सुबह 6:30 बजे मीटिंग लेने वाले पहले सीएम बने शिवराज, संकल्प सिद्धि की ओर बढ़ते कदम
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सुबह 6:30 बजे मीटिंग लेने वाले देश के पहले मुख्यमंत्री बन गए हैं। देश के किसी भी राज्य ऐसा मुख्यमंत्री नहीं है जिसने सुबह 6:30 मीटिंग ली हो। जनकल्याण के काम प्राथमिकता से पूरा करने के लिए शिवराज सिंह चौहान पूरी तन्मयता से जुट जाते हैं। शिवराज सिंह चौहान अक्सर कहते हैं के समाज के प्रत्येक वर्ग के कल्याण में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे,दिन रात उनके दिल और दिमाग मे सिर्फ और सिर्फ प्रदेश का विकास और जनकल्याण के काम रहते हैं।
हाल ही जब सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण के बिना चुनाव कराने का निर्णय दिया तो शिवराज सिंह चौहान बेचैन हो उठे वो विदेशी इन्वेस्टर्स से मिलने के लिए विदेश यात्रा पर जा रहे थे। लेकिन उन्होंने ओबीसी वर्ग को न्याय दिलाने के लिए अपनी विदेश यात्रा रद्द कर दी।यात्रा रद्द करने के बाद वे सीधे दिल्ली पहुंचे वहां कानून के जानकारों से सलाह ली और कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की। इसी का परिणाम है कि अब मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण के साथ ही चुनाव होंगे। यदि वास्तव में इसका श्रेय किसी को जाता है तो वो शिवराज सिंह चौहान है। उन्हीं के प्रयासों से ओबीसी वर्ग को उनका हक मिला है। क्योंकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विधानसभा सत्र के दौरान भी इस बात को कह चुके थे कि बगैर ओबीसी आरक्षण के मध्यप्रदेश में पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव नहीं होंगे ! उसी दिन से शिवराज सिंह चौहान अपने संकल्प को पूरा करने में जुट गए थे। शिवराज के इसी प्रयास को देखते हुए शनिवार को मुख्यमंत्री निवास में ओबीसी वर्ग द्वारा भव्य अभिनंदन किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 15 साल मुख्यमंत्री रहने के बाद मेरे लिए सबसे बड़ा सुकून यही है कि मध्यप्रदेश में स्थानीय चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ होंगे । वाकई यह मन को सुकून देने वाले क्षण हैं। साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर भी निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस ने ओबीसी आरक्षण के खिलाफ कोर्ट में याचिका लगाई थी, जो पाप कांग्रेस ने किया था उसके लिए ओबीसी वर्ग कांग्रेस को कभी माफ नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि मैंने विधानसभा में भी कहा था हम ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव कराने के पक्ष में हैं कोई साथ देगा तो हम साथ हैं ,साथ नहीं देगा तो भी हम ओबीसी आरक्षण की लड़ाई लड़ेंगे। कोर्ट ने हमारी बात सुनी और ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव कराने का निर्णय दिया।