सीएम ने लाड़ली लक्ष्मियों के खाते में डाले 1 करोड़ 85 लाख रुपए, कहा: प्रदेश का भाग्य गढ़ने में योगदान देंगी बेटियां
भोपाल। लाड़ली लक्ष्मी योजना के सफल क्रियान्वयन के बाद अब शिवराज सरकार ने कॉलेजों में एडमिशन लेने वाली लाड़ली लक्ष्मियों को आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए लाड़ली 2.0 योजना के क्रियान्वयन पर जोर देना शुरू कर दिया है। सीएम शिवराज ने आज राजधानी में आयोजित कार्यक्रम में कॉलेजों में एडमिशन ले चुकी 1477 बेटियों के खाते में साढ़े 12-12 हजार रूपए की राशि ऑनलाइन ट्रांसफर की। उन्होंने बताया बेटियों का शैक्षणिक, आर्थिक और राजनीतिक सशक्तिकरण करना मेरा उद्देश्य है। साथ ही उन्होंने बहन-बेटियों पर गलत नजर उठाने वालों को सख्त लहजे में चेताया कि अगर बेटियों पर बुरी नजर डाली तो फांसी पर लटका दिया जाएगा। कार्यक्रम में मंत्री तुलसी सिलावट, विधायक रामेश्वर शर्मा, कृष्णा गौर, महापौर मालती राय समेत कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत में सीएम शिवराज द्वारा पुष्प वर्षा कर बेटियों का स्वागत किया गया, तुलसी का पौधा भेंट किया गया। सीएम शिवराज ने बताया कि मैं गांव में पैदा हुआ हूं, जब गांव में बेटा पैदा होता था तो लोग मिठाई बांटते थे, मायके वाले खुश होते थे, हवाई फायर किए थे लेकिन अगर बेटी पैदा हो गई तो ज्यादातर पिता और दादा का मूड ऑफ हो जाता था, मां तक का चेहरा मुरझा जाता था। उस समय मेरे मन में आया कि जब भगवान बेटा-बेटी में कोई भेदभाव नहीं करता तो इंसान क्यों कर रहा है। किसी भी भगवान का नाम लिया जाता है तो पहले देवियों का नाम आता है जैसे सीताराम, गौरीशंकर राधेकृष्ण। पौराणिक कथाओं में भी बताया गया है कि राक्षसों को मारने के लिए देवता देवियों का आह्वान करते थे। शक्ति के लिए मां दुर्गा को, बुद्धि के लिए सरस्वती और धन के लिए लक्ष्मी जी को याद किया जाता था। मेरे मन में सदैव से यह भाव रहा कि बेटियों के साथ अत्याचार नहीं होना चाहिए।
सीएम ने बताई अपने बचपन की कहानी
कार्यक्रम में सीएम शिवराज ने बताया कि मैं जब छोटे कार्यक्रमों में भाषण देता था तो एक जगह मैंने कहा कि बेटी को आने दो, बेटी है तो कल है तब एक बूढ़ी अम्मा खड़ी हो गई और कहा कि भाषण देता है अगर बेटी बड़ी हो गई तो उसकी शादी में दहेज तू देगा क्या, तब से ही मेरे मन में भाव आया की ऐसा क्या किया जाए कि बेटी पैदा ही लखपति हो। पहली बार विधायक बनने के बाद शिवराज पदयात्रा के लिए एक गांव में गए तो वहां एक बेटी के परिवार वालों ने बताया कि यह बड़ी हो गई है इसके माता-पिता नहीं है और अब इसकी शादी का इंतजाम आप करवाइए, तब से मन में विचार आया कि इस बेटी की शादी तो करवा दूंगा लेकिन प्रदेश की और बेटी बेटियों के लिए अहम कदम उठाना चाहिए। उस समय मामा शिवराज ने धूमधाम से बेटी की शादी करवाई, भोजन सामान की व्यवस्था करवाई और इसके बाद से ही बेटियों की शादी करवाना प्रारंभ किया। सांसद बनने के बाद अपने सांसद भत्ते का उपयोग बेटियों की शादी में करवाया। वर्ष 2005 में सीएम बनने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने कन्या विवाह योजना बनाई जिससे बेटियों की शादी धूमधाम से होना शुरू हुई।
इंपॉसिबल को पॉसिबल करके दिखाया: शिवराज
वर्ष 2005 में पहली बार सीएम बनने के बाद सीएम शिवराज ने अधिकारियों को बुलाया और कहा कि मैं बेटियों का मामा हूं और चाहता हूं कि बेटियां लखपति ही पैदा हो तब कुछ अधिकारियों ने कहा था कि यह इंपॉसिबल है। सीएम शिवराज के अथक प्रयासों से योजना बनी की बेटी के जन्म लेने के साथ ही 30 हजार रूपए उसके खाते में डाले जाएं और जब बेटी 21 साल की हो तब लखपति होगी। इसके बाद उसमें शर्त डाली गई की 5वीं से 6वीं में एडमिशन लेने पर 2 हजार रूपए मिलेंगे, 8वीं से 9वीं में जाने पर 4 हजार रूपए मिलेंगे, 11वीं से 12वीं में जाने पर 6 हजार रूपए देने का प्रावधान किया गया ताकि बेटियों को लखपति बनाया जा सके।
बेटियां चमत्कार कर सकती हैं, उनकी राह में बाधा नहीं आने देंगे: सीएम
सीएम शिवराज ने बताया कि बेटियां मेरे हृदय में निवास करती हैं। सीएम ने मंच से बेटियों से कहा आप लोग मेहनत करो, पढ़ो मुझे विश्वास है कि आप चमत्कार कर सकती हो। नीट, जेईई मेंस, आईआईटी-आईआईएम, बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई करना हो तो करिए। हमने संकल्प लिया है कि बेटियों की राह में कोई बाधा नहीं आने देंगे। बेटियों को वचन दिया कि आप लोग कॉलेजों में एडमिशन लो फीस की चिंता मत करो, आपकी फीस शिवराज मामा भरवाएगा। शिवराज सरकार ने प्रदेश में शिक्षक भर्ती में बेटियों को 50% आरक्षण, पुलिस भर्ती में 30% आरक्षण दिया। शिवराज सरकार का प्रयास है कि बेटियां सेना, एयरफोर्स में जाएं और राजनीति में भी उतरे ताकि वह देश और समाज की बेहतरी के लिए काम कर सकें।