विनम्र श्रध्दांजलि : क्या है पुलवामा हमले की कहानी, आज है शहीदों की तीसरी बरसी

कोई नहीं भूल सकता आज का दिन जब आज से ठीक तीन साल पहले पुलवामा में CRPF के काफिले पर भीषण आतंकी हमला हुआ था। इस आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे। बता दें, इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली। इसका बदला भारत ने उसी महीने 26 फरवरी को लिया, जब भारतीय वायु सेना ने बालाकोट स्थित जैश पर एयर स्ट्राइक की। बताया जाता है कि इस एयर स्ट्राइक में 350 से ज्यादा आतंकी मारे गए।

क्या था वो काला दिन

दरअसल, जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों के काफिले को एक जगह से दूसरे स्थान जाना था। हमेशा की तरह इस दिन भी सीआरपीएफ जवानों का एक बड़ा काफिला जम्मू से श्रीनगर जा रहा था। इस काफिले में 78 गाड़ियां शामिल थीं और इन वाहनों में सीआरपीएफ के करीब 2,500 जवान सवार थे। रास्ते में एक विस्फोटकों से लदी एक कार काफिले में शामिल एक वाहन में जोरदार टक्कर मारी। टक्कर लगने के बाद कार में जोरदार धमाका हुआ, विस्फोट में दोनों वाहनों के परखच्चे उड़ गए। यह विस्फोट इतना भीषण था कि 40 जवान शहीद हो गए और कई घायल हुए।

मिराज 2000 ने बालाकोट पर बरसाए बम

आईएएफ के मिराज 2000 विमानों ने पाकिस्तान के अंदर जाकर बालाकोट में सफल एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया। भारत के इस जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान को बड़ा आतंकवादी हमला कराने की हिम्मत नहीं हुई। पाकिस्तान को साफ संकेत मिल गया कि उसकी ओर से यदि हमला हुआ तो भारतीय सेना चुप नहीं बैठेगी वह पलटवार जरूर करेगी।

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