बच्चों की पाठशाला में टीचर बन सीएम शिवराज ने बताया राष्ट्रीय ध्वज का इतिहास, बोले: अपने कैरियर के साथ ही देश के बारे में भी सोचे
- मॉडल स्कूल से पढ़े सीएम शिवराज ने उसी स्कूल में छात्र छात्राओं को पढ़ाया
भोपाल। देशभर में चलाए जा रहे हर घर तिरंगा अभियान के तहत सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आज स्कूली छात्र-छात्राओं को पाठशाला में आजादी और राष्ट्रीय ध्वज का इतिहास बताया। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने टीटी नगर स्थित जिस मॉडल स्कूल से शिक्षा प्राप्त की थी आज उसी स्कूल में उन्होंने बच्चों को पढ़ाया। उन्होंने बच्चों से कहा कि अपने कैरियर के साथ ही देश के बारे में भी सोचें, देश के लिए मरने की नहीं देश के लिए जीने की जरूरत है।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने स्कूली छात्र-छात्राओं से कहा कि महात्मा गांधी लोगों की श्रद्धा का केंद्र रहे पूरे भारत का दिल जीता, आजादी की लड़ाई के मार्गदर्शक बने। 1921 में महात्मा गांधी ने यह महसूस किया हमारे देश का एक राष्ट्रीय ध्वज होना चाहिए। महात्मा गांधी ने ध्वज बनाने का काम पिंगली वैंकैया को दिया और कहा कि “ध्वज में चरखे के साथ ध्वज का डिजाइन बनना चाहिए। 1931 में कराची में अधिवेशन में इस ध्वज को भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया। आप देखेंगे ऊपर लाल रंग, बीच में स्वेत मतलब सफेद रंग और नीचे हरा रंग और तीनों रंग के अपने अपने महत्त्व और प्रतीक थे। सीएम ने लोगों से हर घर तिरंगा फहराने की अपील की।
आजादी के महायज्ञ में बच्चों ने भी दिया योगदानः सीएम
सीएम शिवराज ने बताया कि अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन के कारण ही भारत का बच्चा-बच्चा स्वतंत्रता के महायज्ञ में कूद गया। तब अंग्रेजों ने तय किया अब भारत में टिक नहीं सकते वापस जाना पड़ेगा, तब आजादी देने की तैयारियां शुरू हुईं। आजादी की लड़ाई चलती गई समय आगे बढ़ता रहा।
अपने साथ देश के बारे में सोचे: सीएम शिवराज
सीएम शिवराज ने मंच से कहा कि अपने कैरियर के बारे में सोचे लेकिन अपने देश-समाज के बारे में भी सोचे। 130 करोड भारतवासी मिलकर ही भारत को महान बना सकते हैं। अपनी दिनचर्या में कोई ना कोई काम सम्मिलित करें। मैं रोज पौधा लगाता हूं मुझे किसी ने मजबूर नहीं किया पौधा लगाने के लिए लेकिन मुझे लगा कि पर्यावरण बचाने, आने वाली पीढ़ियों के लिए धरती सुरक्षित छोड़ने के लिए यह काम जरूरी है और इसीलिए मैं पौधारोपण करता हूं।