MP. सिकल सेल एनीमिया प्रोजेक्ट, रोकथाम और प्रबंधन पर हुई बैठक

राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल ने कहा है कि सिकल सेल एनीमिया रोकथाम के लिए सर्वेक्षण कार्य सघन स्तर पर किया जाए। प्रदेश के सभी क्षेत्रों से विभिन्न संस्थाओं द्वारा सिकल सेल एनीमिया की जाँच के परिणामों को राज्य स्तर पर संकलित किया जाए। प्रयास हो कि 6 माह में प्रदेश में सिकल सेल रोगी और वाहकों की संख्या का आकलन किया जा सके। राज्यपाल श्री पटेल आज राजभवन में मध्यप्रदेश सिकल सेल एनीमिया प्रोजेक्ट के तहत रोग की रोकथाम और प्रबंधन के कार्यों पर चर्चा कर रहे थे। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और पं. खुशीलाल शर्मा आयुर्वेद कॉलेज के चिकित्सा अधिकारी उपस्थित थे।

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि सिकल सेल एनीमिया की रोकथाम और प्रबंधन सबके साथ और प्रयासों से किया जाना चाहिए। रोकथाम और प्रबंधन के एकजुट, समन्वित प्रयासों की महत्ता है। एलोपैथी, आयुर्वेद उपचार पद्धतियों, संस्थाओं, व्यक्ति, समाज और सरकार के समन्वित सहयोग से किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि रोकथाम और प्रबंधन के लिए आवश्यक राशि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए आगामी बजट में प्रावधान कराने के प्रयास किए जाएँ। रोग टेस्टिंग के लिए प्राथमिक, सामुदायिक और जिला स्तर पर व्यवस्था के साथ ही मोबाइल टेस्टिंग की पहल भी की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि झाबुआ और अलीराजपुर में रोगियों के उपचार प्रयासों में एलोपैथी, आयुर्वेद के उपयोग की सम्भावनाओं को भी तलाशा जाए। उन्होंने उपचार के क्षेत्र में व्यापक शोध और अनुसंधान की जरूरत बताते हुए आयुर्वेद के अपार ज्ञान भण्डार को उजागर करने को कहा है। जड़ी-बूटियों और जनजातीय समुदाय के पारम्परिक ज्ञान को संकलित भी किया जायें।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि जीवन अमूल्य है। पैसा, साधन नहीं, जीवन रक्षा महत्वपूर्ण है। सिकल सेल एनीमिया हजारों जानों की सुरक्षा और संरक्षण की चिंता और चिंतन का विषय है। पीड़ित मानवता की सेवा कार्य को ईश्वरीय सौभाग्य मानकर कार्य करने पर ईश्वर का प्रसाद मिलता है। जरूरत है मिशन भाव के साथ काम करने की। संवेदनशील कार्य भावना के परिणाम आत्मिक आनंद देते हैं।

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