SBI रिटायर्ड अधिकारी से 40 लाख की ठगी, ईडी का वारंट दिखाकर घटना को दिया अंजाम

इंदौर: मध्य प्रदेश में एक अजीब मामला सामने आया है। जहां बदमाशों ने डिजिटल अरेस्ट के नाम पर रिटायर्ड अफसर से 40 लाख रुपये ठगे हैं। यह मामला इस शहर में डिजिटल अरेस्ट का आठवां घटनाक्रम है। मामले में बदमाशों ने बुजुर्ग व्यक्ति को दो दिन तक जबरदस्ती अपने कब्जे में रखा। पुलिस आयुक्त अमित सिंह ने इस मामले की जांच अपराध शाखा को सौंपी है, जबकि वारदात में हरियाणा के गिरोह के शामिल होने की आशंका भी जताई जा रही है।
धोखाधड़ी घटना महालक्ष्मी नगर के सनसिटी कॉलोनी में रहने वाले 61 वर्षीय राकेश गोयल के साथ हुई है। राकेश गोयल SBI बैंक से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। उन्होंने बताया कि, उन्हें 11 जुलाई को अनजान नंबर से वीडियो कॉल आई थी। वीडियो कॉल में एक व्यक्ति ने उन्हें एक ED (ईकोनॉमिक डिस्ट्रिक्ट) का फर्जी वारंट दिखाया था और उन्हें ड्रग्स सप्लाई की धमकी दी। आरोपियों ने उन्हें कोरियर में पासपोर्ट भेजने की भी धमकी दी और उनके ऊपर एप के माध्यम से कैमरे से नजर रखी थी।
क्राइम ब्रांच एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने इस मामले के बारे में बताया कि इस घटना में वीडियो कॉल के जरिए राकेश गोयल को धमकाया गया था। राकेश गोयल जो पूर्व डिप्टी बैंक मैनेजर हैं। इस घटना का विवरण देते हुए कहा कि उन्हें ड्रग्स की धमकी और कोरियर में पासपोर्ट भेजने की धमकी दी गई थी। वारदात में हरियाणा के गिरोह के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है। इस मामले में पुलिस की जांच पड़ताल जारी है और पुलिस ने आश्वासन जताया है कि वो जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लेंगे।
- पहले भी घट चुकी है ऐसी घटनाएं
साइबर अपराधियों द्वारा वीडियो कॉल या अन्य माध्यमों से लोगों को डराने-धमकाने और उनसे धन उगाही करने की घटनाएँ लगातार बढ़ती जा रही हैं।
ऐसी घटनाओं से बचने के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए :
- अनजान नंबर से आने वाली वीडियो कॉल या मैसेज का जवाब न दें।
- अपने निजी और वित्तीय जानकारी किसी को भी साझा न करें।
- अगर कोई संदिग्ध कॉल आती है, तो तुरंत स्थानीय पुलिस या साइबर क्राइम सेल को सूचित करें।
- अपने मोबाइल और कंप्यूटर में अपडेटेड एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर रखें।
- किसी भी लिंक या अज्ञात ऐप को डाउनलोड न करें।