राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन से शिक्षा में आएगा आमूलचूल परिवर्तन: कुलपति प्रो के जी सुरेश

कोलकाता में सीआईआई सम्मेलन को किया संबोधित


भोपाल/कोलकाता: राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधान विद्यार्थियों को परीक्षा के लिए या नौकरी के लिए नहीं अपितु उनके सर्वांगीण विकास एवं जीवन में सफलता हासिल करने के लिए तैयार करती है l राष्ट्रीय शिक्षा नीति का अगर उसकी भावना अनुसार क्रियान्वयन किया जाए तो देश के शिक्षा पद्धति में आमूलचूल परिवर्तन ला सकती है यह कहना है माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो केजी सुरेश का । केजी सुरेश
कुलपति सुरेश कनफेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री द्वारा कोलकाता में आयोजित पूर्वी भारत के शिक्षा शिखर सम्मेलन (East Education Summit) को संबोधित कर रहे थे l इस बैठक में एआईसीटीई एवं नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारी तथा कई कुलपति और शिक्षाविद प्रतिभागी रहे l
राष्ट्रीय शिक्षा नीति को शुरुआती दौर से ही क्रियान्वयन करने वाले पहले विश्वविद्यालय के नाते पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलगुरू को इस बैठक में विशेष आमंत्रित किया था l
प्रश्नों के उत्तर देते हुए कुलपति ने कहा की एकेडमिक क्रेडिट बैंक जैसे विषयों पर और स्पष्टता की आवश्यकता है और उम्मीद किया कि जल्द ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और शिक्षा मंत्रालय इस दिशा में पहल करेगी l
सुरेश ने कहां कि मानव संसाधन मंत्रालय को पुनः शिक्षा मंत्रालय नाम देना तथा जीडीपी के 6% शिक्षा के लिए आवंटित करना राष्ट्रीय शिक्षा नीति के महत्वपूर्ण निर्णय हैं जिसके भारतीय शिक्षा पर दूरगामी परिणाम होगा l उन्होंने कहा कि इसके अलावा नई नीति भारतीय भाषाओं पर, देश की ज्ञान परंपरा पर और समाज के लिए एवं राष्ट्र के लिए प्रासंगिक शोध पर जोर दिया है l नीति के प्रावधानों के अंतर्गत विशेषज्ञता के साथ विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होगा एवं उद्यमिता को भी बढ़ावा मिलेगा l
इस अवसर पर वरिष्ठ शिक्षाविद प्रो उज्जवल चौधरी जी ने कुलपति सुरेश को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया l

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