जानिए कब बजी सीएम शिवराज के भाषण में सबसे अधिक तालियां

भोपाल। राजधानी में आयोजित हिंदी विमर्श कार्यक्रम में सीएम शिवराज ने कई अनकहे राज जनता के सामने बताएं। कार्यक्रम में समाज के सभी वर्गों और पेशे के लोग मौजूद रहे। सीएम ने बताया कि हिंदी ही वह भाषा है जिसका पूरे देश के साथ विश्व में डंका बज रहा है। इस दौरान सीएम ने बताया कि कैसे विदेशों में उनके हिंदी भाषा में दिए भाषणों पर तालियों की गड़गड़ाहट कम नहीं हुई। साथ ही सीएम ने मजाकिया लहजे में कहा कि कई बार लोग बिना पूरे ज्ञान के अंग्रेजी में आधी अधूरी बात बोल जाते हैं।
सीएम शिवराज ने बताया कि कुछ लोग अंग्रेजी की मानसिकता से जकड़ गए हैं। जब वल्लभ भवन में पहली बार हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई करवाने की बात कही तो लोग हंसने लगे और मुंह पीछे करके कहते रहे कि असंभव, लेकिन असंभव शब्द मेरे शब्दकोश में नहीं है इसलिए हम अब मध्य प्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में करवाने जा रहे हैं। मध्य प्रदेश में भावनात्मक मध्यप्रदेश गीत बनाया गया जिसका उद्देश्य लोगों को एक सूत्र में बांधना था। अंग्रेजी को कोई भी भाषा के रूप में सीखे हमें कोई आपत्ति नहीं लेकिन हिंदी मध्य प्रदेश और देश का गौरव है।

विदेश में सबसे अधिक हिंदी भाषणों पर बजी तालियां
सीएम शिवराज ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि एक हिंदी भाषी सांसद ने फर्राटेदार अंग्रेजी में भाषण दिया तो मैंने पूछा कि आप तो हिंदी जानते हो फिर भी अंग्रेजी में भाषण क्यों दिया। उस समय सांसद ने बताया कि अंग्रेजी में बोलने से इंप्रेशन पड़ता है तो मैंने कहा कि क्या अंग्रेजी में भाषण देने से चुनाव जीत जाओगे। गरीब से गरीब मां-बाप भी अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाना चाहते हैं, एक बच्चा तो मेडिकल की पढ़ाई इसलिए छोड़ कर भाग गया क्योंकि अंग्रेजी न आने के कारण वह अपमानित महसूस करता था। सीएम ने कहा धिक्कार है ऐसी अंग्रेजी पर। सीएम ने यूएसए से लेकर यूके तक कई भाषण दिए पर सबसे अधिक तालियां उनके हिंदी भाषणों में बजी है। यह इस बात को दर्शाती है कि हिंदी का विश्व में बोलबाला है।
कार्यक्रम में सीएम शिवराज ने मजाकिया लहजे में दिया भाषण
सीएम शिवराज ने कहा पीएम मोदी हिंदी में पढ़ाई शुरू करवाने के प्रणेता बने हैं क्योंकि उन्होंने कहा था कि मातृभाषा में शिक्षा होनी चाहिए और हमने कहा था कि हम करके दिखाएंगे। नीचे तक यह भाव जाएगा और दृणमूल होगा तब अंग्रेजी (चुड़ैल) नीचे उतरेगी। सीएम ने मजाकिया लहजे में कहा कि गांव-गांव में डॉक्टरों की जरूरत है वह हिंदी में लिखेंगे क्रोसिन का नाम उसमें क्या परेशानी है ऊपर श्रीहरि लिखो और नीचे क्रोसिन। साथ ही उन्होंने कहा कि कुरवाई में लोग अंग्रेजी नहीं जान रहे फिर भी कहा जा रहा है आई लव कुरवाई।
एक वर्ग नहीं चाहता की हिंदी में हो पढ़ाई: शिवराज
सीएम ने बगैर किसी का नाम लिए कहा कि देश में एक वर्ग ऐसा बन गया है जो नहीं चाहता कि हिंदी में पढ़ाई हो क्योंकि अगर अंग्रेजी रहेगी तो उसकी आगे की पीढ़ियां तरती रहेंगी। यूरोपीय देशों में तो मातृभाषा में ही बात होती है लेकिन पता नहीं क्यों जनता गुलामी की मानसिकता वाली बन रही है। मातृभाषा में बात करने का संदेश महात्मा गांधी, महर्षि दयानंद, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, राम मनोहर लोहिया ने दिया और अब उसी सामाजिक क्रांति को पीएम मोदी बढ़ावा दे रहे हैं।
सीएम ने हिंदी में किए मार्गों के नाम
भोपाल में स्थित टीटी नगर इलाके के नाम का मतलब आज भी कई युवा नहीं जानते। अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन संस्थान को लोग ऐगपा कहने लगे हैं। वहीं स्मार्ट सिटी की रोड का नाम बुलेवर्ड स्ट्रीट रख दिया गया जिसे सीएम शिवराज ने हिंदी को बढ़ावा देते हुए अटल पथ रख दिया है। सीएम ने कहा कि अंग्रेजी को कोई भाषा के रूप में सीखे हमें कोई आपत्ति नहीं लेकिन जबरन यह मानसिकता बच्चों के दिमाग में घुसा देना कि अंग्रेजी के बिना काम नहीं चलेगा यह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।