क्या कारण है कि अजय सिंह जी ने नगरी निकाय चुनावों से खुद को दूर कर लिया है !
क्या अजयसिंह खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं? जिस प्रकार से टिकटों के वितरण में उनको नहीं सुना गया तथा अजय सिंह के समर्थकों को टिकट वितरण में कोई महत्त्व नहीं दिया गया उससे वह दुखी बताए जा रहे हैं! उन्होंने अपने समर्थकों से भी साफ कह दिया था कि टिकट की वकालत मैं नहीं कर पाऊंगा!
अजय सिंह की सतना,रीवा महापौर प्रत्याशी में भी नहीं चली सबसे ज्यादा धक्का तो सतना में लगा क्योंकि सतना उनका गढ़ है उनके समर्थकों से पटा हुआ है लेकिन उनके प्रतिस्पर्धी सिद्धार्थ को टिकट दे दी गई।लोग का यह भी मानना है कि 18 मे हुई करारी हार का आरोप अजय सिह पर ही लगता है वह खुद भी चुनाव हार गए थे इसलिए वह आगामी विस चुनाव 23के लिए किसी प्रकार का रिस्क नही लेना चाहते है उनको यह लगता होगा अगर मैं एक्टिव होता हूँ तो फिर मेरी घेराबंदी होगी फिर मै किसी साजिश का शिकार हो जाऊंगा!