क्या जोशीमठ धरती में समा जाएगा !
देश और दुनिया में इस समय जोशीमठ शहर को लेकर चर्चा जोरों पर है क्योंकि इस क्षेत्र के 600 से अधिक घरों में दरारें आ गई हैं। स्थानीय लोगों को अपने घरों को ढहने से बचाने के लिए बांस-बल्लियों का सपोर्ट लगाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. पहले ही, 50 से अधिक परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने क्षेत्र के 600 से अधिक परिवारों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने का आदेश दिया है. लेकिन जोशीमठ क्यों जमीन में समा रहा है?
आदि गुरु शंकराचार्य की तपोस्थली के रूप में प्रचलित जोशीमठ आज संकट के दौर से गुजर रहा है सरकार प्रयास करके लोगो बचाने में लगी हैं। वही कुछ लोग अभी भी सरकार का विरोध कर रहे है जबकि सरकार का कहना हैं कि लोगों की जान बचाना प्राथमिकता हैं।