निरंतर रोज़गार देकर “आत्मनिर्भर” बनाएगी मध्यप्रदेश सरकार, MP के रोडमैप में रोजगार पर फोकस
किसी भी राज्य की उन्नति और विकास तभी संभव है जब वहां पर्याप्त रोजगार और आजीविका के अवसर उपलब्ध हों। इसी मंत्र को साकार रूप देने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने रोज़गार को सुलभ करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के “आत्मनिर्भर भारत” के संकल्प को मध्यप्रदेश में क्रियान्वयित करने के लिए मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने “आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश” का रोडमैप तैयारी किया है, जिसका एक महत्वपूर्ण कदम ‘रोज़गार’ भी है। इसके चलते प्रदेश में ना केवल स्व-रोज़गार पर फोकस किया जा रहा है, बल्कि स्किल डेवलपमेंट के ज़रिये भी युवाओं को रोज़गार के विभिन्न माध्यमों से जोड़ने के प्रयास सतत किये जा रहे हैं।
हर महीने रोज़गार मेला
मुख्यमंत्री श्री चौहान इस बात को अच्छी तरह समझते हैं कि किसी को सार्थक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए कुछ ऐसा करना होगा कि वह न केवल खुद अपने पैरों पर खड़ा हो सके, बल्कि दूसरों को भी रोज़गार के अवसर प्रदान कर सके। उन्होंने इस बार 12 जनवरी स्वामी विवेकानंद जी की जन्म जंयती पर इस बात को स्वीकार करते हुए कहा था कि “मेरा दृढ़ विश्वास है कि रोजगार के बिना जीवन ठीक से नहीं चल सकता है। इसलिए, मैं घोषणा करता हूं कि प्रदेश में हर महीने रोजगार दिवस मनाया जायेगा।” उनके इसी आह्वान के साथ ही 12 जनवरी 2022 को शुरू हुए रोज़गार मेले ने एक नयी मिसाल खड़ी कर दी। विभिन्न स्वरोजगार योजनाओं के अंतर्गत 12 जनवरी से अब तक साढ़े 10 लाख से ज़्यादा लोगों को रोजगार के लिए 2776 करोड़ 36 लाख 81 हज़ार रुपए के लोन स्वीकृत/वितरित किए गए हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 4 लाख 32 हज़ार 719 युवा, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत 20 हज़ार 383 युवा, मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना के तहत 25 हज़ार 904 युवा, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (समूह) के तहत 20 हज़ार 707 युवा, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (व्यक्तिगत) के तहत 851 युवा, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (समूह) के तहत 120 युवा, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (क्रेडिट लिंकेज) के तहत 268 युवा और प्रधानमंत्री सृजन कार्यक्रम के तहत 1733 युवा लाभान्वित हो चुके हैं।
स्किल बढ़ाओ, नौकरी दिलाओ
इस मंत्र के साथ शिवराज सरकार ने कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए और उसी का नतीजा है प्रदेश की राजधानी भोपाल में ग्लोबल स्किल पार्क बनाया गया है। इस स्किल पार्क में युवाओं को विभिन्न कामों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इतना ही नहीं उन्हें यहां सीखे गए स्किल्स के माध्यम से नौकरी भी मिले, इसे सुनिश्चित करने के लिए कैंपस रिक्रूटमेंट की भी सुविधा दी जा रही है।
बजट में रखा गया विशेष ध्यान
राज्य सरकार ने इस बार के बजट 2022-23 में व्यावसायिक प्रशिक्षण का सुदृढ़ीकरण एवं विस्तार हेतु 453 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा है, जबकि ए.डी.बी. परियोजना (कौशल विकास) हेतु 263 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। यही नहीं, जिला और संभाग स्तर पर चल रही आईटीआई को भी नए तरीके परिभाषित किया जा रहा है। प्रदेश के संभाग स्तर के 10 आईटीआई का आदर्श आईटीआई के रूप में उन्नयन किया जा रहा है। वहीं पॉलिटेक्निक संस्थाओं के विकास के लिए 226 करोड़ रूपए का प्रावधान इस साल के बजट में रखा गया है।
एक नज़र इधर भी
प्रदेश में कोविड संक्रमण के दौरान पथ विक्रेताओं को राहत देने के लिए 6 लाख से ज़्यादा पथ विक्रेताओं को प्रति पथ विक्रेता एक हज़ार रूपए की राशि सीधे खातों में उपलब्ध कराया।
प्रदेश में सूक्ष्म, लघु और माध्यम उद्योगों के क्लस्टर आधारित विस्तार को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके अंतर्गत प्रदेश में 13 क्लस्टर (फर्नीचर, खिलौना, टेक्सटाइल, फ़ूड प्रोसेसिंग, एग्रीकल्चर, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, नमकीन, इंजीनियरिंग एवं गुड़) विकसित किये जा रहे हैं। इससे लगभग 25 हज़ार लोगों के लिए रोज़गार के अवसर पैदा होंगे।
फार्मा औद्योगिक क्षेत्र मोहासा-बाबई में 193 करोड़ रूपए की लागत से 358 एकड़ भूमि पर बल्क ड्रग पार्क की स्थापना की जा रही है। इसकी स्वीकृति भारत सरकार से मिली है।
आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के अंतर्गत अटल प्रगति पथ और नर्मदा एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर औद्योगिक कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है।