नल जल योजना : तिल्लोर खुर्द गाँव के बहनों की दूर हुई समस्याएं

nal jal yojana

तिल्लोर खुर्द गाँव की भौगोलिक संरचना में अधिकतर भूमि के नीचे कठोर चट्टान होने के कारण यहाँ के जल स्त्रोत सालभर पानी नहीं देते हैं। गर्मी में तो बोरिंग तथा हैंडपंप का पानी सूख जाता है और ग्रामीणों को भीषण जल संकट का सामना करना पड़ता है। इंदौर के रालामंडल अभ्यारण्य से मात्र 10 मिनट की दूरी पर स्थित तिल्लोर खुर्द गाँव का बस स्टेंण्ड, दशहरा मैदान और हरिजन मोहल्ला के रहवासी पानी की समास्या से काफी परेशान रहते थे।

भारत सरकार द्वारा प्रारंभ किये गये जल जीवन मिशन को प्रदेश ने भी अपनाया और 50 प्रतिशत राज्यांश से जल-प्रदाय योजनाओं के कार्य शुरू किए। मिशन में ग्राम तिल्लोर खुर्द का रेट्रो फिटिंग नल-जल योजना के लिए चयन हुआ। सबसे पहले गाँव वासियों के सहयोग से ग्राम आकलन और नजरिये नक्शे के माध्यम से गाँव की आधारभूत स्थिति की जानकारी के आधार पर प्रोफाइल तैयार की गई। जन- भागीदारी प्रक्रिया के माध्यम से तिल्लोर खुर्द की जल-प्रदाय योजना का निर्माण किया गया।

जल जीवन मिशन में रेट्रो फिटिंग जल-प्रदाय योजना के पूरा होने पर 7 हजार 811 की आबादी वाले गाँव तिल्लोर खुर्द के 1474 परिवारों के घर-घर पहुँचा नल कनेक्शन से जल। अब गाँव के रहवासियों को किसी भी मौसम में पानी के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। गाँव की निवासी गृहणी सुश्री संगीता सोलंकी बहुत खुश हैं क्योंकि उन्हें अब दूर तक जाकर पानी लाने की तकलीफ से निजात मिल गई है। जब संगीता से घर में नल और नल से मिल रहे जल के बारे में पूछा तो वे खुशी भरे लहजे में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को हाथ जोड़कर धन्यवाद देती हैं। संगीता का कहना है कि मेरी तरह लाखों गृहणियाँ होंगी जिनकी “नीर की पीर” को जल जीवन मिशन ने दूर कर दी है।

तिल्लोर खुर्द के लिए जल समिति का गठन हो चुका है, जो जल-प्रदाय योजना के संचालन एवं संधारण का कार्य संभाल रही है। जल की गुणवत्तापूर्ण उपलब्धता के उद्देश्य से गाँव की 5 महिलाओं को एफटीके किट के माध्यम से नाइट्रेट, वैक्टीरिया, आयरन और जल की कठोरता जैसे 8 मानकों का प्रशिक्षण दिया गया। अब यही महिलायें ग्रामीण परिवारों को प्रदाय हो रहे जल का समय-समय पर परीक्षण कर रहीं हैं। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने तिल्लोर खुर्द गाँव के युवाओं को इलेक्ट्रिशियन, फिटर और प्लम्बर की ट्रेनिंग देकर वाटर टेक्नोक्रेट बनाया गया है, ताकि गाँव की इस जल-प्रदाय योजना के संचालन में आई किसी भी कठिनाई को यह युवा दूर कर सकेंगे।

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