रक्षाबंधन की खुशियों में खलल नहीं डालेगा मौसम, अगले 4 दिन कोई स्ट्रॉन्ग सिस्टम नहीं, प्रदेश में खिली रहेगी धूप।

भोपाल- इस बार जून और जुलाई में मानसून ने ज़बरदस्त सक्रिय रहा, लेकिन अगस्त की शुरुआत में तेज बारिश का दौर थम सा गया। पिछले एक सप्ताह से सिर्फ रिमझिम बारिश हो रही है और राहत की बात तो ये है कि, अगले चार दिनों तक कोई स्ट्रॉन्ग सिस्टम सक्रिय नहीं दिख रहा है। इसलिए रक्षाबंधन त्योहार तक मौसम साफ ही रहेगा। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक भोपाल, इंदौर और उज्जैन समेत प्रदेश भर में धूप खिली रहेगी। उत्तर के कुछ इलाकों में हल्की बारिश संभव है, लेकिन बारिश थमने से गर्मी फिर लौटेगी और अधिकांश शहरों में तापमान 35 °C से ऊपर रहेगा।

अब तक प्रदेश में 77% कोटा पूरा
इस मानसूनी सीज़न में अब तक 28.7 इंच बारिश दर्ज की गई है, जो कि सामान्य आँकड़े से 44% ज़्यादा है। अनुमान है कि बारिश का लगभग 77% कोटा पूरा हो चुका है। मौसम विभाग के विशेषज्ञों का कहना है कि, अगस्त के दूसरे सप्ताह से तेज बारिश शुरू हो सकती है और बारिश का ये दौर मॉनसून की अवधि तक जारी रहेगा। ऐसे में बारिश का कोटा अगस्त में ही पूरा हो सकता है। अभी तक ग्वालियर सहित 9 जिलों में बारिश का कोटा पूरा हो चुका है, लेकिन इंदौर और उज्जैन संभाग का कोटा अभी अधूरा ही है।
पूर्वी हिस्सों में 48% से अधिक बारिश
मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया की अब तक मानसून अच्छी तरह सक्रिय रहा है। पूर्वी हिस्सों जैसे जबलपुर, सागर, शहडोल और रीवा संभाग में औसत से लगभग 48% अधिक बारिश दर्ज की गई है। वहीं, पश्चिमी हिस्सों भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल और नर्मदापुरम संभाग में 39% से अधिक बारिश हुई है। जैसे ही तेज बारिश का दौर शुरू होगा, प्रदेश में बारिश का कोटा पूरा होने की संभावना है।
प्रदेश के कई हिस्सों में बने थे बाढ़ के हालात
पिछले सप्ताह प्रदेश के कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात बने। खासकर पूर्वी मध्यप्रदेश में जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभागों में बारिश ने रौद्र रूप धारण किया, जिससे नदियाँ उफान पर आ गईं। वहीं रायसेन जिले में भी बेतवा नदी के विकराल रूप ले लिया था, जिसमें खेत, मंदिर और पुल डूब गए थे। इधर नर्मदा नदी की स्थिति गंभीर है, डैम के गेट खोल दिए गए हैं और जलस्तर नियंत्रण से बाहर है। चित्रकूट से सटे इलाकों में यमुना नदी के उफान के कारण कई दुकानों और मंदिरों में पानी भर गया। प्रशासन ने तुरंत लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया और नावों से राहत कार्य जारी हैं। वहीं इस मानसूनी सीज़न में अब तक सबसे ज़्यादा बारिश गुना में हुई है, जहां 45.8 इंच दर्ज किया गया। निवाड़ी में 45.1 इंच, मंडला, टीकमगढ़ में लगभग 44 इंच और अशोकनगर में करीब 42 इंच बारिश दर्ज की गई है।