ऊर्जा संरक्षण कार्यक्रम में बोले CM शिवराज- 24 घण्टे बिजली देने का संकल्प मैने पूरा कर दिखाया
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल में ऊर्जा संरक्षण, निर्बाध विद्युत प्रदाय एवं उपभोक्ता संतुष्टि पर आयोजित कार्यशाला तथा सम्मान समारोह में शामिल हुए। सीएम शिवराज ने मध्यप्रदेश उर्जा विकास निगम द्वारा विभिन्न जिलों में ऊर्जा संरक्षण के उपायों के बारे में जानकारियां उपलब्ध कराने भेजे गए प्रचार वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैंने 2008 में यह कहा कि घरों में 24 घण्टों बिजली देंगे, तो मेरे शुभचिंतकों ने कहा कि यह संभव नहीं है। मैंने यह संकल्प 2013 में पूरा करके दिखाया। इससे मध्यप्रदेश की विकास दर बढ़ी और जो पहले निगेटिव रहती थी, आज 19.67% है।
सीएम ने अपने भाषण में कहा कि एक जमाना था जब बिजली आती कम थी, जाती ज्यादा थी। हम 2002 -03 की बात करें तो भोपाल की सड़कों पर आधी रात को चड्डी पर टाबिल लपेटे और कई लोग बिना बनियान के ही घूमते रहते थे कि, रात कैसे कटे क्योंकि गर्मी के दिनों में तो बिजली थी नहीं! लेकिन आज घरों में 24 घंटे बिजली देना का काम आपने किया है मैं आपका प्रदेश की जनता की तरफ से अभिनंदन करता हूं। आपका स्वागत करता हूं।
देश की अर्थव्यवस्था में हमारा योगदान बढ़ा
सीएम ने बताया कि पहले हमारी विकास दर नेगेटिव रहती थी लेकिन आज है 19.76% हिंदुस्तान में सबसे ज्यादा! 2003 में हमारी परकैपिटल इनकम थी 13 हजार रुपए महीना आज प्रतिव्यक्ति आय 1 लाख 37 हजार रुपए सालाना है। देश की अर्थव्यवस्था में हमारा योगदान 3.6% था लेकिन अब बढ़ाकर 4.6% मध्यप्रदेश लगातार बढ़ रहा है। उसका सबसे बड़ा श्रेय अगर किसी को जाता है तो मेरे ऊर्जा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को जाता है। मैं उनके अभिनंदन करता हूं।
अन्न का भंडार है मध्यप्रदेश
सीएम ने एक किस्सा सुनाते हुए कहा कि मुझे याद है, मुख्यमंत्री बनने के बाद शरद पवार जी कृषि मंत्री हुआ करते थे उनके पास फूड विभाग भी था। मैं उनके पास इसलिए गया था क्योंकि हमारे पास सार्वजनिक वितरण प्रणाली में वितरित करने के लिए गेहूं नहीं है कुछ गेहूं तो दे दो। तो उन्होंने कहा पैदा करते नहीं हो, मांगने आ गए , कहां से दे दे। पंजाब और हरियाणा पर निर्भरता रहती थी। गेहूं के भंडार भरे हैं मैं उनसे कह कर आया था कि शरद पवार साहब अभी है।1 दिन मैं आऊंगा यह कहने कि अन्न के भंडार भरे हैं हमें रखने के लिए बोरे दे दो। यह चमत्कार किया मध्यप्रदेश ने, 1 करोड़ 29 लाख मैट्रिक टन गेहूं जब मैं बाद में गया तो देखा कि अन्न के ऐसे भंडार भरे थे की रखने की जगह नहीं बची। तो मैंने कहा महाराज बोरा तो दे दो रखने के लिए लेकिन अगर यह चमत्कार किया तो बिजली ने किया, आप लोगों ने मिलकर किया।