दमोह के वायरल वीडियो को फारवर्ड करने से पहले प्रसूता के पति की जुबानी जाने सच्चाई

दमोह। इन दिनों दमोह जिला मुख्यालय से करीब 60 किलोमिटर दूर स्थित एक गांव का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो में एक युवक अपनी गर्भवति पत्नी को अस्पताल ले जाने के लिए ठेले में धक्का लगाते दिख रहा। लोग बिना वीडियो की सत्यता जाने उसे फारवर्ड कर रहे हैं। जबकि लोगों को कोई भी वायरल वीडियो फारवर्ड करने से पहले यह जरूर ध्यान रखना चाहिए कि बिना तथ्य जाने गलत जानकारी फारवर्ड करना भी दंडनीय अपराध है। इसी क्रम में आज हम पिछले तीन दिनों से वायरल हो रहे वीडियो की सत्यता आपको बता रहे हैं।
यह है मामला
मंगलवार दोपहर सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ। जिसमें एक युवक अपनी गर्भवति पत्नी को ठेला में लेटा कर इलाज के लिए अस्पताल ले जा रहा है। उससे बिना बात करे ही लोग इस निष्कर्ष पर आ गए कि उसने जननी एक्सप्रेस और 108 एंबुलेंस को काॅल किया था लेकिन एंबुलेंस नहीं आई। इस वीडियो में लोग उस व्यक्ति या फिर उसकी पत्नी से वजह नहीं पूछ रहे लेकिन उस वीडियो को यह कहते हुए वायरल कर दिया कि महिला को न एंबुलेंस मिली और न ही अस्पताल में समूचित इलाज।
जाने वीडियो की वास्तविकता
स्नेह नगर निवासी कैलाश अहिरवाल ने खुद ही मीडिया के सामने स्वीकारा कि वीडियो गलत तरीके से वायरल किया गया। उस वीडियो में केवल एक पहलू दिखाया गया जबकि वास्तविकता यह है कि मैं दोपहर में घर गया तो देखा कि पत्नी काजल को प्रसव पीडा हो रही थी। उसे तकलीफ में देखकर मुझे लगा कि मैं अगर एंबुलेंस को काॅल करूंगा तो उसके आने तक कहीं ज्यादा देर ना हो जए इसलिए मैं तुरंत पास ही खड़े एक हाथ ठेले से उसे घर से कुछ ही दूरी पर स्थित अपने गांव के आरोग्यम अस्पताल लेकर पहुंच गया। अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल रैफर कर दिया गया और वहां बच्चे का सकुशल जन्म हुआ। अब कैलाश की पत्नी और बच्चा दोनों सकुशल हैं।