निर्माण कार्यों को दें सर्वोच्च प्राथमिकता – स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी

लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा है कि कोरोना काल के इस दौर में स्वास्थ्य विभाग के निर्माण कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाये, जिससे अधो-संरचनाओं का उपयोग जन-सामान्य के लिए अधिक से अधिक स्वास्थ्य सुविधाएँ देने में किया जा सके। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी गुरूवार को मंत्रालय में स्वास्थ्य विभाग के निर्माण कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े, संचालक स्वास्थ्य श्री रविन्द्र चौधरी और संबंधित निर्माण एजेंसियों के अधिकारी मौजूद थे।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने निर्माण एजेंसियों के अधिकारियों से कहा कि निर्माण एजेंसियों को निर्देशित किया कि सभी कार्य गुणवत्ता के साथ तय समय-सीमा में करें। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में आईसीयू बेड, एसएनसीयू, पीआईसीयू वार्ड, ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड, स्वास्थ्य केन्द्रों में बिस्तरों का विस्तार, लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन टैंक, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और जिला अस्पतालों के नवीन भवनों के निर्माण आदि कार्यों एसएनसीयू, पीआईसीयू, लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन टैंक और अस्पतालों में अन्य सुविधाओं को बढ़ाने के लिये किये जा रहे हैं। कोरोना काल में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिये स्वीकृत किये गये कार्यों की गंभीरता को समझें। छोटी-मोटी कमियों के रहते कार्यों को लंबित रखना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि जो कार्य अपूर्ण है, उनको पूर्ण करने के समयावधि को तय करें और तय समयावधि के तहत कार्य पूर्ण करना सुनिश्चित भी करें। निर्माण कार्यों के लिये जहाँ पर भूमि की उपलब्धता सहित अन्य कोई अवरोध आता है, तब संबंधित जिले के कलेक्टर से संपर्क कर उसे अविलंब दूर करें। किसी भी प्रकार की दिक्कत होने पर स्वास्थ्य आयुक्त और उन्हें भी अवगत कराएँ ताकि तत्काल निराकरण कर कार्य को गति दी जा सके।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने निर्माण एजेंसियों के अधिकारियों से कहा कि निर्माण कार्यों को लंबित रखना भी उचित नहीं है। उन्होंने लापरवाह और उदासीन अधिकारियों को चेतावनी दी और कहा कि वे निर्माण कार्यों की प्रगति की समय-समय पर समीक्षा करेंगे। कार्यों के लंबित रहने पर अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी।

एक वर्ष में 2882 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड्स तैयार

बैठक में जानकारी दी गई कि वर्ष 2021-22 के लिये विभिन्न अस्पतालों में आईसीयू, एचडीयू बेड्स उपलब्ध कराने के विरूद्ध 100 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर 670 नवीन आईसीयू, एचडीयू बेड्स उपलब्ध कराए गए। वर्ष 2021-22 में 3063 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड्स का लक्ष्य रखा गया था। लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 2882 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड्स स्थापित किये जो चुके हैं और शेष को फरवरी माह तक स्थापित कर दिया जाएगा। इसी प्रकार 310 पीआईसीयू के विरूद्ध 300 पीआईसीयू बिस्तर अस्पतालों में उपलब्ध कराये जा चुके हैं। शेष को जनवरी अंत तक पूरा कर दिया जाएगा।

सभी जिला अस्पतालों में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट

वर्ष 2021-22 में सभी जिला अस्पतालों में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट लगाने की स्वीकृति के बाद प्लांट लगाने का कार्य शुरू किया गया। अब तक भोपाल, राजगढ़, विदिशा, भिंड, दतिया, गुना, मुरैना, बैतूल, नर्मदापुरम, सिवनी, बड़वानी, खरगोन, मंदसौर, रतलाम और उज्जैन में स्थापना कार्य हुआ है। शेष जिलों में 15 फरवरी तक कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा।

बैठक में बताया गया कि निर्माण एजेंसी पुलिस हाउसिंग बोर्ड को 390 लाख रूपये के 28 कार्य, पीआईयू को 281 करोड़ रूपये के 49 कार्य और स्वास्थ्य विभाग की निर्माण शाखा को 182 करोड़ 73 लाख के 186 नवीन निर्माण कार्यों की स्वीकृतियाँ दी गई हैं। नवीन निर्माण कार्यों में 7 जिला चिकित्सालय में अतिरिक्त बिस्तर संख्या का निर्माण एवं उन्नयन कार्य, 21 सिविल अस्पताल भवनों का उन्नयन और निर्माण कार्य पुलिस हाउसिंग बोर्ड को दिया गया है। पीआईयू को 49 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों का उन्नयन और निर्माण का कार्य दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग की निर्माण शाखा को 73 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवनों के निर्माण और 113 उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन के निर्माण का कार्य दिया गया है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि नये और पुराने सभी निर्माण कार्यों को प्राथमिकता से लेते हुए निर्माण एजेंसियाँ समय पर पूरा करें।

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