प्रावधान संशोधन अध्यादेश में किये गये हैं। इसके अतिरिक्त अप्राधिकृत निर्माण के अपराध को शमन करने के लिए एफ.ए.आर. के 10 प्रतिशत की वर्तमान सीमा को बढ़ाया जाकर 20 प्रतिशत किये जाने के प्रावधान भी किये गये हैं। मंत्रि-परिषद ने उक्त मध्यप्रदेश नगर पालिका विधि (संशोधन) अध्यादेश, 2021 के प्रारूप का अनुमोदन किया।
भोपाल गैस त्रासदी की कल्याणियों को एक हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन
- मंत्रालय में 13 जुलाई को हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में भोपाल गैस त्रासदी में दिवंगत व्यक्तियों की जीवित कल्याणियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के अतिरिक्त एक हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन 1 अप्रैल, 2021 से स्वीकृत करने का निर्णय लिया गया।
ऋण गारंटी अवधि में वृद्धि
- मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश वित्त निगम द्वारा हुडको से योजनाओं की कुल राशि 400 करोड़ रुपये के ऋण पर राज्य शासन द्वारा दी गई गारंटी अवधि में 6 महीने की वृद्धि करने का निर्णय लिया।
गौण खनिज पर रॉयल्टी के समान राशि देय
- मंत्रि-परिषद ने निर्णय लिया कि शासकीय एवं निजी भूमि से गौण खनिज की परिवहन अनुज्ञा जारी करने से पहले खनिज पर देय रॉयल्टी के समतुल्य राशि अग्रिम जमा की जायेगी। इस संशोधन से प्रदेश में चल रहे सड़क निर्माण एवं अन्य कार्यों में निर्माण स्थल से निकलने वाले गौण खनिज पर रॉयल्टी के समान राशि देय होगी। इससे सड़क निर्माण कार्यों की लागत में कमी आयेगी तथा सड़क निर्माण कार्य त्वरित गति से हो सकेगा।
जलाशयों की जल भण्डारण क्षमता की पुनर्स्थापना करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य
- मंत्रालय में 20 जुलाई को मंत्रि-परिषद की बैठक में राज्य के जलाशयों की जल भण्डारण क्षमता की पुनर्स्थापना के लिए नीतिगत निर्णय लेते हुए निविदा प्रक्रिया, आधार मूल्य, निविदा अर्हता के मापदण्डों एवं अन्य शर्तों को अनुमोदित किया गया। नीति में संशोधन के बाद मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य होगा, जिसमें प्रथम चरण में चार जलाशय से गाद निकालने का टेंडर होगा। इससे 5 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता का पुनर्स्थापन हो सकेगा। भूमि की उत्पादकता बढ़ेगी। बांधों का जीवन काल बढ़ेगा। रेत का उपयोग हो सकेगा। स्थानीय लोगों को रोज़गार मिलेगा और लगभग 300 करोड़ रुपये के राजस्व की प्राप्ति हो सकेगी।
सीसी टी.व्ही सर्विलांस सिस्टम के लिए 94 करोड़ से अधिक की मंजूरी
- मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में पहले से स्थापित 859 थानों के सीसीटीव्ही सिस्टम के अपग्रेडेशन एवं नवीन 258 पुलिस थानों, 500 पुलिस चौकियों और 42 महिला थानों में नवीन सीसीटीव्ही सर्विलांस सिस्टम स्थापित किये जाने एवं 52 जिला मुख्यालयों तथा 3 एसआरपी कार्यालयों में सीसीटीव्ही कन्ट्रोल सिस्टम स्थापित करने के लिए परियोजना लागत राशि 94 करोड़ 18 लाख 95 हजार 175 रुपये की स्वीकृति दी।
मध्यप्रदेश नजूल भूमि निर्वर्तन
- मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश 2020 में उल्लेखित ऐसी भूमियों, जिन पर योजना बनाकर निर्माण करने से नियमित आय होती है- जैसे मार्केट, कॉम्प्लेक्स, बस स्टेंड आदि में से केवल “बस स्टेंड” शब्द को विलोपित किया जाकर उसे “सार्वजनिक प्रयोजन के लिए- जैसे सड़क, उद्यान, खेल का मैदान, फिल्टर प्लांट, कचरा खन्ती (ट्रेंचिंग ग्राउंड), अस्पताल, स्कूल, कार्यालय” के बाद प्रतिस्थापित करने का निर्णय लिया। ये निर्देश राज्य सरकार की किसी योजना में सक्षम स्तर से, ऐसी योजना में निर्धारित प्रक्रिया अनुसार, भूमि के निर्वर्तन के मामले में लागू नहीं होंगे।
छतरपुर में सौर ऊर्जा परियोजना के लिए भूमि उपयोग परिवर्तन की अनुमति
- मंत्रि-परिषद ने केन्द्र सरकार के उपक्रम एनटीपीसी लिमिटेड दवारा बरेठी जिला छतरपुर में 3 हजार 960 मेगावॉट क्षमता की ताप विद्युत परियोजना के लिए अधिग्रहित/आवंटित भूमि पर एनटीपीसी अथवा उसकी पूर्ण स्वामित्व की कंपनी द्वारा 550 मेगावॉट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजना की स्थापना अल्ट्रा मेगा रिन्यूअल एनर्जी पावर प्रोजेक्ट मोड एवं सीपीएसयू योजना के तहत करने के लिए भूमि उपयोग परिवर्तन की अनुमति दी। प्रस्तावित परियोजना से उत्पादित सौर ऊर्जा को 25 वर्ष के लिए 2.45 रुपये प्रति यूनिट की दर पर क्रय करने का प्रथम अधिकार एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी का रहेगा।
नया आई.टी.आई.
- मंत्रि-परिषद ने छतरपुर जिले के विकासखण्ड बक्सवाहा में नये शासकीय आई.टी.आई. की स्थापना करने की स्वीकृति दी। आई.टी.आई. की स्थापना, संचालन एवं उन्नयन के लिए 18 करोड़ 43 लाख रुपये व्यय होंगे। नये आई.टी.आई. पर कुल 30 पदों के सृजन की भी स्वीकृति दी गई।
दूरसंचार/इंटरनेट सेवाओं की नीति में संशोधन
- मंत्रि-परिषद ने नागरिकों की सुविधा और दूरसंचार इंटरनेट सेवाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दूरसंचार अवसंरचना की स्थापना की नीति 2019 एवं दिशा-निर्देश-2019 में संशोधन करने की मंजूरी दी।
स्वास्थ्य सेवाओं के लिए कुल 419 पद स्वीकृत
- मंत्रि-परिषद की 27 जुलाई को हुई बैठक में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में संचालनालय स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 419 पद स्वीकृत करने की मंजूरी दी गई। स्वीकृत पदों पर भर्ती आगामी तीन वर्षों में चरणबद्ध तरीके से की जायेगी। इसमें संयुक्त संचालक दंत स्वास्थ्य, उप संचालक दंत स्वास्थ्य के एक-एक पद, संभागीय कार्यालय स्तर पर उप संचालक दंत स्वास्थ्य के 7 पद और शहरी क्षेत्र में जिला चिकित्सालय में दंत विशेषज्ञ के 34 पद, दंत चिकित्सक के 64 पद, इस प्रकार कुल 89 पद निर्मित किये जायेंगे। ग्रामीण क्षेत्र में 330 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में दंत चिकित्सकों के 330 पद निर्मित किये जायेंगे।
मदिरा प्रदाय व्यवस्था की अवधि बढ़ाई
- मंत्रि-परिषद ने 31 जुलाई 2021 तक लागू वर्ष 2020-21 की देशी मदिरा प्रदाय व्यवस्था को 31 मार्च 2022 तक बढ़ाये जाने का अनुमोदन दिया।
प्रदेश में आबकारी संबंधी अपराधों पर अकुंश लगाने मृत्युदण्ड का प्रावधान
- मंत्रि-परिषद की 3 अगस्त को हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि जहरीली शराब के सेवन से किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर इसके लिए दोषी को आजीवन कारावास या मृत्युदण्ड और न्यूनतम 20 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जायेगा।
- संशोधन विधेयक में मानवीय उपयोग के लिए अनुपयुक्त जहरीली शराब के सेवन से शारीरिक क्षति होने पर पहली बार में न्यूनतम 2 और अधिकतम 8 वर्ष तक का कारावास और न्यूनतम 2 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जायेगा। दूसरी बार अपराध करने पर न्यूनतम 10 और अधिकतम 14 वर्ष तक का कारावास और न्यूनतम 10 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया। जहरीली शराब मिलने पर पहली बार में दोषी को न्यूनतम 6 माह और अधिकतम 6 वर्ष तक का कारावास और न्यूनतम 1 लाख रुपये तक का जुर्माना किया जायेगा। दूसरी बार अपराध करने पर न्यूनतम 6 और अधिकतम 10 वर्ष तक का कारावास और न्यूनतम 5 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। आबकारी अधिकारी द्वारा किसी भी ऐसे व्यक्ति को जो अधिनियम के अंतर्गत कर्त्तव्य निष्पादन में बाधा डाले या हमला करे, उसे गिरफ्तार किया जा सकेगा।
महुआ को पारम्परिक मदिरा का दर्जा
- प्रदेश में महुआ आधारित मदिरा को हैरिटेज (पारम्परिक) मदिरा का दर्जा दिये जाने का भी निर्णय लिया गया है। इसके नियंत्रित निर्माण एवं विक्रय के लिए विभाग द्वारा नियम निर्धारित किये जाएंगे। इससे महुआ से निर्मित मदिरा के लघु उद्योग प्रोत्साहित होंगे। अधिनियम में पहले से प्रावधानित आदिवासियों के अधिकार यथावत सुरक्षित रखे जायेंगे।
सिंगरौली के चितरंगी में आईटीआई
- मंत्रि-परिषद ने जिला सिंगरौली के विकासखण्ड चितरंगी में नये शासकीय आईटीआई की स्थापना की स्वीकृति दी। आईटीआई की स्थापना,संचालन एवं उन्नयन पर 18 करोड़ 43 लाख रुपये संभावित व्यय होगा। नये आईटीआई के लिए कुल 30 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है। आईटीआई में 6 ट्रेडस शुरू किये जायेंगे।
एमएसएमई विकास नीति तथा एमएसएमई प्रोत्साहन योजना
- मंत्रि-परिषद ने भारत सरकार द्वारा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम के नवीन वर्गीकरण को प्रदेश में प्रभावी किये जाने के संबंध में भी निर्णय लिया। इसके परिणामस्वरूप मध्यप्रदेश एमएसएमई विकास नीति 2021 तथा मध्य प्रदेश एमएसएमई प्रोत्साहन योजना 2021 जारी की गई। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा एक जुलाई 2020 से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों का नये सिरे से वर्गीकरण किया गया है। अब तक 10 करोड़ के निवेश प्लांट में और 5 करोड़ तक का उपकरणों में निवेश करने वाली इकाइयाँ एमएसएमई के दायरे में आती थी। नवीन वर्गीकरण अनुसार अधिकतम 50 करोड़ रुपये तक के प्लांट एवं मशीनरी/उपकरणों में निवेश करने वाली और अधिकतम 250 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली इकाइयाँ एमएसएमई के तहत आ गई है।
डॉयल 100 सेवा योजना की अवधि में वृद्धि
- डॉयल 100 की स्वीकृत कार्य-योजना अवधि की समाप्ति के बाद समय-समय पर मंत्रि-परिषद के अनुमोदन के बाद अनुबंधित फर्म को वृद्धि की स्वीकृति दी गई है। एक जुलाई 2021 से अनुबंधित दरों में 15 प्रतिशत की दर वृद्धि के साथ संचालन की स्वीकृति 6 माह के लिए बढ़ाई गई। दिनांक 12 सितम्बर 2019 की मंत्रि-परिषद की बैठक में वर्ष 2020-2025 तक निरंतर रखने की अनुमति दी गई थी।
- मंत्रि-परिषद ने 11 सौ करोड़ 16 लाख रुपये (प्रतिवर्ष 183 करोड़ 36 लाख रुपये) की परियोजना तथा परियोजना की अवधि एक अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2027 तक की स्वीकृति प्रदान की है।
बीना में अस्थाई कोविड अस्पताल
- भारत-ओमान रिफाइनरी लिमिटेड बीना के सहयोग से प्लांट से लगभग 500 मीटर की दूरी पर 1 हजार बिस्तरीय अस्थायी कोविड अस्पताल के निर्माण और संचालन के संबंध में कार्योत्तर अनुमोदन किया गया। प्रथम चरण में 200 बिस्तरीय अस्थायी कोविड अस्पताल को 6 माह तक संचालन की अनुमति दी गई।
महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2021
- मंत्रि-परिषद ने महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय अधिनियम, 1991की धारा में संशोधन के लिए महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2021मान्य करने का भी निर्णय लिया।
- मंत्रि-परिषद की 31 अगस्त को हुई बैठक में “नवभारत साक्षरता कार्यक्रम” के संचालन की मंजूरी दी गई। प्रदेश में साक्षरता दर बढ़ाने के लिए 31 जुलाई 2021 तक “पढ़ना-लिखना अभियान” और उसके बाद से मार्च 2026 तक “नवभारत साक्षरता कार्यक्रम” संचालित होंगे। पाँच वर्षों के लिए 32 लाख 60 हजार असाक्षरों को नवसाक्षर करने का भौतिक लक्ष्य है। इस पर पाँच वर्षों में 110 करोड़ 84 लाख रुपये के व्यय का लक्ष्य है।
4 नये औद्योगिक पार्क विकसित होंगे
- मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में 128 करोड़ 65 लाख की लागत से 4 नए औद्योगिक पार्क विकसित करने का निर्णय लिया। इसमें बहुउत्पाद औद्योगिक पार्क मोहना, रतलाम, जावरा और कटनी (लमतरा) शामिल है। योजना में 3 हजार 400 करोड़ रुपये का निवेश और 4 हजार व्यक्तियों को रोज़गार उपलब्ध हो सकेगा।
जल निगम की चार नई परियोजनाएँ स्वीकृत
- मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश जल निगम की संरचना के सुदृढ़ीकरण और गुना, सिंगरौली, मंदसौर तथा नीमच में 4 नयी परियोजना क्रियान्वयन इकाइयों के गठन की मंजूरी दी। प्रत्येक नई परियोजना क्रियान्वयन इकाई के लिये 17 पद के मान से 68 नये पद और जल निगम मुख्यालय की संरचना के सुदृढ़ीकरण के लिये 24 नये पद मंजूर किए गए।
मूंग एवं उड़द के उपार्जन का निर्णय
- मंत्रि-परिषद ने “म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ” से प्रदेश में विपणन वर्ष 2021-22 में प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान में प्राईस सपोर्ट स्कीम और मूल्य स्थिरीकरण कोष में पंजीकृत कृषकों से मूंग और उड़द के उपार्जन का निर्णय लिया।
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना
- मंत्रि-परिषद ने इस योजना के संचालन के लिए अनुसूचित जाति कल्याण विभाग को नोडल विभाग घोषित किया। योजना में वर्ष 2020-21 में भारत सरकार द्वारा चयनित 117 नये ग्रामों के अनुसूचित जाति के सदस्यों को सीधे लाभान्वित किया जायेगा।
बैकलॉग और नि:शक्तजन के रिक्त पद के विशेष भर्ती अभियान में एक वर्ष की वृद्धि
- मंत्रि-परिषद ने 13 सितम्बर को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग के बैकलॉग, कैरीफारवर्ड और निःशक्तजनों के रिक्त पद की पूर्ति के लिए विशेष भर्ती अभियान की समय-सीमा में एक जुलाई, 2021 से 30 जून, 2022 तक एक वर्ष की वृद्धि करने का निर्णय लिया।
एथेनॉल और जैव ईधन के उत्पादन के लिए वित्तीय सहायता योजना
- मंत्रि-परिषद ने एथेनॉल और जैव ईधन के उत्पादन को प्रोत्साहन देने के लिए वित्तीय सहायता योजना जारी किए जाने का निर्णय लिया।
- उत्पादन से जुड़े प्लांट और मशीनरी में किए गए पूंजी निवेश को 100 प्रतिशत की अधिकतम सीमा तक, पेट्रोलियम तेल उत्पादन कंपनियों को इकाई से उत्पादित एथेनॉल प्रदाय करने पर रु. 1.50 पैसे प्रति लीटर की वित्तीय सहायता वाणिज्यिक उत्पादन के दिनांक से 7 वर्ष के लिए प्रदान की जाएगी।
- इकाइयों के लिए भूमि क्रय करने पर स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क की 100 प्रतिशत प्रतिपूर्ति की जाएगी।
- वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ करने के दिनांक से 5 वर्ष के लिए विद्युत शुल्क में 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी।
- गुणवत्ता प्रमाणन प्रतिपूर्ति और गुणवत्ता प्रमाणन लागत का 50 प्रतिशत या 1 लाख रुपये, जो भी कम हो, दी जाएगी।
- 100 प्रतिशत पेटेंट शुल्क की प्रतिपूर्ति 5 लाख रूपये तक की सीमा तक की जाएगी।
- इक्विपमेंट पर जीरो लिक्विड डिस्चार्ज सुविधा के लिए 50 प्रतिशत पूंजीगत अनुदान, जो 1 करोड़ रुपये की अधिकतम सीमा तक होगा, प्रदान किया जाएगा।
- उद्योग के लिए निजी आवंटित, अविकसित शासकीय भूमि पर पानी, बिजली, सड़क और अधोसंरचना विकास के लिए परियोजना व्यय के 50 प्रतिशत, जो प्रत्येक मद के लिए अधिकतम 1 करोड़ रुपये की सीमा तक होगा, की प्रतिपूर्ति की जाएगी।
- इस नीति के क्रियान्वयन के लिए एमपीआईडीसी, भोपाल नोडल एजेंसी होगी।
सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स के लिए 33 करोड़ रुपये से अधिक की स्वीकृति
- मंत्रि-परिषद ने मानसिक चिकित्सालय, इन्दौर का “सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स” के रूप में उन्नयन किए जाने के लिए नवीन एस.ओ.आर दरों के अनुसार परियोजना के लिए 33 करोड़ 1 लाख रुपये की स्वीकृति देने के साथ संस्था में पूर्व से स्वीकृत 25 पदों को समर्पित करते हुए 13 नवीन पदों के सृजन की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की।
कुटीर एवं ग्रामोद्योग उत्पादों का प्रमोशन
- मंत्रि-परिषद ने कुटीर और ग्रामोद्योग विभाग के उत्पादों का प्रमोशन, ब्रांड बिल्डिंग और विपणन अधोसंरचना की नवीन योजना का अनुमोदन दिया। योजना के परियोजना अभिलेख में प्रमुखतः तीन मदों ब्रांड प्रमोशन, ई-कॉमर्स प्रचार-प्रसार और विपणन अधोसंरचना विकास में व्यय किया जाएगा। नवीन योजना सभी ग्रामोद्योगी उत्पाद, मृगनयनी (हाथकरघा- हस्तशिल्प उत्पाद), कबीरा (खादी उत्पाद), विन्ध्या वैली (ग्रामोद्योग उत्पाद) और प्राकृत (रेशम उत्पादों) के लिये लागू होगी।
शासकीय महाराजा स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय का संविलियन
- मंत्रि-परिषद ने शासकीय महाराजा स्वशासी स्नातकोत्तर अग्रणी महाविद्यालय, छतरपुर का महाराजा छत्रसाल बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, छतरपुर में समस्त संसाधनों सहित संविलियन और पूर्व में स्वीकृत 236 पदों की पुनर्संरचना के प्रस्ताव का अनुमोदन किया।
स्वास्थ्य संस्थाओं की स्थापना और उन्नयन को मंजूरी
- मंत्रि-परिषद की 21 सितम्बर को बैठक में 263 स्वास्थ्य संस्थाओं की स्थापना और उन्नयन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। इसमें 7 जिला चिकित्सालयों के बिस्तरों की संख्या में वृद्वि, 21 सिविल अस्पतालों, 49 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, 73 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, 113 उप स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थापना/उन्नयन किया जाना है।
महिला स्व-सहायता समूहों को पोषण आहार का दायित्व
- मंत्रि-परिषद की 28 सितम्बर को बैठक ने प्रदेश के 7 पोषण आहार संयंत्रों का प्रबंधकीय कार्य मध्यप्रदेश एग्रो इण्डस्ट्रीज डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लिमि. से वापस लेकर मध्यप्रदेश राज्य आजीविका फोरम में गठित महिला स्व-सहायता समूहों के परिसंघों को सौंपने का निर्णय लिया।
राज्य स्तरीय समिति गठित
- मंत्रि-परिषद ने खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में उपार्जित धान की मिलिंग के लिए शेष मात्रा का 3.82 लाख मीट्रिक टन एवं खरीफ विपणन वर्ष 2017-18 की 1250 मीट्रिक टन धान को भारत शासन से केन्द्रीय पूल में मान्य नहीं करने के कारण मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन एवं मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ को मिलिंग के लिए उनके पास शेष रही मात्रा का ई-ऑक्शन के माध्यम से पारदर्शी प्रक्रिया अपनाते हुए विक्रय करने की अनुमति दी।
- मंत्रि-परिषद ने धान के विक्रय के लिए रिजर्व प्राईस/ऑॅफसेट मूल्य के निर्धारण, निविदा प्रक्रिया के निर्धारण और नीलामी में प्राप्त दरों के अनुमोदन के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समिति का गठन करने का निर्णय लिया।
पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग गठन का अनुसमर्थन
- मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में पिछड़ा वर्ग की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति का अध्ययन करने आवश्यक सुझाव एवं अनुशंसाएँ राज्य सरकार को प्रस्तुत करने के लिए “मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग” के गठन का अनुसमर्थन करने का निर्णय लिया।
लोक परिसम्पत्तियों के रिजर्व मूल्य निर्धारण की नीति
- मध्यप्रदेश की सीमा में निर्वर्तित की जाने वाली लोक परिसम्पत्तियों का रिजर्व मूल्य पर निर्धारण करने के लिए निर्णित नीति का अनुमोदन किया। सामान्य नीति में भू- उपयोग यथा व्यावसायिक-आवासीय होने पर परिसम्पत्ति के रिजर्व मूल्य की गणना कलेक्टर से निर्धारित चालू वर्ष की गाइडलाइन (उपबंध को पृथक रखते हुए) के अनुसार व्यवसायिक/ आवासीय विकसित प्लॉट की प्रति वर्गमीटर की दर के आधार पर करने का निर्णय लिया। मिश्रित भू-उपयोग भूमि की परिसम्पत्तियों के रिजर्व मूल्य की गणना व्यावसायिक विकसित प्लॉट की प्रति वर्गमीटर की दर के आधार पर की जायेगी। सार्वजनिक और अद्र्ध-सार्वजनिक भू-उपयोग की परिसम्पत्तियों के रिजर्व मूल्य की गणना आवासीय विकसित प्लॉट की प्रति वर्गमीटर की दर के आधार पर की जाएगी।
रेत नियम में संशोधन
- मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश रेत (खनन,परिवहन,भण्डारण एवं व्यापार) नियम 2019 में संशोधन का अनुमोदन किया। निर्णय में बडे जिले (रेत की अधिक मात्रा) में एक से अधिक समूह बनाकर निविदा जारी की जाएगी। 250 रुपये एवं निविदाकृत रेत मात्रा का गुणनफल प्रांरभिक आधार मूल्य (अपसेट प्राइज) निर्धारित किए जाएंगे। रेत समूह की निविदा का प्रकाशन राज्य स्तर से करने के बाद निविदा (ई-टेण्डर) की सभी प्रक्रियाएँ विकेन्द्रीकरण कर जिले स्तर से करने और रेत ठेकेदार से अनुबंध जिला स्तर पर किए जाएंगे। रेत समूह के ठेके की अवधि जून 2023 नियत की जाएगी। इसके अतिरिक्त अन्य तकनीकी सुधार मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम 2019 में किए गए।
जन-निजी भागीदारी से सतगढ़ी में खेल ग्राम का होगा निर्माण
- मंत्रि-परिषद ने ग्राम सतगढ़ी भोपाल में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सर्व-सुविधाओं युक्त “खेल ग्राम” का जन-निजी भागीदारी के माध्यम से निर्माण का निर्णय लिया। ग्राम सतगढ़ी की कुल भूमि 69.91 हेक्टेयर (172 एकड़) के 50 एकड़ भूमि पर कंसेशनेयर मेसर्स एस्सेल इन्फ्राप्रोजेक्टस लिमिटेड मुम्बई द्वारा 200 करोड़ रुपये की लागत से स्पोर्ट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर तथा शेष 122 एकड़ भूमि पर रीयल स्टेट विकास के लिए निजी भागीदारी योजना में 10 सितम्बर 2008 को कन्सेशन एग्रीमेंट और 4 दिसम्बर 2008 को लीजडीड का निष्पादन किया गया।
12 मार्गों पर टोल पर छूट
- मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम में पूर्व से निर्मित 12 मार्गों पर यूजर फी कलेक्शन एजेंसी से उपभोक्ता शुल्क वसूलने की स्वीकृति और 10 श्रेणियों के टोल में छूट भी प्रदान की।
अटल प्रगति पथ निर्माण में निजी भूमि की शासकीय भूमि से अदला-बदली को मंजूरी
- 5 अक्टूबर को मंत्रि-परिषद ने 4-लेन अटल प्रगति पथ का भारतमाता परियोजना में निर्माण के लिए निजी भूमि की शासकीय भूमि से अदला-बदली करने के संबंध में निर्णय लिया। अटल प्रगति पथ परियोजना विशेष निर्माण कार्य में अर्जित की जाने वाली प्रभावित निजी भूमि के मूल्य से समतुल्य दोगुनी राशि की शासकीय भूमि अदला-बदली में प्रभावित व्यक्तियों को स्थानान्तरित करने की अनुमति दी गई। परियोजना में आने वाली भूमि पर स्थित परिसम्पत्तियों के मूल्य से दोगुनी राशि प्रभावित भूमि स्वामी को देने की अनुमति दी।
ग्वालियर में “अटल बिहारी वाजपेयी स्मारक न्यास” के गठन की स्वीकृति
- 12 अक्टूबर को मंत्रि-परिषद की बैठक में ग्वालियर में स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी स्मारक का निर्माण और संस्कृति विभाग के आधीन स्वायत्त “अटल बिहारी वाजपेयी स्मारक न्यास” के गठन की स्वीकृति दी।
राजमार्गों का उन्नयन
- मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा परिचालित एडीबी की 6/7 परियोजना में मुख्य जिला मार्गों को इंटरमीडिएट लेन (5.5 मीटर चौड़ाई) के स्थान पर 2 लेन (7 मीटर चौड़ाई) करने का अनुमोदन किया। साथ ही 41 सड़क परियोजनाओं को एडीबी से पृथक कर अन्य योजनाओं में निर्माण की स्वीकृति दी। परियोजना में 60 मार्गों के उन्नयन के लिए 6 हजार 156 करोड़ रुपये की संयुक्त प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने का अनुमोदन किया।
ग्रीष्मकालीन मूंग का पी.डी.एस. से हितग्राहियों को प्रदाय
- मंत्रि-परिषद ने रबी वर्ष 2020-21 (विपणन वर्ष 2021-22) में भारत सरकार के लक्ष्य से अधिक उपार्जित ग्रीष्मकालीन मूंग को मध्यान्ह भोजन के सार्वजनिक वितरण प्रणाली से हितग्राहियों को प्रदाय करने का निर्णय लिया।
कोविड की दूसरी लहर से प्रभावित उद्योगों के लिए ब्याज/विलम्ब शुल्क से मुक्ति
- मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से प्रभावित उद्योगों के सुचारू रूप से संचालन के लिए ब्याज/विलम्ब शुल्क से मुक्ति देने का अनुमोदन किया गया। एमपीआईडीसी से स्थापित औद्योगिक क्षेत्रों/आवंटित अविकसित शासकीय भूमि में भू-आवंटितियों से मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम से वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रभार्य वार्षिक भू-भाटक एवं संधारण शुल्क को कोविड-19 संक्रमण के दृष्टिगत 1 मई 2021 से 31 अक्टूबर 2021 तक या इस संदर्भ में विभाग द्वारा जारी आदेश दोनों में से जो भी पहले हो, के 30 दिवस के भीतर तक भुगतान करने की सुविधा बिना किसी ब्याज, जुर्माना या विलम्ब शुल्क के प्रदान की जाएगी। नियम में भू-आवंटितियों के लिए विभिन्न प्रयोजन के लिए निर्धारित समयावधि में 1 मई 2021 से 31 अगस्त 2021 तक की चार माह की समयावधि को गणना में सम्मिलित नहीं किया जाएगा।
भारत सरकार के उपक्रम (MECL) और मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम लिमिटेड के मध्य एम.ओ.यू.
- प्रदेश में खनिजों के सर्वेक्षण तथा पूर्वेक्षण के लिए MECL का सहयोग लिए जाने के लिए भारत सरकार के उपक्रम मिनरल एक्सप्लोरेशन कार्पोरेशन लिमिटेड और मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम के मध्य एम.ओ.यू. निष्पादित किया जाएगा।
बेटमा खुर्द जिला इंदौर में फर्नीचर क्लस्टर की स्थापना
- इन्दौर इंटरनेशनल फर्नीचर क्लस्टर एसोसिएशन को फर्नीचर क्लस्टर विकसित करने में बेटमा खुर्द जिला इंदौर की 190.345 हेक्टेयर शासकीय भूमि पर विकास की अनुमति और क्लस्टर में स्थापित औद्योगिक/व्यवसायिक इकाइयों से विकास शुल्क और संधारण शुल्क लिए जाने के अधिकार के साथ प्रस्तावित क्लस्टर को तीन चरण में विकसित करने की अनुमति प्रदान की।
- ग्वालियर और दतिया में “द ग्वालियर एग्रीकल्चर कम्पनी लिमिटेड” से संबंधित 8 हजार 585.45 एकड़ भूमि में से मध्यप्रदेश कृषि जोत उच्चतम सीमा अधिनियम, 1960 अंतर्गत अतिशेष घोषित लगभग 5,200 एकड़ भू-भाग के संबंध में कम्पनी से न्यायालयों में प्रचलित समस्त प्रकरण वापिस लिए जाने और भविष्य में प्रश्नाधीन प्रकरण न्यायालयों के समक्ष वाद दायर न करने की अण्डरटेकिंग (वचन-पत्र) विहित रूप से प्रदान करने की स्थिति में कृषि अतिशेष घोषित लगभग 5,200 एकड़ भूमि बिना किसी शर्त/प्रभार के राजस्व विभाग के स्वामित्व में देने का अनुमोदन किया गया।
- मंत्रि-परिषद ने राजस्व विभाग का मंदसौर के शहरी क्षेत्र के जिला पंचायत की भूमि और भवन परिसम्पत्ति का निर्वर्तन के लिए रिजर्व मूल्य 6 करोड़ 68 लाख रुपये का कार्योत्तर अनुमोदन और परिसम्पत्ति के निर्वर्तन में आमंत्रित निविदाकारों की वित्तीय निविदा राशि और उनके द्वारा ई-नीलामी में लगाई गई बोली में से उच्चतम क्त-1 निविदाकार द्वारा निविदा बोली मूल्य का शत-प्रतिशत जमा करने के उपरांत परिसम्पत्ति के निर्वर्तन के लिये अनुबंध/रजिस्ट्री के निष्पादन और क्त-1 निविदाकार के पक्ष में नामांतरण किए जाने का निर्णय लिया है।
विद्युत दरों में 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक की सब्सिडी
- मंत्रि-परिषद की 19 अक्टूबर की बैठक में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं को विद्युत दरों में 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक की सब्सिडी देने का निर्णय लिया गया। घरेलू उपभोक्ताओं के लिए योजना में 150 यूनिट तक की मासिक खपत पर प्रथम 100 यूनिट तक अधिकतम 100 रुपये का देयक दिए जाने और अनुसूचित जाति एवं जनजाति के बी.पी.एल. घरेलू उपभोक्ता, जिनकी मासिक खपत 30 यूनिट है, से मात्र 25 रुपये प्रतिमाह के मान से 4 माह में 100 रुपये लिए जाने का प्रावधान इस वर्ष भी निरंतर रखा गया। गृह ज्योति योजना में 4981 करोड़ 69 लाख रुपये की सब्सिडी स्वीकृत की गई। इस निर्णय से प्रदेश के कृषि उपभोक्ताओं को विद्युत देयक में 15 हजार 722 करोड़ 87 लाख रुपये की वार्षिक राहत प्राप्त होगी।
“मुख्यमंत्री राशन आपके ग्राम” योजना को मंजूरी
- मंत्रि-परिषद ने गरीब जनजाति परिवारों की सुविधा के लिए प्रदेश के आदिवासी विकासखण्डों की उचित मूल्य दुकानों के आश्रित ग्रामों के पात्र परिवारों को उनके ही ग्राम से राशन सामग्री वितरण की योजना “मुख्यमंत्री राशन आपके ग्राम” लागू करने का निर्णय लिया।
कोविड-19 उपचार एवं प्रबंधन योजना को मंजूरी
- मंत्रि-परिषद की 2 नवम्बर को हुई बैठक में कोविड-19 से संबंधित गतिविधियों के क्रियान्वयन के लिए नवीन-योजना क्रमांक 7659 कोविड-19 के उपचार और प्रबंधन में किए जाने वाले कार्यों की स्वीकृति दी गई। योजना के क्रियान्वयन के लिए वर्तमान में 75 करोड़ रुपये पुन:र्विनियोजन से उपलब्ध हैं और कुल 480 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है।
वन स्टॉप सेंटर
- मंत्रि-परिषद ने नगर पालिका नीमच में हिंसा से पीड़ित महिलाओं को एक ही स्थान पर चिकित्सा सुविधा, हेल्पलाइन, एफ.आई.आर की सुविधा, परामर्श सुविधाएँ आदि उपलब्ध करने के लिए 300 वर्ग मीटर भूमि बिना प्रीमियम, वार्षिक भू- भाटक राशि एक रुपये से शर्तों के अधीन, उक्त भूमि के उपयोग को आवासीय से “सार्वजनिक एवं अद्र्ध-सार्वजनिक” में उपांतरित करने की शर्त पर जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, नीमच को वन स्टॉप सेंटर (सखी) भवन निर्माण के लिए आवंटित करने की अनुमति दी।
ग्रामीण पथ विक्रेता
- मंत्रि-परिषद ने मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता ऋण योजना में बैंकों से 25 मई 2021 तक की अवधि में वितरित और लंबित 6 लाख 10 हजार 60 हितग्राहियों के बैंक खातों में प्रत्येक पथ विक्रेता को 1 हजार रुपये का अनुदान की कार्योत्तर स्वीकृति दी। राजस्व विभाग से कोविड-19 के दृष्टिगत राहत संबंधी योजना से 61 करोड़ 60 हजार रुपये का आवंटन प्रदाय करने की कार्योत्तर स्वीकृति दी।
जैविक कृषि समर्थन कार्यक्रम
- मंत्रि-परिषद ने जनजातीय कार्य विभाग की संक्षेपिका अनुसार प्रोजेक्ट अप्रेजल कमेटी से अनुमोदित लंबित देन-दारियों की राशि एवं स्वीकृत योजनाओं के लिए कृषि विभाग को दी गई राशि के बदले में प्रतिपूर्ति के रूप में केन्द्र शासन से उपलब्ध करायी गयी राशि 38 करोड़ रुपये का उपयोग जैविक कृषि समर्थन के कार्यक्रम (प्रतिपूर्ति) नवीन योजना में करने की स्वीकृति दी।
नवीन पद की स्वीकृति
- मंत्रि-परिषद ने नवीन खनिजों की खोज, अवैध उत्खनन, परिवहन एवं भण्डारण की रोकथाम और सूचना प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए संचालनालय भौमिकी तथा खनिकर्म (म.प्र.) में सभी श्रेणियों में कुल 868 पद की स्वीकृति दी।
मुख्यमंत्री सहायता कोष
- मंत्रि-परिषद ने मुख्यमंत्री सहायता कोष से प्रदेश में कोविड-19 के बचाव में बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 29 करोड़ 30 लाख रुपये की राशि का व्यय किए जाने का अनुसमर्थन किया।
देशी मदिरा प्रदाय व्यवस्था
- मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में 31 अक्टूबर 2021 तक लागू देशी मदिरा प्रदाय व्यवस्था को 5 नवम्बर 2021 तक बढ़ाए जाने के संबंध में समन्वय में प्राप्त अनुमोदन का अनुसमर्थन कर व्यवस्था को 31 मार्च 2022 तक के लिए बढ़ाए जाने की मंजूरी दी।
मध्यप्रदेश काष्ठ चिरान (विनियमन) संशोधन विधेयक, 2021
- मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश काष्ठ चिरान (विनियमन) अधिनियम 1984 की धारा 4 (क) में संशोधन करने की स्वीकृति देते हुए मध्यप्रदेश काष्ठ चिरान (विनियमन) संशोधन विधेयक, 2021 को विधानसभा-सत्र में पुन:स्थापित कर पारित कराने की सभी आवश्यक कार्यवाही के लिए वन विभाग को अधिकृत करने का निर्णय।
सभी शासकीय, गैर शासकीय अस्पतालों का फायर सेफ्टी ऑडिट होगा
- मंत्रि-परिषद की 9 नवंबर की बैठक में निर्देश दिए गए कि सभी शासकीय और गैर शासकीय अस्पतालों का तत्काल फायर सेफ्टी ऑडिट कराया जाए। अस्पतालों की फायर सेफ्टी ऑॅडिट की रिपोर्ट जल्द से जल्द प्रस्तुत की जाए।
4 नवीन तहसील के गठन का अनुसमर्थन
- मंत्रि-परिषद ने जिला खण्डवा में नई तहसील किल्लौद, जिला टीकमगढ़ में नवीन तहसील दिगौड़ा, जिला खण्डवा में नवीन तहसील मूंदी और जिला बुरहानपुर में नवीन तहसील धूलकोट के गठन का अनुसमर्थन किया।
नीमच में मेडिकल कॉलेज स्थापना के लिए भूमि आवंटन
- मंत्रि-परिषद ने नीमच नगर में नगर पालिका स्वामित्व के महू- नसीराबाद रोड पर बिना प्रीमियम और वार्षिक भू-भाटक एक रुपये से दी गई शर्तों के अधीन और उक्त भूमि के उपयोग को आवासीय से “सार्वजनिक एवं अद्र्ध-सार्वजनिक” में उपांतरित किए जाने की शर्त पर चिकित्सा शिक्षा विभाग को मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए आवंटित किए जाने की अनुमति प्रदान की।
11 नवीन शासकीय महाविद्यालय शुरू करने का अनुमोदन
- मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में 11 नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ करने का अनुमोदन किया। इनमें शासकीय महाविद्यालय उदय नगर जिला देवास, शा. महाविद्यालय रैगाँव जिला सतना, शासकीय महाविद्यालय घुवारा जिला छतरपुर, शासकीय महाविद्यालय पिछोर जिला ग्वालियर, शासकीय महाविद्यालय जैसीनगर जिला सागर, शासकीय महाविद्यालय गोरमी जिला भिण्ड, शासकीय महाविद्यालय रजौधा जिला मुरैना, शासकीय महाविद्यालय अनूपपुर जिला अनूपपुर, शासकीय महाविद्यालय दिमनी जिला मुरैना, शासकीय महाविद्यालय रिठौराकलां जिला मुरैना और शासकीय महाविद्यालय दिनारा जिला मुरैना सम्मिलित हैं। पहले से संचालित पाँच शासकीय महाविद्यालय में नवीन विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय प्रारंभ करने और एक शासकीय महाविद्यालय में स्नातकोत्तर स्तर पर तीन नवीन विषय प्रारंभ करने के लिए 233 शैक्षणिक और 228 अशैक्षणिक, कुल 461 पद सृजन करने की स्वीकृति दी।
विश्वविद्यालय (संशोधन) अध्यादेश
- मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय (संशोधन) अध्यादेश के अनुसार “छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय” का नाम “राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय छिंदवाड़ा” किया जाने के प्रस्ताव को मान्य किया।
भोपाल क्षय चिकित्सालय का उन्नयन
- मंत्रि-परिषद ने भोपाल के क्षय चिकित्सालय का उन्नयन रीजनल इंस्टीट्यूट फॉर रेस्पिरेटरी डिसीज में किए जाने के लिए नवीन पद के सृजन की मंजूरी दी। क्षय चिकित्सालय, भोपाल को चिकित्सा शिक्षा विभाग को अंतरित किए जाने पर चिकित्सा सुविधाएँ एवं शिक्षण कार्य एन.एम.सी. के मापदण्डों के अनुरूप प्रारम्भ करने, टी.बी. की बीमारी के साथ साँस एवं फेफड़े से संबंधित बीमारी, फेफड़े के कैंसर की उच्च स्तरीय जाँच एवं सर्जरी तथा रेस्पिरेटरी, आई.सी.यू. एवं थोरेन्सिक सर्जरी जैसी विधाओं की स्थापना किए जाने के उद्देश्य से चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा क्षय चिकित्सालय का उन्नयन रीजनल इंस्टीट्यूट फॉर रेस्पिरेटरी डिसीज के रूप में किए जाने का निर्णय लिया गया।
पंजीकृत पवन ऊर्जा परियोजनाओं एवं नवीन परियोजनाओं के लिए निविदा आमंत्रण
- मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में पंजीकृत पवन ऊर्जा परियोजनाओं और नवीन परियोजनाओं के विकास के लिए 750 मेगावाट क्षमता की विंड-सोलर हायब्रिड (विंड/सोलर ऊर्जा का 33ऽ न्यूनतम आवश्यक घटक) परियोजनाओं की 2.78 रुपये प्रति यूनिट सीलिंग टैरिफ रखते हुए स्थापना के लिए बिड आमंत्रित करने की मंजूरी दी। भविष्य में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग से आवश्यकतानुसार आर.पी.ओ. की आपूर्ति के लिए पवन ऊर्जा परियोजनाओं और पवन एवं सौर ऊर्जा हायब्रिड परियोजनाओं के लिए भी बिड आमंत्रित की जाएगी। बिड प्रोसेस मैनेजमेंट की कार्यवाही “रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड” (ङछग्च्ख्र्) द्वारा की जाएगी। बिड में न्यूनतम क्रय दर प्रस्तुत करने वाले विकासक का चयन परियोजना विकास के लिए किया जाएगा।
मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना मंजूर
- मंत्रि-परिषद की 16 नवम्बर की बैठक में प्रदेश के शिक्षित युवाओं को स्व-रोज़गार से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना को मंजूरी दी। योजना का लाभ प्रदेश के 18 से 40 वर्ष तक के न्यूनतम 12वीं कक्षा पास युवाओं को प्राप्त होगा। योजना में विनिर्माण इकाई के लिए 1 लाख से 50 लाख रुपये तक की, और सेवा इकाई और खुदरा व्यवसाय के लिए 1 लाख से 25 लाख रुपये तक की परियोजनाएँ मान्य की जाएंगी। योजना के माध्यम से उद्योग, सेवा या व्यवसाय स्थापित करने के इच्छुक युवाओं को बैंकों के माध्यम से कम ब्याज दर पर ऋण प्राप्त होगा। बैंक ऋण के लिए कोई कोलेट्रल सिक्यूरिटी भी नहीं देनी पड़ेगी। राज्य सरकार वित्तीय सहायता के रूप में वितरित ऋण पर 3 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज अनुदान और ऋण गारंटी शुल्क प्रचलित दर से हितग्राही को अधिकतम 7 वर्षों तक दिया जाएगा। योजना का क्रियान्वयन ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा।
एयर कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए ए.टी.एफ.पर वेट की दर 4 प्रतिशत
- मंत्रि-परिषद ने एयर कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए एयर-क्राफ्ट टरबाईन फ्यूल पर ग्वालियर, खजुराहो और जबलपुर में निर्धारित दर 4 प्रतिशत की तरह ही भोपाल और इंदौर में वेट की दर वर्तमान 25 प्रतिशत को घटाकर 4 प्रतिशत करने का निर्णय लिया।
राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह का स्मारक एवं संग्रहालय
- मंत्रि-परिषद ने इण्डियन नेशनल ट्रस्ट-फॉर-आर्ट एण्ड कल्चरल हेरिटेज को राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह के स्मारक एवं संग्रहालय, जबलपुर के निर्माण कार्य के लिए राज्य शासन के प्रचलित शिड्यूल ऑफ रेट एवं उस पर 9 प्रतिशत पर्यवेक्षण शुल्क के आधार पर निविदा पद्धति की निर्धारित प्रक्रिया से छूट देते हुए कार्यादेश देने एवं इस कार्य के भविष्य में विस्तार आदि और संग्रहालय संचालन का कार्य आई.एन.टी.ए.सी.एच से ही कराए जाने की अनुमति देने का निर्णय लिया।
संयुक्त/सामुदायिक वन प्रबंधन समितियों के माध्यम से वृक्षारोपण
- मंत्रि-परिषद ने संयुक्त/सामुदायिक वन प्रबंधन समितियों के माध्यम से सी.एस.आर/सी.ई.आर. एवं अशासकीय निधियों के उपयोग से वृक्षारोपण नीति अनुमोदित की।
मध्यप्रदेश में चलेगा ऊर्जा साक्षरता अभियान
- मंत्रि-परिषद की 23 नवम्बर की बैठक में फैसला किया गया कि प्रदेश के सभी नागरिकों को ऊर्जा साक्षर बनाने के लिए प्रदेश स्तर पर “ऊर्जा साक्षरता अभियान” चलाया जाएगा। अभियान के माध्यम से प्रदेश के नागरिकों को ऊर्जा बचत की जानकारी दी जाएगी।
सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए राज्य शासन देगी गारंटी
- मंत्रि-परिषद ने आगर-शाजापुर-नीमच सौर पार्क की 1500 मेगावाट क्षमता की 10 गुना से अधिक क्षमता के लिए जारी निविदा में प्राप्त प्रतिस्पर्धा और न्यूनतम टैरिफ के लिए प्रमुख कारकों में से एक, “राज्य शासन द्वारा परियोजना विकास को राज्य शासन द्वारा गारंटी देने” के निर्णय का अनुमोदन किया।
विधेयक एवं अध्यादेश
- मंत्रि-परिषद ने अविवादित श्रेणी के ऐसे राजस्व प्रकरण, जिनमें पंजीकृत दस्तावेज के आधार पर आदेश किया जा सकता है पर पक्षकारों की व्यक्तिगत उपस्थिति न होने के कारण लंबित हो जाते हैं, के शीघ्र निराकरण के लिए एक या एक से अधिक जिले के लिए साइबर तहसील का सृजन किए जाने के प्रस्ताव संबंधी मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता (संशोधन) विधेयक 2021 का अनुसमर्थन किया।
- मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज (संशोधन) अध्यादेश 2021 का अनुसमर्थन किया।
6 चिकित्सा महाविद्यालयों के निर्माण को मंजूरी
- मंत्रि-परिषद ने 30 नवम्बर को प्रदेश में एक हजार 547 करोड़ 45 लाख रुपये से 6 नवीन चिकित्सा महाविद्यालय मण्डला, सिंगरौली, श्योपुर, राजगढ़, नीमच और मंदसौर के निर्माण कार्य की मंजूरी दी।
सीमेट स्वतंत्र इकाई के रूप में स्थापित होगा
- मंत्रि-परिषद ने निर्णय लिया कि मध्यप्रदेश राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान (सीमेट) को वर्तमान में प्रशासन अकादमी से पृथक कर स्वतंत्र इकाई के रूप में स्थापित किया जाएगा।
विद्युत कम्पनियों की पूंजीगत योजनाओं एवं वितरण प्रणाली का सुदृढ़ीकरण
- मंत्रि-परिषद ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड, मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड एवं तीनों विद्युत वितरण कंपनियों की परियोजनाओं की कुल लागत राशि 1 हजार 818 करोड़ 47 लाख रुपये, राज्य शासन से वर्षवार आवश्यक राशि (अंशपूंजी एवं ऋण) बजट के माध्यम से प्राप्त किए जाने, वित्तीय वर्ष 2020-21 में तीनों विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा क्रियान्वित की गई निरंतर/प्रचलित उप-पारेषण एवं वितरण प्रणाली के सुदृढ़ीकरण के लिए योजना में 230 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की।
चावल की गुणवत्ता में सुधार को प्रोत्साहन
- मंत्रि-परिषद ने धान मिलों में तकनीकी उन्नयन से धान मिलिंग का कार्य करने वाली इकाइयों को स्वयं का सॉर्टेक्स प्लांट स्थापित करने के लिए मध्यप्रदेश सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास नीति 2021 में सुविधाओं का लाभ प्रदान करने के लिए नीति में संशोधन करने का निर्णय लिया।
संरक्षित वन क्षेत्रों से ग्रामों के पुनर्वास के लिए
अब प्रति परिवार मुआवजा 10 से बढ़ाकर 15 लाख हुआ
- मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में 7 दिसम्बर को मंत्रि-परिषद ने राष्ट्रीय उद्यानों/अभयारण्यों (संरक्षित क्षेत्रों) एवं टाईगर रिजर्व के कॉरिडोर से ग्रामों के पुनर्वास के लिए राज्य योजना में मुआवजा को प्रति परिवार पैकेज राशि 10 लाख से बढ़ाकर 15 लाख रूपये अंगीकार करने की मंजूरी दी। वन विभाग की ग्रामों के पुनर्वास के लिए “मुआवजा” योजना को आगामी पाँच वर्षों अर्थात 2021-22 से 2025-26 के लिए राशि 75 करोड़ की स्वीकृति दी। कैम्पा मद से वित्तीय वर्ष 2022-23 से वर्ष 2025-26 तक कुल 4 वर्षों के लिए 285 करोड़ रूपये की स्वीकृति जारी की जाने का अनुमोदन भी किया।
एयरपोर्ट विस्तार के लिए भूमि आवंटन
- मंत्रि-परिषद ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, ग्वालियर को एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए ग्राम लोहारपुर तहसील मुरार, जिला ग्वालियर में स्थित कुल रकबा 57.952 हेक्टेयर शासकीय भूमि, शून्य प्रब्याजि एवं एक रुपये वार्षिक भू-भाटक पर आवंटन करने का निर्णय लिया।
विधेयकों का अनुमोदन
- मंत्रि-परिषद ने “छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय, छिंदवाड़ा” का नाम “राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय, छिंदवाड़ा” किया जाने के प्रस्तावित संशोधन विधेयक के प्रस्ताव को मान्य किया।
- मंत्रि-परिषद की 16 दिसम्बर को हुई बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा मध्यप्रदेश जल निगम के माध्यम से क्रियान्वित की जाने वाली समूह जल-प्रदाय योजनाओं को मंजूरी दी गई। अनुमोदित की गई 22 समूह जल-प्रदाय योजनाओं से 17 जिलों के 6117 गाँवों में प्रत्येक घर को घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी। इन 22 योजनाओं की लागत 9373 करोड़ 99 लाख रूपये है।
- मंत्रि-परिषद द्वारा तेजस्विनी कार्यक्रम में गठित स्व-सहायता समूहों के कार्य-क्षेत्र एवं स्वरूप को यथावत रखते हुए राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में उनका विलय किए जाने का अनुमोदन किया।
- मंत्रि-परिषद ने म.प्र. सड़क विकास निगम को शासन के विभिन्न विभागों की भवन परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए क्रियान्वयन एजेंसी बनाये जाने की स्वीकृति दी।
- मंत्रि-परिषद द्वारा सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारियों के रिक्त 144 पदों में से पहले चरण में 72 पदों की पूर्ति किये जाने का अनुमोदन किया गया।
- मंत्रि-परिषद की 26 दिसम्बर को हुई बैठक में खेलो इंडिया योजना में तीन वर्षों के लिए 215 करोड़ 53 लाख रूपये की नीतिगत/सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई।
- मंत्रि-परिषद ने 65 कन्या शिक्षा परिसर भवन निर्माण कार्य की मूल प्रशासकीय स्वीकृति की राशि 1785 करोड़ 51 लाख रूपये के स्थान पर पुनरीक्षित राशि 1877 करोड़ 30 लाख रूपये की मंजूरी दी।
- मंत्रि-परिषद ने केन्द्रीकृत पुलिस कॉल सेंटर एवं नियंत्रण कक्ष तंत्र (डायल-100) सेवा के द्वितीय चरण (2021-2027) के लिये 1,200 एफ.आर.वी. वाहनों की परियोजना के लिये अनुमानित राशि 1084 करोड़ 52 लाख स्र्पये की विस्तृत कार्य-योजना को मंजूरी दी। एफ. आर. वी. की संख्या वर्ष 2021-2027 की अवधि में 2 हजार एफ. आर. वी. तक क्रमबद्ध बढ़ाए जाने का प्रावधान निविदा में शामिल करने की भी स्वीकृति प्रदान की गयी।
- मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश राजमार्ग निधि नियम 2012 के नियम 3 को संशोधन करने की स्वीकृति दी गई।
- मंत्रि-परिषद् ने मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं स्वराज (संशोधन) अध्यादेश 2021 को अनुमोदित किया।
भोपाल-इंदौर में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू
- राज्य सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए प्रदेश के महानगर भोपाल और इंदौर में पुलिस आयुक्त प्रणाली को लागू किया। इस संबंध में 9 दिसम्बर को अधिसूचना जारी की। गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि कानून-व्यवस्था के प्रभावी क्रियान्वयन और दोनों शहरों की जनसंख्या 10 लाख से अधिक होने पर राज्य सरकार ने संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक नगरीय क्षेत्रों एवं सीमाओं को मेट्रो पोलिटियन क्षेत्र घोषित किया है। मंत्री डॉ. मिश्रा ने सरकार द्वारा लिए गये बहु-प्रतीक्षित ऐतिहासिक निर्णय के लिए मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का आभार माना।
- पुलिस आयुक्त प्रणाली में इंदौर नगरीय पुलिस जिले में 36 थानों और भोपाल नगरीय पुलिस जिले में 38 थानों की सीमाओं को समाविष्ट किया गया है।