शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती और बीजेपी प्रवक्ता उमेश शर्मा का निधन, सीएम ने बताई अपूरणीय क्षति
इंदौर। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का 99 वर्ष की आयु में लंबी बीमारी के बाद प्राणंत हो गया। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने राम मंदिर निर्माण के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी थी और उन्होंने आजादी के आंदोलन में भी अहम योगदान दिया था। वहीं बीजेपी के प्रवक्ता उमेश शर्मा का इंदौर में हार्ट अटैक से निधन हो गया। उमेश शर्मा शनिवार को गुजरात चुनाव ड्यूटी से वापस इंदौर लौटे थे। उमेश शर्मा को अचानक सीने में तेज दर्द उठने पर रविवार सुबह परिजन रॉबर्ट नर्सिंग होम लेकर पहुंचे थे लेकिन वहां तमाम कोशिशों के बाद भी उन्हें नहीं बचाया जा सका।
बीजेपी प्रवक्ता उमेश शर्मा के निधन की सूचना मिलते हैं सीएम शिवराज सिंह चौहान उनके परिवार को सांत्वना देने अस्पताल पहुंच गए। सीएम ने उमेश शर्मा के परिवार को ढांढस बंधाया और कहा कि यह वज्रपात हम सब लोगों के लिए अकल्पनीय है। मुझे उम्मीद थी कि आज फिर हम मिलेंगे। कल ही वह गुजरात से लौटे थे, पार्टी ने उनको जिम्मेदारी दी थी और आज बिना कुछ बताए अचानक उमेश हम सबको छोड़कर चले गए। ओजस्वी वक्ता, कुशल संगठक, अपना पूरा जीवन जिन्होंने पार्टी के लिए समर्पित कर दिया ऐसे साथी को खोकर पूरा इंदौर और प्रदेश के बीजेपी कार्यकर्ता दुखी हैं। उमेश शर्मा के असमय चले जाने से मन में गहरी वेदना है, उनकी कमी हम कभी पूरी नहीं कर सकते। उनका परिवार, हम सब का परिवार है, उसके साथ हम खड़े हैं।
सन्यास परंपरा के सूर्य थे स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती: सीएम
राम मंदिर निर्माण के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने वाले और आजादी के आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले द्वारिका और ज्योर्तिमठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का रविवार दोपहर साढ़े तीन बजे निधन हो गया है। नरसिंहपुर के झोतेश्वर स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली ।वे काफी समय से बीमार चल रहे थे। उन्होंने 3 सितंबर को अपना 99 वां जन्मदिन मनाया था। उनके निधन पर सीएम शिवराज ने दुख जताते हुए कहा कि शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के प्राणांत की सूचना अत्यंत दुःखद है। पूज्य स्वामी जी सनातन धर्म के शलाका पुरुष एवं सन्यास परम्परा के सूर्य थे।