कलाकारों को आगे बढ़ाने के हरसंभव होंगे प्रयास: मुख्यमंत्री चौहान
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि विविधता में एकता हमारे देश की संस्कृति है। विविधता हमारे देश की धरोहर है। हमारी संस्कृति, साहित्य़़, कला का विकास और सुरक्षा हमारा कर्त्तव्य है। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति और साहित्य में नैतिक मूल्यों और जीवन की उत्कृष्टता का खजाना छुपा है। राज्यपाल मंगुभाई पटेल गणतंत्र दिवस की संध्या पर आयोजित लोकरंग कार्यक्रम एवं रवींद्र सभागम केंद्र के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहें।
राज्यपाल पटेल ने कहा है कि हमारी सांस्कृतिक विविधता सही अर्थों में हमारे देश की धरोहर है, इसका निरंतर संरक्षण और विकास सुनिश्चित करना हम सभी देशवासियों का कर्त्तव्य है। सांस्कृतिक आयोजन हमारे लोक मूल्यों, कलात्मक समृद्धता को उजागर कर युवाओं और भावी पीढ़ी को हमारी सांस्कृतिक धरोहर से परिचित कराते हैं। कला के विभिन्न स्वरूपों के सांस्कृतिक कार्यक्रम संस्कृति के नैतिक मूल्यों और मान्यताओं को प्रस्तुत कर, हमारी सांस्कृतिक विविधताओं में निहित भावनात्मक एकत्व को मज़बूत बनाते हैं। राष्ट्रीय गौरव को जागृत रखने के लिए स्वाभिमान और बलिदान की परंपराओं से नई पीढ़ी को परिचित और प्रेरित कराना जरूरी है। इतिहास के पन्नों में छूट गए राष्ट्र नायक, नायिकाओं और समाज के विभिन्न वर्गों और समुदायों के योगदान से आमजन को परिचित कराने का प्रयास करें।
राज्यपाल पटेल ने कहा कि आजादी के वीर और वीरांगनाओं के त्याग और तप की गाथाओं से भावी पीढ़ी को परिचित कराएँ। उन्हें सेवा, कर्त्तव्य पालन और राष्ट्र भक्ति के मूल्यों से संस्कारित और समृद्ध करें। वीरों के संघर्ष, त्याग, बलिदान की गौरवशाली परम्पराओं और स्वतंत्रता के 75 वर्षों की उपलब्धियों के आधार पर नए विचारों और नए संकल्पों के साथ प्रतिबद्ध करायें। उन्होंने कार्यक्रम में पुरस्कृत संस्थाओं और कलाकारों से राज्य सरकार द्वारा सिकलसेल रोग के उन्मूलन के लिए किए जा रहे प्रयासों में सहयोग करने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हमारी कला और संस्कृति अद्भुत है। प्रदेश में लोक कलाओं को बढ़ावा देना शासन का परम कर्त्तव्य है। प्रदेश के कलाकारों को आगे बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने संस्कृति विभाग को प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाले कलाकारों का मंच बनाकर वर्ष में एक बार समागम कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अब हमारे कलाकारों को राष्ट्रीय सम्मान मिल रहे हैं। पहले गिने-चुने पद्म अवॉर्ड दिए जाते थे। अब पद्म पुरस्कारों की संख्या बढ़ गई है। आज बताते हुए प्रसन्नता है कि मध्यप्रदेश ने कोरोना रोधी टीके के 11 करोड़ डोज़ पूरे कर लिए हैं। हमारे टीकाकरण दलों ने विषम से विषम परिस्थितियों में भी टीकाकरण कार्य किया है। उन्होंने टीकाकरण कार्य में लगे सभी लोगों और विभागों को बधाई दी।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल एवं मुख्यमंत्री चौहान ने दीप प्रज्जवलित कर नवनिर्मित “रवींद्र सभागम केंद्र” का लोकार्पण और जनजातीय एवं लोक कलाओं के 37वें राष्ट्रीय समारोह” लोकरंग” का शुभारंभ किया। प्रमुख सचिव संस्कृति शिव शेखर शुक्ला ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम में राज्य स्तरीय गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने वाले विजेता विशेष सत्र बल के अधिकारी-कर्मचारियों तथा सांस्कृतिक दलों, लोक नृत्य दलों, कोरोना काल में सक्रिय भूमिका निभाने वाले महानुभावों और सामाजिक क्षेत्र में कार्यरत संस्थाओं को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय नानाजी देशमुख सम्मान भी प्रदान किए गए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अभिनेता अन्नू कपूर का स्वागत किया।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मुझे बताते हुए आनंद है कि मध्यप्रदेश के कला और संस्कृति के क्षेत्र में कार्य करने वाली चार विभूतियों अर्जुन सिंह धुर्वे, रामसहाय पांडेय, श्रीमती दुर्गाबाई और अवध किशोर जड़िया जी को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में कला, साहित्य, संगीत और नृत्य इत्यादि के क्षेत्र में 148 पुरस्कार दिए जाते हैं। देश का कोई भी राज्य इतने पुरस्कार नहीं देता। उन्होंने संस्कृति विभाग को निर्देशित करते हुए कहा कि पुरस्कार जिस साल घोषित हों, उसी साल दिए जाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कला के क्षेत्र में अद्भुत कार्य हो रहा है। अच्छा कार्य करने वाले कलाकारों को मध्यप्रदेश सरकार की ओर से कभी निराश नहीं होने देंगे।
लोक निर्माण मंत्री गोपाल भागर्व ने कहा कि रवींद्र भवन सभागम केंद्र का उद्घाटन मध्यप्रदेश के लिए उपलब्धि का दिवस है। हमारे प्रदेश में क्षेत्रीय और आंचलिक युवा कलाकारों की कमी नहीं है, आवश्यकता उन्हें मंच उपलब्ध कराने की है। मंच उपलब्ध नहीं होने से युवाओं की कला गाँव, ग्राम और जिले में ही ध्वस्त हो जाती है। श्री भार्गव ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान ने 2015 में मध्यप्रदेश की कला, साहित्य को नई पहचान देने के लिए इस केंद्र का शिलान्यास किया था। आशा है कि केन्द्र में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों से लोक कलाकारों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी कला का प्रदर्शन करने का अवसर प्राप्त होगा।प्रख्यात फिल्म अभिनेता अन्नू कपूर और अन्य कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। इस अवसर पर बड़ी संख्या में कला प्रेमी उपस्थित थे। संचालक संस्कृति अदिति कुमार त्रिपाठी ने आभार व्यक्त किया।