मध्यप्रदेश भी पहुंची अग्निपथ की आग, ग्वालियर में हुए प्रदर्शन

भोपाल। देश भर में केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना का विरोध शुरू हो गया है। अब अग्निपथ योजना के विरोध की आग मध्यप्रदेश भी पहुंच गई है। विरोध ने बिहार और राजस्थान में हिंसक रूप ले लिया है। देश भर में सेना की तैयारी कर रहे युवक 4 की सेवा का विरोध कर रहे हैं। युवाओं का कहना है कि 4 साल बाद उन्हें फिर रोजगार के लिए लाइन में खड़ा होना पड़ेगा। इसलिए विरोधियों का मानना है सरकार को यह निर्णय वापस लेना चाहिए। क्यों 4 साल नौकरी में से 6 महीने तो ट्रेनिंग में निकल जाएंगे और बाकी समय छुट्टियों में निकल जायेगा ऐसे में सैनिक मात्र 3 साल ही नौकरी कर पायेगा इसलिए सेना की भर्ती में पूर्व के भर्ती नियम को लागू करना चाहिए। साथ ही जो अग्निवीर निकलेंगे वे 4 साल बाद क्या करेंगे।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

दक्षिण पश्चिम कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अमरदीप सिंह भिंडर ने मीडिया से बातचीत में अग्निपथ योजना को युवाओं के लिए एक बड़ा अवसर बताया है। आईएएनएस के मुताबिक उन्होंने कहा कि सेना उम्मीदवारों को उनकी योग्यता और प्रतिभा के आधार पर कौशल प्रदान करेगी. चार साल बाद जहां 25 फीसदी उम्मीदवारों को योग्यता के आधार पर सेना में शामिल किया जाएगा । वहीं शेष 75 फीसदी जो समाज में वापस जाएंगे, उन्हें कौशल प्रमाण पत्र दिया जाएगा, ताकि उन्हें अपने कौशल के आधार पर सरकारी या निजी नौकरी मिल सके। और यह पूरी तरह स्वेच्छिक है। इसलिए इसका विरोध करना गलत है।

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