शिवराज के इस्तीफे से भावुक हुई बुधनी की जनता, लोग बोले- उनके जाने से कभी खुशी-कभी गम…
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और अब भारत सरकार के केन्द्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी विधानसभा सीट बुधनी से इस्तीफा दे दिया है। शिवराज सिंह के चेहरे पर बुधनी से दूर जाने का दर्द तो साफ दिखाई दे ही रहा है लेकिन बुधनी की जनता के लिए ये इस्तीफा सीने पर किसी भारी बोझ से कम नही हैं। शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश विधानसभा की सदस्यता से ऑफिशियल इस्तीफा दे दिया है और विधानसभा ने इस्तीफा मंजूर भी कर लिया है, लेकिन बुधनी के बड़े-बुजुर्ग, पुरूष, महिलाएं, युवा और बच्चे इस इस्तीफे को स्वीकार नहीं कर रहे हैं। उनका कहना है कि, शिवराज कहीं भी चले जाएं लेकिन उनके दिलों से कहीं नहीं जाएंगे।
शिवराज के जाने से कभी खुशी-कभी गम का माहौल
बॉलीवुड की एक फेमस फिल्म का टाईटल है कभी खुशी कभी गम, कुछ इसी तरह का माहौल आज बुधनी विधानसभा के नगरों, गलियों और गांव-गांव में दिखाई दे रहा है। यहां के लोगों को इन दिनों थोड़ी खुशी और थोड़े गम से गुजरना पड़ रहा है और ये हाल केवल इसलिए है कि, यहां की जनता के नायक शिवराज सिंह चौहान ने बुधनी विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है, अब शिवराज सिंह चौहान बुधनी के विधायक नहीं हैं। शिवराज के इस्तीफे के बाद से ही लोग खासे मायूस और निराश दिखाई दे रहे हैं और हो भी क्यों ना, उन्हें पलक-पावड़ों पर बैठाने वाले उनके नेता शिवराज अब बुधनी से बहुत दूर दिल्ली चले गए हैं। विधानसभा क्षेत्र की जनता इस्तीफे से खुश भी हैं और दुखी भी, कोई कह रहा है कि, भले ही शिवराज ने त्याग पत्र दे दिया हो लेकिन हम इसे स्वीकार नहीं करते, तो कोई कह रहा है कि, मामा का दूर जाना मतलब घर के मुखिया के दूर चले जाने जैसा है। शिवराज को अपने सगे भाई से भी बढ़कर मानने वाली बहनों की आंखों से आंसु छलक रहे हैं लेकिन उन्हें खुशी इस बात की है कि, उनका बेटा, भैया और मामा अब केवल मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश की सेवा के लिए दिल्ली पहुंच गया है।
विकास की बहार लाए शिवराज
बुधनी विधानसभा क्षेत्र में आने वाले रेहटी और भेरूंदा नगर की आम जनता का कहना है कि, अगर क्षेत्र में शिवराज के विकास कार्यों की बात की जाए तो शायद कई घंटे बीत जाएंगे। एक महिला का कहना है कि, जब वह कई साल पहले यहां शादी कर आई थी तो भेरूंदा क्षेत्र में कुछ भी नहीं था, लेकिन अब पूरे क्षेत्र में सड़कों के जाल से लेकर, बीजली, पानी और सभी मूलभूत सुविधाएं मिल रही है। यहां की जनता शिवराज को नेता नहीं बल्कि अपने परिवार का सदस्य मानती है। उनका कहना है कि, शिवराज से उनके दिल और आत्मा के रिश्तें हैं। उनके बीच नेता और जनता का रिश्ता नहीं बल्कि परिवार रिश्ता है। शिवराज बुधनी से दूर हुए हैं, लेकिन उनके हृदय से कभी भी दूर नहीं हो सकते हैं। शिवराज के लिए बच्चों का प्रेम और स्नेह भी देखते ही बनता है, भांजे-भांजियां मामा कहते हुए उनसे लिपट जाते हैं और शिवराज भी बच्चों को खूब दुलार करते हैं।
कृषि क्षेत्र को उंचाईयों पर ले जाएंगे शिवराज
मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए किसान पुत्र शिवराज सिंह चौहान ने कृषि के क्षेत्र में अद्भुत काम किया है। खेतों में पानी पहुंचाने के साथ-साथ खाद, बीज और पेस्टिसाइड तक किसानों की हर समस्या का हल निकाला है। केन्द्र से प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा किसान सम्मान निधि दिए जाने के बाद मध्यप्रदेश में भी शिवराज सिंह ने किसानों को 6 हजार रूपए की सम्मान निधि देने का फैसला लिया। वहीं महिला सशक्तिकरण और गांवों के विकास के लिए भी शिवराज ने कई बड़ी योजनाएं लागू की। इन योजनाओं का असर केवल प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के दूसरे राज्यों में भी देखने को मिला। प्रदेश और खासतौर पर बुधनी की जनता को पूरी उम्मीद है कि, केन्द्र में कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी संभालने के बाद शिवराज सिंह चौहान कृषि और ग्रामीण विकास मंत्रालयों को नई उंचाईयों पर पहुंचाएंगे।