जब धर्मात्मा राज करते हे तो परमात्मा भी साथ देते है: डॉक्टर दुर्गेश केसवानी
गुना। आज से आठ साल पूर्व जब नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री का दायित्व संभाला था उस दौरान देश के सामने अनेक प्रकार की चुनौतियां खड़ी थी. इन चुनौतियों का मुकाबला करते हुए श्री मोदी ने देश को दुनिया में अग्रिम पंक्ति में खड़ा कर मान-सम्मान बढ़ावा. कोविड जैसी महामारी का मुकाबला करते हुए आठ साल में देश ने कितनी तरक्की की यह सबके सामने है.यह बात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार के 8 साल का कार्यकाल पूर्ण होने के उपलक्ष्य में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डॉक्टर दुर्गेश केसवानी ने स्थानीय होटल में आयोजित पत्रकारवार्ता के दौरान कही।
भारत के प्रधान मंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के 8 वर्ष पूर्ण होने पर “8 साल बेमिसाल” कार्यक्रम के तहत भाजपा “सेवा सुशासन और गरीब कल्याण” पखवाड़ा मना रही है।
मनाये जा रहे पखवाड़े के तहत केंद्र एवं राज्य सरकार की उपलब्धियों, योजनाओ, आदि को लेकर एक पत्रकारवार्ता का आयोजन किया गया।
पत्रकार वार्ता में मुख्य वक्ता भाजपा मध्यप्रदेश के प्रवक्ता श्री दुर्गेश केसवानी ने केंद्र एवं राज्य सरकार की उपलब्धियों एवं सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजना गिनाई। पत्रकार वार्ता में भाजपा जिलाध्यक्ष गजेंद्र सिंह सिकरवार, गुना विधायक गोपीलाल जाटव, जिला महामंत्री गिरिराज भार्गव , भाजपा जिला मीडिया प्रभारी विकास जैन नखराली विशेष रूप से उपस्थित रहें।
जब धर्मात्मा राज करते हे तो परमात्मा भी साथ देते है: डॉक्टर दुर्गेश केसवानी
डाक्टर केसवानी ने कहा कि जब धर्मात्मा राज करते हे तो परमात्मा भी साथ देते है। जैसा की हम सभी जानते हैं कि हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने हाल में आठ साल पूर्ण किए हैं। आज इन्हीं आठ साल की उपलब्धियों पर मैं आप सबका ध्यान आकर्षित करवाना चाहूंगा। हालांकि मैं इतनी बड़ी शख्सियत तो नहीं कि माननीय प्रधानमंत्री जी के कार्यों पर प्रकाश डाल सकूं, लेकिन उन्होंने इन आठ सालों में मुझे और आप सब देशवासियों को जो सौगातें दीं। उन के बारे में आप सबकाे जानकारी देना चाहता हूं।
आजादी के बाद से ही हर प्रधानमंत्री स्वयं को आधुनिक भारत का शिल्पकार बताता रहा है, लेकिन पिछले आठ सालों में हमारे प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी ने जो काम देश के लिए किया है। वह देश को आठ सौ सालों की लूट, निर्धनता और गरीबी से निकालकर उसे दुनिया के सबसे ताकतवर राष्ट्रों की कतार में खड़ा कर चुका है। पिछले कुछ वर्षों में प्रधानमंत्री जी ने जो कार्य किए हैं उसके कारण भारत सहित पूरी दुनिया हमारी ओर आशा की नजरों से देखने लगी है। एक ऐसी आशा जहां हम शांति और विकास की बात हो। मानवता के दुश्मनों का पूरी तरह से सफाया हो। हर व्यक्ति आजादी और खुशहाली के साथ अपनी जिंदगी बिता सके।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने गुजरात में हाल ही में हुए एक कार्यक्रम में कहा था कि उनका मकसद जन कल्याणकारी योजनाओं को शत प्रतिशत जमीन पर उतारना है। प्रधानमंत्री जी की ऐसी जनकल्याणकारी योजनाओं पर एक नजर डाले तो 28 अगस्त 2014 को देश की जनता को बैंकिंग से जोड़ने के लिए जन धन योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत अब तक 31 करोड़ से ज्यादा खाते खोले गए हैं। वहीं उज्जवला योजना के तहत महिलाओं को धुंआ मुक्त रसोई से आजादी दिलाने का काम पीएम ने किया है। इस योजना के तहत 8 करोड़ से ज्यादा घरेलू गैस सिलेंडर बांटे जाने हैं। केंद्रीय शहरी एवं आवास मंत्रालय की योजना प्रधानमंत्री आवास याेजना के तहत 1 करोड़ से ज्यादा लोगों को पक्की छत दी जाने की योजना है। इस योजना के लागू होने से देश झुग्गी मुक्त होगा। लोगों को सर्वसुविधा युक्त घर मिलेंगे। यह योजना 2022 में पूरी हो जाने की उम्मीद है। इस योजना के तहत कच्चे मकान को पक्का करने में 2.5 लाख तक की मदद मिलती है। देश के हर व्यक्ति को अच्छा इलाज मिल सके। इसके लिए आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजना के तहत 5 लाख तक का इलाज मुफ्त मिलता है। इस योजना का लाभ 10 करोड़ से ज्यादा लोगों को मिलेगा।
अपने कार्यकाल के आठ सालों में पीएम ने भारत को दुनिया के सामने एक ऐसे राष्ट्र के रूप में प्रस्तुत किया है जिसकी तरफ यदि कोई दुश्मन आंख उठाकर भी देखेगा तो उसे इसका सख्ती से जवाब दिया जाएगा। उरी हमल के बाद सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट हमले के बाद की गई एयर स्ट्राइक मोदी सरकार के ऐसे दो फैसले हैं। जिससे सरकार ने दुनिया को बता दिया कि यह पिछले जमाने का भारत नहीं बल्कि आधुनिक दुनिया का भारत है। उरी में सुरक्षाबलों के कैंप पर हमले के बाद 28 सितंबर 2016 को भारतीय सेना की स्पेशल फोर्सेस ने सर्जिकल स्ट्राइक करके पाक के कब्जे वाले कश्मीर में घुसकर आतंकियों के लांच पैड्स को तबाह कर दिया और 14 फरवरी 2019 में पुलवामा में आतंकी हमला हुआ था। जिसके जवाब में 26 फरवरी को एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया गया।
पीएम मोदी ने एक देश एक टैक्स लागू कर सारे देश में एक टैक्स सिस्टम लागू कर दिया। साल 2017 में मोदी सरकार ने तमाम टैक्सों को हटाकर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी जीएसटी को लागू किया। इससे पूरे देश में एक टैक्स सिस्टम लागू हुआ। इस कानून के तहत यह तय कर दिया गया कि आधा जीएसटी केंद्र के हिस्से में और आधा राज्यों को जाएगा। हालांकि जीएसटी को लेकर तमाम जानकारों और विपक्षी दलों ने ये भी कहा कि इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा। वैश्विक महामारी कोरोना जब पूरी दुनिया में कहर ढा रही थी, तब मोदी सरकार ने अपने नागरिकों को इससे बचाव का टीका निःशुल्क लगाने का नियम बनाया। सरकार ने सिलसिलेवार तरीके से देश के लोगों को टीका लगावाया। दूसरी लहर में भले ही इस महामारी के लाखों लोगों की जान ली। लेकिन यह टीकाकरण का ही असर था अब देश में कोरोना को लेकर वैसा खतरा नहीं है। देश में अब तक 193 करोड़ टीके लगाए जा चुके हैं।
जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के लिए हमेशा से धारा 370 को ही जिम्मेदार माना जाता था। मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 खत्म कर इतिहास रच दिया। भले ही यह निर्णय देश के एक राज्य से जुड़ा था, लेकिन इससे पूरे देश के लिए जुड़े थे। 2019 में सरकार ने यह अहम फैसला लिया। देश की आजादी के बाद से ही जम्मू कश्मीर को इस धारा के तहत विशेष दर्जा मिला हुआ था। जम्मू कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को समाप्त करने की मांग लंबे समय से हो रही थी, लेकिन कोई भी सरकार हिम्मत नहीं जुटा रही थी। प्रधानमंत्री मोदी के साहस के कारण इस काले कानून को हटाया जा सका। जिसके फलस्वरू जम्मू कश्मीर और लद्दाख के रूप में दो नई यूनियन टेरिटरी भारत को मिलीं।
देश में मुस्लिम समुदाय को विकास का भागीदार बनाने के लिए भाजपा की मोदी सरकार ने जो काम किया है। वह काम आज तक देश में कोई सरकार नही कर सकी है। मुस्लिम महिलाओं की मांग को लेकर वोट बैंक की चिंता न करते हुए मोदी सरकार ने एक अभूतपूर्व और बड़ा फैसला लिया। 1 अगस्त 2019 को मोदी सरकार ने तीन तलाक विधेयक को पारित करवाया। इस फैसले का मुस्लिम महिलाओं ने खुले दिल से समर्थन किया। नतीजा यह रहा कि न्याय के लिए भटकने वाली मुस्लिम बेटियों को न्याय सुलभ हुआ। 2019 में ही मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून पारित किया। इस कानून के जरिए मोदी सरकार पड़ोस के देशों में रहने अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देना चाहती थी। इसमें हिन्दू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी धर्म को शामिल किया गया था।