भोपाल में आयोजित ‘स्वच्छता सम्मान समारोह’ में शामिल हुए CM शिवराज, स्वच्छता प्रतिनिधियों को किया सम्मानित
भोपाल में आयोजित ‘स्वच्छता सम्मान समारोह’ में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शामिल हुए। वहीं स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले रहवासी संघों और विभिन्न बाजारों के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया। इस दौरान सीएम ने कहा कि कोई भी देश बिना समाज के आगे नहीं बढ़ सकता। एक आंदोलन बन जाए पर्यावरण, स्वच्छता, पेड़ लगाना, बच्चों के लिए काम करना फिर देखिए कि देश कैसे उठता है।
सीएम ने हुंकार भरते हुए कहा कि मित्रों! यह भावनात्मक कार्यक्रम है। यह कार्यक्रम केवल कर्मकांड नहीं है भोपाल में अद्भुत क्षमता है। अगर भोपाल के भाई और बहन, समाज और रहवासी संघ पूरी ताकत से शहर को बदलने निकल पड़े तो, मेरा दावा है हम इंदौर को कैसे छोड़ सकते हैं।
आंगनबाड़ी में कुपोषण दूर करना जन आन्दोलन है
सीएम ने आह्वान करते हुए कहा कि मेरे मन में विचार आया कि आंगनबाड़ी में कुपोषण दूर करना है। कुपोषण दूर करना केवल सरकार की जवाबदारी नहीं बल्कि सबकी है। हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे, प्रशासन लगेगा। लेकिन, समाज यह तय कर ले कि, मेरे मोहल्ले की आंगनवाड़ी में कोई बच्चा कुपोषित नहीं रहेगा।अगर हम संकल्प ले लें तो भोपाल पीछे रहेगा।
आलोचना से ना घबराएं, काम करते रहें
सीएम ने बताया कि मैंने कार्यक्रम किया तो मेरी आलोचना भी हुई। ठेला धका रहा है मुख्यमंत्री, किसी ने कहा ठेला ही धकायेगा अब ये जिसके मन में जो आया उसने वो कहा। लेकिन आज विश्वास सारंग उन खिलौनों को बाँटने आंगनबाड़ी गए थे वो बंटना शुरू हो गए हैं। जिन बच्चों के हाथ में खिलौने पहुंचे उनके आनंद का तो कोई पारावार नहीं था, खिलौने पाकर बच्चे नाचते रह गए।
सीएम शिवराज ने दिलाई स्वच्छता की शपथ
हम स्वच्छता की शपथ लेते हैं, कि हम अपने घरों का कचरा ना सड़क पर फेंकेंगे, ना ही किसी को फेंकने देंगे। हम अपने घरों का गीला कचरा एवं सूखा कचरा अलग-अलग डस्टबिन में रखेंगे और नगर निगम की गाड़ी में ही डालेंगे। हम यह भी शपथ लेते हैं, कि हम वन टाइम यूज़ प्लास्टिक एवं पॉलीथिन का प्रयोग नहीं करेंगे तथा शॉपिंग हेतु कपड़े बने थैली का ही प्रयोग करेंगे।
सीएम ने हाथ जोड़कर की जनता से अपील
सीएम ने हाथ जोड़कर प्रार्थना करते हुए कहा कि भोपालवासियों से और भोपाल वासियों के साथ साथ प्रदेश वासियों से भी केवल एक निश्चय कर लो, हम फालतू बिजली नहीं जलाएंगे। अब आप कल्पना कर के देखें मैंने अध्ययन करवाया अगर मध्यप्रदेश में अब जरूरत की बिजली जरूर जलाएं लेकिन, फालतू बिजली ना जलाये तो 4000 करोड़ रुपया बचा लेंगे। ये बहुत बड़ी राशि है, इतनी जलाना है जितनी की जरूरत होती है। उतनी जलाएंगे नही तो स्विच ऑफ कर देंगे एसी, पंखा, कूलर नहीं चलने देंगे। हीटर पर जितनी जरूरत है उतना ही खाना बने। एक ज़रा सी अवेर्नेस पैदा हो जाए तो जाता किसी का कुछ नहीं है। जरूरत नहीं है फिर भी जल रही है। इतना आप कर लेंगे तो बिजली का बिल भी कम होगा। लेकिन, सबसे बड़ी बात यह है कि मध्य प्रदेश के 4000 करोड़ बचेंगे जो मैं दूसरे कामों में लगा दूंगा। मेरे बहनों और भाइयों ऊर्जा साक्षरता अभियान हम चला रहे हैं और उस की प्रभावी शुरुआत वैसे तो शाजापुर में हुई थी। लेकिन मैं भोपाल से करना चाहता हूँ।