मध्यप्रदेश में लागू हुआ पेसा एक्ट: देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया लागू, MP ऐसा करने वाला 7 वां राज्य बना

भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर मध्यप्रदेश के शहडोल में मनाए जा रहे ‘जनजातीय गौरव दिवस’ में देश की महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में ‘पेसा एक्ट’ लागू किया। ऐसा करने वाला मध्यप्रदेश 7 वां राज्य बन गया है।

राष्ट्रपति मुर्मू ने की शिवराज सरकार की तारीफ

राष्ट्रपति मुर्मू ने शिवराज सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में पंचायत संबंधी नियमों के अनुसूचित क्षेत्र में विस्तार से जुड़ी नियम पुस्तिका का विमोचन प्रशंसनीय है। मुझे विश्वास है कि जनजातीय क्षेत्र के सशक्तिकरण के लिए इन नियमों का प्रभावी उपयोग किया जाएगा। समाज के वंचित वर्गों के सशक्तिकरण के इन प्रयासों के लिए राज्यपाल मंगू भाई पटेल जी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी तथा राज्य सरकार की पूरी टीम बहुत-बहुत साधुवाद देती हूं।

इसके बाद सीएम ने जनता को संबोधित करते हुए बोले कि आज मैं जहाँ तक देख रहा हूँ, वहाँ तक जनसमुद्र उमड़ा हुआ दिख रहा है। आज ऐतिहासिक दिन है, आज भगवान बिरसा मुंडा का जन्मदिन है। अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने वाले और आदिवासियों का शोषण करने वाले अंग्रेजों से लड़ने वाले भगवान बिरसा मुंडा को प्रणाम। हम गौरवान्वित हैं कि हमारे बीच राष्ट्रपति महोदया आई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में एक गौरवशाली भारत का निर्माण हो रहा है। हमारे लिए एक ऐतिहासिक दिन इसलिए भी है, क्योंकि आज PESA कानून के नए नियम लागू किए जा रहे हैं।

क्या है पेसा नियम

सीएम ने पेसा एक्ट के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि PESA किसी के खिलाफ़ नहीं है। यह मध्यप्रदेश के 89 आदिवासी विकासखंडों में लागू होगा। यह शहरों में नहीं, गाँव में लागू होगा। इससे ग्राम सभाओं में आदिवासी भाई-बहनों के अलावा वहाँ रहने वाले भाई-बहन भी रहेंगे।

PESA से हमें क्या मिलेगा?

सीएम ने कहा कि ये जमीन, जंगल, जल और खदाने सभी के लिए हैं, इस कानून से जल, जमीन और जंगल का अधिकार आपको मिलेगा।

  • अब हर साल गाँव की जमीन, उसका नक्शा, वन क्षेत्र का नक्शा, खसरे और B1 की नकल को पटवारी या फॉरेस्ट के बीट गार्ड को गाँव में लाकर दिखाना पड़ेगा, ताकि कोई हेर-फेर न हो। अगर राजस्व के नक्शे में नाम में कोई गलती पाई जाती है, तो ग्राम सभा इसे ठीक करा सकती है, ऐसा अधिकार होगा।
  • किसी भी प्रोजेक्ट के लिए या बांध के लिए हमारे गाँव की जमीन ली जाती है। अब बिना ग्राम सभा की सहमति के किसी की जमीन नहीं ली जाएगी।
  • अपने यहाँ रेत की खदान और गिट्टी का पत्थर, इनका पट्टा देना है या नहीं देना, यह सरकार नहीं ग्राम सभा तय करेगी।
  • खदान, खनिज के पट्टे पर पहले आदिवासियों की सहकारी समिति, फिर महिलाओं और फिर पुरुषों का अधिकार होगा।
  • हमारे तालाबों में मछली पकड़ना है या खेती करना है, तो यह सरकार नहीं ग्राम सभा तय करेगी। इससे जो आय होगी, वह गाँव को ही प्राप्त होगी।
  • तालाब साफ रहें, यह जवाबदारी भी ग्राम सभा की होगी। 100 एकड़ तक के तालाब और बांध का प्रबंधन भी ग्राम सभा करेगी।

धर्मांतरण का कुचक्र MP में नहीं चलेगा

सीएम ने सख्त अंदाज में कहा कि कई बार लोग छल-कपट से हमारी बहन बेटियों के साथ शादी करके उनकी जमीन अपने नाम करवा लेते हैं। कई लोग धर्मांतरण का कुचक्र चलाते हैं। यह हम नहीं चलने देंगे। मध्यप्रदेश की धरती पर अगर कोई ऐसी गड़बड़ करेगा, तो ग्राम सभा इसमें हस्तक्षेप करेगी। ऐसे मामलों में ग्राम सभा वो जमीन वापस करवाएगी।

नशा नाश की जड़ है- भगवान बिरसा

नई शराब की दुकान बिना ग्राम सभा की अनुमति के नहीं खुलेगी। भगवान बिरसा ने कहा था कि नशा नाश की जड़ है, लेकिन कोई शराब या भांग की दुकान अस्पताल के पास, स्कूल के पास, धार्मिक स्थान के पास है, तो उसे वहाँ से हटाने की अनुशंसा करने का अधिकार ग्राम सभा के पास होगा। अगर ग्राम सभा चाहे कि किसी त्योहार पर शराब नहीं बिकना चाहिए, तो इसकि सूचना ग्राम सभा कलेक्टर को दे सकती है। नशे की लत को हतोत्साहित करने के लिय कितनी शराब अपने पास रखना चाहिए, इसे निर्धारित करने का अधिकार ग्राम सभा के पास होगा।

जनजातीय विकास खंडों में निकाली जाएगी पेसा जनजागरुकता यात्रा

प्रदेश में 20 नवंबर से सभी जनजातीय विकास खंडों में पेसा जनजागरुकता यात्रा निकाली जाएगी जिसके माध्यम से लोगों को पेसा एक्ट के बारे में जानकारी दी जाएगी। बता दें, पेसा नियमो और अधिकारो की जागरूकता के लिए खुद मुख्यमंत्री शिवराज इस यात्रा का शुभारंभ करेंगे। 4 दिसंबर को पातालपानी इंदौर में यात्रा का समापन होगा। पातालपानी में टंटया मामा भील की मूर्ति का अनावरण कर जनजातीय जन-नायकों का सम्‍मान और टंटया मामा आर्थिक कल्‍याण योजना हितलाभ वितरण कार्यक्रम के साथ पेसा जनजागरुकता यात्रा का भी समापन होगा।

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