ज्ञान, कर्म और भक्ति मार्ग के त्रिवेणी संगम थे प्रमुख स्वामी महाराज: शिवराज सिंह चौहान

अहमदाबाद में शताब्दी महोत्सव में शामिल हुए मुख्यमंत्री चौहान

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रमुख स्वामी महाराज जैसे व्यक्तित्व समाज को नशा मुक्त बनाने के लिए जीवन समर्पित करते हैं। इनके प्रयास अन्य लोगों के लिए प्रेरणा बनते हैं। मध्यप्रदेश में जन सहयोग से नशा मुक्ति के साथ ही पानी बचाव, जल संरक्षण, पर्यावरण की रक्षा और बेटियों और बहनों के सम्मान के लिए लगातार कार्य हो रहा है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज अहमदाबाद में प्रमुख स्वामी महाराज के शताब्दी महोत्सव को संबोधित कर रहे थे। गत 15 दिसम्बर से प्रारंभ शताब्दी महोत्सव 15 जनवरी तक चलना है। महोत्सव के लिए अहमदाबाद में लगभग 600 एकड़ क्षेत्र में प्रमुख स्वामी नगर बनाया गया है। उल्लेखनीय है कि प्रमुख स्वामी जी 7 दिसम्बर 1921 को गुजरात में जन्मे थे। वे 13 अगस्त 2016 में ब्रह्मलीन हुए।

प्रधानमंत्री जी स्वामी जी के आशीर्वाद से बना रहे भारत को वैभवशाली

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मैं अनेक कार्यक्रमों में पर्यावरण संरक्षण का संदेश नागरिकों को देता हूँ। स्वयं मैं भी प्रतिदिन पौधा लगाकर पर्यावरण की रक्षा के लिए छोटा सा योगदान दे रहा हूँ। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी प्रमुख स्वामी के आशीर्वाद से राष्ट्र को शक्तिशाली और वैभवशाली बनाने में जुटे हैं। प्रधानमंत्री जी ने कहा है कि वर्ष 2070 तक भारत को न्यूट्रल कार्बन बनाना है। पेड़ महत्वपूर्ण हैं। इसलिए आम जनता से अनुरोध करता हूँ कि आप रोज न लगाएं, लेकिन जन्म दिन के दिन जरूर पेड़ लगाएँ। विवाह वर्षगांठ पर भी पौधे लगाएं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रमुख स्वामीजी ने तो लाखों लाख लोगों से नशा छुड़वा दिया था। मध्यप्रदेश में व्यसन मुक्त ग्राम बनाने का आव्हान किया गया है।

स्वामी जी का जीवन दूसरों के लिए समर्पित था

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वे नई दिल्ली में स्वामी जी के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त कर चुके हैं। उन्होंने अपने 95 वर्ष के समर्पति जीवन में दीन दुखियों की सेवा का कार्य किया। तीन प्रमुख मार्ग बताए गए हैं, ज्ञान मार्ग, भक्ति मार्ग और कर्म मार्ग। प्रमुख स्वामी महाराज जी इन सभी का संगम थे। वे ऐसी त्रिवेणी थे जिन्होंने ज्ञान, भक्ति और कर्म के मार्ग पर अनुसरण के लिए लाखों को प्रेरित किया। स्वामी जी का कार्य अद्भुत और अभूतपूर्व रहा। इस स्थान पर आकर ऊर्जा प्राप्त होती है, कार्य करने की नई शक्ति प्राप्त होती है। स्वामी जी का भी यही संदेश था कि दूसरों की सेवा और उन्हें प्रसन्न रखने से सबसे बड़े आनंद को अनुभव किया जा सकता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति अपने दायित्व को पूर्ण करे, जो सही है उसका ज्ञान दे, भक्ति मार्ग ऐसा हो जैसा बजरंग बलि ने अपनाया। दीन दुखियों की सेवा से, परिश्रम और ईमानदारी से परमपिता मिल जाते हैं।
प्रारंभ में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने गुरू हरि महंत स्वामी जी से आर्शीवाद प्राप्त किया। शताब्दी महोत्सव के कार्यक्रम में भारत सहित अनेक देशों से स्वामी जी के भक्त और अनुयायी अहमदाबाद पहुंचे और कार्यक्रम में शामिल हुए। प्रमुख स्वामी महाराज ने विश्व में सर्वाधिक मंदिर निर्माता के रूप में भी विशेष पहचान बनाई। अहमदाबाद के अलावा स्वामीनारायण अक्षरधाम, दिल्ली भी एक विशिष्ट और आकर्षक मंदिर परिसर के रूप में जाना जाता है।


About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

Open chat
Hello 👋
For more details contact us