कौन थीं भारत कोकिला सरोजनी नायडू, क्यों उनके जन्मदिन पर मनाया जाता है राष्ट्रीय महिला दिवस ?

भारत में हर साल 13 फरवरी को स्वतंत्रता सेनानी रहीं सरोजिनी नायडू के जन्मदिन पर राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है।आइए कुछ बिंदुओं के माध्यम से उनके बारे में जानते हैं।

इसलिए मनाया जाता है राष्ट्रीय महिला दिवस

बचपन से ही कुशल वक्ता रहीं सरोजिनी ने हमेशा ही देश सेवा के कार्यों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया और महिलाओं का नेतृत्व कर उन्हें देशकार्यों के लिए भागीदारी के लिए प्रेरित किया। आजाद भारत में उन्होंने देश के कई पदों को सुशोभित किया।भारत में राष्ट्रीय महिला दिवस 13 फरवरी को मनाया जाता है और यह दिन देश की स्वर कोकिला कही जाने वाली स्वतंत्रता सेनानी सरोजिनी नायडू के जन्मदिन पर मनाया जाता है। देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान के सम्मान में ही सरोजनी नायडू का जन्मदिन को राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। सरोजनी नायडू ने ऐसे समय में महिलाओं को जागृत करने का काम किया था जब देश अंग्रेजों से आजादी हासिल करने के लिए जूझ रहा था।

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और राज्यपाल भी थी नायडू

सरोजनी नायडू ने देश के बहुत सारी महिलाओं को स्वतंत्रता संग्राम में भागीदार बनाने के काम किया था. सरोजिनी नायडू को केवल एक स्वतंत्रता सेनानी के रूप में ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश की पहली महिला राज्यपाल रही थीं. वे 1925 में कांग्रेस की अध्यक्ष भी बनाई गईं थी. भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय भूमिका के कारण अंग्रेजों ने उन्हें 21 महीने तक जेल में रखा था। भारत की पहली महिला गवर्नर भी थीं। उन्होंने भारत की आजादी के साथ महिलाओं के अधिकार और विशेषकर महिला शिक्षा के लिए सशक्त आवाज उठाई। अपनी वाककौशल की वजह से 1925 के कानपुर कांग्रेस अधिवेशन में सरोजिनी नायडू अध्यक्ष चुनी गईं। वे इस पद का पाने वाली दूसरी महिला और पहली भारतीय महिला थीं।

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