रतलाम में पति ने रेपिस्ट को डायनामाइट से उड़ाया; जानिए पूरी कहानी
मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में एक ऐसा सनसनीखेज मामला सामने आया है जिसमें पत्नी के बलात्कारियों से बदला लेने के लिए पति ने उनमें से एक को बम से उड़ा दिया। पति ने दो और आरोपियों को बम से उड़ाने की साजिश की थी लेकिन बम ब्लास्ट नहीं हो पाया।
बदले कि आग में किया एक साल तक इंतजार
गांव के दबंग दोस्तों भंवरलाल पाटीदार (54), लालसिंह खतीजा (35) और दिनेश (37) ने गांव के ही सुरेश (32) की पत्नी से गैंगरेप किया। पत्नी को बचाने की कोशिश की तो तीनों ने धमकाया। बोले- एफआईआर भी की तो मार डालेंगे। बदले की आग में जलने लगा वह धमकी से डर गया और पुलिस के पास नहीं गया। आंखों के सामने पत्नी की अस्मत लुटते देखने के बाद उसने कसम खाई थी कि किसी को नहीं छोड़ेगा। अंदर ही अंदर बदले की आग में जलता रहा। पहले छह महीने तक चुप रहा और आरोपियों के बेपरवाह होने का इंतजार करने लगा।
टीवी पर देखकर सीखा नक्सलियों का तरीका
टीवी पर देखा कि डेटोनेटर और जिलेटिन छड़ का उपयोग करके नक्सली जवानों पर हमला करते हैं, इससे शरीर के चीथड़े तक उड़ जाते हैं।
जिलेटिन छड़ें खरीदी, डेटानेटर भी लिए
रतलाम में डेटोनेटर और जिलेटिन आसानी से मिल जाते हैं। कुएं बनाने से लेकर मछली मारने में उपयोग करते हैं। सुरेश को इनका उपयोग आता था। गांव सिमलावदा के बद्री पाटीदार से जिलेटिन छड़ें और डेटोनेटर खरीदे। सुरेश ने सबसे पहले भंवरलाल को विस्फोट से उड़ाने का प्रयास किया। उसके खेत के ट्यूबवेल के स्टार्टर से डेटोनेटर और जिलेटिन को सेट कर दिया, लेकिन जिलेटिन की छड़ें कम थीं। हल्का विस्फोट हुआ और भंवरलाल बच गया।
फिर वह चुपचाप हो गया और वेट करने लगा। छह महीने बाद लाल सिंह को निशाना बनाना तय किया। लाल सिंह सिंचाई के लिए जाता था। उसने भंवरलाल जैसा ही प्लान तैयार किया। इस बार जिलेटिन की 14 छड़ें विस्फोट के लिए लगाईं। लाल सिंह ने जैसे ही स्टार्टर का बटन दबाया तो धमाके से उसे चीथड़े उड़ गए।
पुलिस ने 2 दिन में ही कर दिया खुलासा
रतलाम एसपी गौरव तिवारी ने बताया जानकारी मिली थी कि गांव के भंवरलाल के साथ भी इसी तरह की घटना हुई थी। यह बात साफ हो गई कि यह हादसा नहीं हत्या है। पता चला कि गांव का सुरेश लोढ़ा घटना के दिन से ही परिवार के साथ गायब है। जानकारी जुटाने पर सुरेश लोढ़ा के सांवलिया जी दर्शन करने जाने की सूचना मिली। 6 जनवरी को मंदसौर के पास से पकड़ा। उसने वारदात कबूली।
दो रेपिस्टों की जान बची, पर जेल गए फिल्मी अंदाज में नक्सलियों के तरीके से प्रतिशोध लेने वाला शख्स तीनों दुश्मनों को विस्फोट से उड़ाना चाहता था। भंवरलाल को किस्मत का सहारा मिल गया। दिनेश की जान आरोपी सुरेश के पकड़े जाने पर बच गई। हालांकि, आरोपी की पत्नी से पूर्व में किए गए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
जान लेने का सामान आसानी से उपलब्ध
आमतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में कुएं की खुदाई के दौरान डेटोनेटर का उपयोग किया जाता है। यहां तक कि नदी और तालाब में मछली मारने के लिए भी इसका उपयोग ग्रामीण करते हैं। आरोपी सुरेश लोढ़ा भी डेटोनेटर (टोटे) का उपयोग करना जानता था। सुरेश ने पास के गांव सिमलावदा निवासी बद्री पाटीदार से बड़ी संख्या में टोटे खरीदे थे। बद्रीलाल पाटीदार के पास पूर्व में विस्फोटक का लाइसेंस था।
ऐसे सेट किया डेटोनेटर और जिलेटिन
गांव में खेती के लिए बिजली देने का अलग ही फीडर होता है। सुबह लाइट रहती है तो रात में नहीं रहती। यह बात सुरेश को पता थी। उसने लाल सिंह खतीजा की रैकी की थी। उसे पता था कि वो भी ट्यूबवेल का स्टार्टर उठाता था। इसी वजह से सुरेश ने रात को बिजली जाने पर डेटोनेटर सेट कर दिया गया।