मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में बांस का उत्पादन बढ़ाया जाये। इससे लोगों को रोजगार के साथ प्रचुर मात्रा में लकड़ी भी मिल सकेगी। बांस का रकबा जितना बढ़ा सकते हैं, उतना बढ़ाने के प्रयास हो। प्रदेश में सघन वन क्षेत्र में काफी वृद्धि हुई है। इसमें जन-सहयोग की महती भूमिका रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में वन विभाग की समीक्षा बैठक ले रहे थे। वन मंत्री श्री विजय शाह, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव वन श्री अशोक वर्णवाल सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
बाघ संरक्षण में कमी नहीं रहे
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में सबसे अधिक बाघ हैं। इनके संरक्षण पर कोई कमी नहीं रहने दी जाये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सामुदायिक वन प्रबंधन के लिए निर्धारित संकल्प के अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित करें। कैंपा निधि का उपयोग बेहतर ढंग से सुनिश्चित कर लें। ईको पर्यटन में रोजगार को बढ़ाया जाये।
वन पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वन पर्यटन अद्भुत कॉन्सेप्ट है। वन पर्यटन को अधिकाधिक बढ़ावा दिया जाए। वनों में पहुँचकर पर्यटक आनंद से भर जाते हैं। प्रदेश में बाघों के अलावा वन पर्यटन का सर्किट तैयार करने की कार्य-योजना बना ली जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नेशनल पार्क वन क्षेत्रों में ट्रेकिंग को बढ़ावा दें। टूरिज्म के साथ मिलकर कार्य करें। हमारे वन क्षेत्रों को अंतर्राष्ट्रीय नक्शे पर लायें।
ध्यान कुटी बनाई जाए
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अमरकंटक सहित विभिन्न स्थानों पर ध्यान कुटी बनाई जा सकती हैं। लोगों को आनंद की चाह और ललक रहती है।
आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के परिप्रेक्ष्य में वनों की महत्वपूर्ण भूमिका
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 2500 वन समितियों की सूक्ष्म वन प्रबंधन योजनाएँ लागू करने के संबंध में निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के परिप्रेक्ष्य में वनों की महत्वपूर्ण भूमिका है। वन सुरक्षा समितियों को लंबित लाभांश का भुगतान किया जाये। राजस्व और वन भूमि के विवादों का निराकरण तेजी से करें। पर्यावरणीय स्वीकृतियाँ समय पर जारी हो।