क्या शरद पवार और अजित पवार के बीच टकराव बढेगा?

महाराष्ट्र- लगातार होती बयानबाजी के बीच महाराष्ट्र की राजनीति में नया भूचाल आने वाला है? क्या वाकई अजित पवार एनसीपी को तोड़कर भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं? क्या यहां किसी भी वक्त मध्यावधि चुनाव हो सकते हैं? शरद पवार, उद्धव ठाकरे और संजय राउत के ताजा बयानों के बाद यह चर्चा गर्म है।

शरद पवार ने महाविकास अघाड़ी दलों के साथ चुनाव लड़ने पर बड़ा बयान दिया है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव या 2024 में लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ने पर उन्होंने कहा, आज हम महा विकास अघाड़ी का हिस्सा हैं और साथ मिलकर काम करने की इच्छा रखते हैं, लेकिन केवल इच्छा ही हमेशा पर्याप्त नहीं होती। सीटों के बंटवारे पर समस्या है या नहीं, इस पर अभी चर्चा नहीं हुई है।

एनसीपी से अलग होकर अजित पवार और उनके समर्थक विधायकों के भाजपा में शामिल होने की चर्चाओं के बीच शरद पवार ने पहली बार खुलकर प्रतिक्रिया दी है। पवार ने कहा है, ‘अगर कोई अलग होने की कोशिश कर रहा है, तो यह उनकी रणनीति है और वे ऐसा कर रहे होंगे। अगर हमें कोई स्टैंड लेना है, तो हम कड़ा रुख अपनाएंगे।

हालांकि परिवार से चलने राजनैतिक दल इस तरह की समस्या से पीड़ित दिखाई देते आये। चाहे बात करे शिवसेना की तो उसमें भी बालासाहेब ठाकरे के बाद उनके पुत्र और भतीजे में नही बनी, समाजवादी दल में भी चाचा भतीजे की नही बनी,वही हाल अब शरद पवार के दल की हैं उसमें भी अजित पवार का पार्टी पर होल्ड हैं पर शरद पवार अभी सर्वेसर्वा हैं तो उनका झुकाव अपनी बिटिया सुप्रिया सुले पवार की तरफ ज्यादा हैं इसके कारण कई बार पार्टी निर्णय लेने में अजित पवार और सुप्रिया सुले के बीच टकराव दिखाई देता हैं।

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