राष्ट्रपति मुर्मु ने राष्ट्रीय उत्सव”उत्कर्ष”और “उन्मेष” का किया शुभारंभ
भोपाल। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु के द्वारा रवींद्र भवन, भोपाल में भारत की लोक एवं जनजातीय अभिव्यक्तियों के राष्ट्रीय उत्सव “उत्कर्ष” और “उन्मेष” का दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया। इस अवसर पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल , मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थित रहे ।राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा भारत की सबसे बड़ी जनजातीय आबादी मध्यप्रदेश में रहती है, इसलिए ‘उत्कर्ष’ और ‘उन्मेष’ उत्सव का आयोजन मध्यप्रदेश में होना तर्क संगत भी है और भाव संगत भी। भारत की लोक एवं जनजाति अभिव्यक्तियों के राष्ट्रीय उत्सव “उत्कर्ष” और “उन्मेष” के आयोजन के लिए राष्ट्रपति मुर्मु ने आयोजकों की सराहना कि।कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा भारत की राष्ट्रपति परम श्रद्धेय श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी का मैं मध्यप्रदेश की धरती पर मैं हृदय से स्वागत और अभिनंदन करता हूं.।संपूर्ण देश का साहित्य जगत आज मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में विविधता के साथ उपस्थित है। मैं आप सबका भी हृदय से स्वागत करता हूं.।इस आयोजन में 15 देशों के 550 से अधिक प्रतिभागी इस आयोजन में आए है. उन्मेष में कविता और गीतों के अलग से सत्र हो रहे हैं. भारत दुनिया का ऐसा अद्भुत देश है, जहां से ज्ञान विज्ञान की धाराएं प्रभावित होती है.मुख्यमंत्री शिवराज ने अपने संबोधन में कहा कि देश का साहित्य जगत को देखकर मेरा दिल गदगद है. मध्यप्रदेश सौभाग्यशाली है. इसका आयोजन यहाँ हुआ है.
अयं निजः परो वेति गणना लघुचेतसाम् ।
उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम्॥
वासुदेव कुटुंबकम् भारत की संस्कृति है. शरीर के सुख के साथ मनुष्य को मन, बुद्धि और आत्मा का सुख अगर कोई देता है, तो वह साहित्य, संगीत और कला ही है।मुख्यमंत्री ने कहा मध्यप्रदेश प्राचीन काल से ही कला और संस्कृति की संगम स्थली रहा है।ये अद्भुत और नया दौर है..जब हमारे प्रधानमंत्री अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर, काशी में हों या महाकाल महाराज के दर्शन करने जाएं, तो साष्टांग दंडवत और प्रणाम करते हैं और देश हमारे पुराने मूल्यों को फिर से याद करता है।साहित्य, कला और संगीत में पूरी दुनिया को एक रखने की ताकत है…।