भावुक होकर बोले शिवराज सिंह चौहान- कई बार राजतिलक होते-होते वनवास हो जाता है…

अपनी विधानसभा बुधनी के शाहगंज पहुंचे मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने भाषण के दौरान भावुक नजर आए। उन्होंने कहा है कि कई बार राजतिलक होते-होते वनवास हो जाता है। इस बयान के बाद सियासी गलियारों में खबरें तेज हो गईं हैं।

दरअसल, मोहन यादव के सीएम बनने के बाद सबकी जबान पर एक ही सवाल है शिवराज क्यों नहीं ? शिवराज ने कहा कि कहीं न कहीं कोई बड़ा उद्देश्य होगा यार, कई बार राजतिलक होते-होते वनवास भी हो जाता है। लेकिन, वह किसी न किसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए होता है।

पद भले ही ना हो लेकिन शिवराज के तेवर वही हैं। शिवराज ने सभा में कहा कि ये चिंता मत करना। मेरी जिंदगी आपके लिए है, जनता-जनार्दन के लिए है, बेटा-बेटियों के लिए है, मेरी बहनों के लिए है। मैं इस धरती पर इसलिए आया हूं कि तुम्हारी जिंदगी से दुख-दर्द दूर कर, आंखों में आंसू नहीं रहने दूंगा, जिंदगी जितनी बेहतर बनेगी, बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। दिन और रात उसके लिए काम करेंगे। शिवराज की पहचान बेटियों के मामा और महिलाओं के भाई के तौर पर है। उन्होंने अपने आवास को मामा का घर नाम देकर इसे जाहिर भी किया है। चौहान ने अब बी-आठ 74 बंगला को मामा का घर नाम दिया है।

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