अरुण साव की ताजपोशी से छत्तीसगढ़ बीजेपी संगठन में फिर रमन सिंह का दबदबा बरकरार

रायपुर। छत्तीसगढ़ बीजेपी ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले अभी से जमावट शुरू कर दी है। बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने जातिगत समीकरण देखते हुए, विष्णुदेव साय की जगह बिलासपुर से लोकसभा सांसद अरुण साव को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी है। इस फैसले से पूर्व सीएम रमन सिंह का एक बार फिर बीजेपी संगठन में दबदबा दिखा है।
रमन सिंह के पसंदीदा है अरुण साव
रमन सिंह के विरोधी इस बात का इंतजार कर रहे थे कि अबकी बार केंद्रीय नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए उनसे कोई रायशुमारी नहीं करेगा, और उन्हें साइड लाइन कर दूसरे गुट के नेताओं में से किसी को प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर नियुक्त करेगा। लेकिन अरुण साव की ताजपोशी से विरोधी गुट को जोर का झटका लगा है। सूत्रों से खबर मिली थी कि केंद्रीय नेतृत्व बस्तर के ही किसी आदिवासी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहता है, लेकिन जातिगत समीकरण न सेट हो पाने के कारण अरुण साव को यह बड़ी जिम्मेदारी दी गई है।
जल्द बदलेगा नेता प्रतिपक्ष
प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद यह लगभग तय है कि नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक की भी छुट्टी होगी, बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर और शिवरतन शर्मा खुद को पक्का दावेदार मानकर चल रहे हैं, लेकिन यह पद भी रमन सिंह के खास माने जाने वाले नारायण चंदेल की झोली में जा सकता है, इससे कुर्मी समीकरण भी सध जाएगा।
कौन है अरुण साव
छात्र जीवन से एबीवीपी से अपना राजनीतिक सफर शुरू करने वाले अरुण साव पर बीजेपी संगठन ने भरोसा जताते हुए उन्हें बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बनाया है।