देखिए “श्री महाकाल लोक” की अद्भुत और अलौकिक तस्वीरें

उज्जैन। मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक और धार्मिक नगरी नाम से प्रचलित उज्जैन इन दिनों चर्चा का केंद्र बना हुआ है। शिवराज सरकार द्वारा उज्जैन में तैयार किए गए “श्री महाकाल लोक” की एक झलक पाने के लिए इन दिनों लोग आतुर हैं। 920 वर्ग फिट में बने इस श्री महाकाल लोक में पूरी शिव सृष्टि समेत 190 देवी-देवताओं की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं।

11 अक्टूबर को शाम 6 बजे पीएम मोदी श्री महाकाल लोक का लोकार्पण कर इसे भगवान महाकाल को अर्पित करेंगे। वहीं अब पूरे देश समेत विश्व की जनता इस महाकाल लोक में स्थापित की गई प्रतिमाओं और इसकी विशेषता जानने के लिए आतुर हो रही है। आज हम आपको इस अद्भुत, आलौकिक और भव्य श्री महाकाल लोक की संपूर्ण जानकारी के साथ यहां बनाई गई विभिन्न कलाकृतियों से अवगत कराएंगे।

काशी कॉरिडोर से 4 गुना बड़ा है महाकाल लोक

श्री महाकाल लोक की भव्यता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यह काशी कॉरिडोर से लगभग 4 गुना बड़ा है। यहां लोगों को आवागमन में समस्या न हो इसलिए महाकाल लोक की सड़क की चौड़ाई 70 मीटर की गई है। साथ ही यहां ग्रीनरी मेंटेन रहे और लोगों को स्वच्छ वातावरण मिले इसके लिए 4 लाख पौधे लगाए जा रहे हैं। यहां बुजुर्गों के आवागमन के लिए ई-रिक्शा की सुविधा उपलब्ध रहेगी। ई-रिक्शा का ट्रायल रन सीएम शिवराज सिंह चौहान ले चुके हैं।

म्यूरल वाॅल के जरिए सुन सकेंगे शिव गाथाएं

श्री महाकाल लोक में भव्य म्यूरल वॉल बनाई गई है। यहां भगवान शिव की विभिन्न मुद्राओं के साथ कई देवी-देवताओं की आकृति उकेरी गई है। लोग यहां लगे क्यूआर कोड को स्कैन कर उमा ऐप के माध्यम से शिव गाथा अपने मोबाइल पर सुन सकेंगे। 132 फीट लंबी म्यूरल वाॅल को बनाने में 50 कारीगरों को 9 माह से अधिक का समय लगा है।

श्री महाकाल लोक में दिखेगी देश की सबसे बड़ी नक्काशी

अयोध्या के राम मंदिर में जो पत्थर लगाए गए हैं उन्हीं पत्थरों का उपयोग श्री महाकाल लोक के निर्माण में किया गया है। यह पत्थर राजस्थान के बंसी पहाड़पुर से लाए गए हैं। इन पत्थरों पर नक्काशी कर शिव विवाह समेत कई कलाकृतियों बनाई गई हैं। इन पत्थरों की खासियत है कि ये लंबे समय तक चमकते हैं और इनकी उम्र करीब 5000 साल तक मानी जाती है।

एक झलक में दिखेगी शिव बारात, माता पार्वती के कैलाश पर्वत तक पहुंचने की कहानी

श्री महाकाल लोक में शिव बारात, शिव का भस्म रूपी रूप, शिव-पार्वती विवाह के सात फेरे, समुद्र मंथन, माता पार्वती के कैलाश पर्वत पहुंचने समेत धार्मिक आस्था से जुड़े हर पहलू की जानकारी लोगों को यहां मिल सकेगी। श्री महाकाल लोक के बनने से अब लोग उज्जैन में धार्मिक दर्शन के साथ धार्मिक पर्यटन भी कर सकेंगे।

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