PM मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए आतंकवाद पर बात रखी

दिल्ली- अंतराष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बात आजकल हर बड़ा देश सुन रहा हैं। आज अंतरराष्ट्रीय मंच पर आतंकवाद और भारत की बॉर्डर पर हो रही गतिविधियों को लेकर जब प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी बात रखी तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद को लेकर चीन और पाकिस्तान को जमकर सुनाते नजर आए प्रधानमंत्री मोदी।
आज शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वर्चुअल संबोधन में कहा कि पिछले 2 दशक में SCO पूरे एशियाई क्षेत्र में शांति, समृद्धि और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म के रूप में उभरा है। हमने हमारे प्रयासों को दो मूलभूत सिद्धांतों पर आधारित किया है, पहला वसुधैव कुटुम्बकम और दूसरा सिक्योर यानि सिक्योरिटी, इकोनॉमिक डेवलपमेंट व अन्य हमारे SCO का विजन है। भारत ने इस दृष्टिकोण के साथ SCO में सहयोग के 5 नए स्तंभ बना हैं। स्टार्ट अप एंड इनोवेशन, ट्रेडिशनल मेडिसिन, यूथ इंपावरमेंट, डिजिटल इंक्लूजन व अन्य।
SCO मंत्रीस्तर की बैठक में हमने मिल कर कई महत्वपूर्ण दस्तावेज़ तैयार किए हैं। इनसे हमने अपने सहयोग में नए और आधुनिक आयाम जोड़ रहे हैं। वैश्विक स्थिति एक महत्वपूर्ण पड़ाव पर है, विवादों, तनावों और महामारी से घिरे विश्व में फूड, फ्यूल और फर्टिलाइजर क्राइसिस सभी देशों के लिए एक बड़ी चुनौती है। हमें मिलकर यह विचार करना चाहिए कि क्या हम एक संगठन के रूप में हमारे लोगों की अपेक्षाओं का सामना करने में सक्षम हैं? इस विषय में भारत SCO में सुधार और आधुनिकीकरण का समर्थन करता है। कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को अपनी नीतियों के इंस्ट्रूमेंट के रूप में इस्तेमाल करते हैं, SCO को एैसे देशों की आलोचना में कोई संकोच नहीं करना चाहिए। ऐसे गंभीर विषय पर दोहरे मापदंड के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए। आतंकवादी वित्तपोषण से निपटने के लिए हमें आपसी सहयोग बढ़ाना चाहिए। अफगानिस्तान को लेकर भारत की चिंताए और अपेक्षाएं SCO के अधिकांश देशों के समान हैं। हमें अफगानिस्तान के लोगों के कल्याण के लिए मिलकर प्रयास करना चाहिए। अफगान नागरिकों को मानवीय सहायता, एक समावेशी सरकार का गठन, आतंकवाद और ड्रग तस्करी के विरुद्ध लड़ाई तथा महिलाओं-बच्चों व अल्पसंख्यकों के अधिकारों को सुनिश्चित करना हमारी साझा प्राथमिकता है। भारत और अफगानिस्तान के लोगों के बीच सदियों पुराने मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं। ईरान की SCO सदस्यता के बाद हम चाबहार बंदरगाह के बेहतर उद्योग के लिए काम कर सकते हैं।
एक तरफ कई देशों को युद्ध और गृहयुद्ध जैसी समस्या से दो दो हाथ करना पढ़ रहा हैं वही भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भविष्य को लेकर देशों के साथ व्यापार और अन्य समस्याओं से कैसे लड़ा जाए उसपर बातचीत हो रही हैं यह भारत के वर्तमान और भविष्य के लिए अच्छे संकेत हैं।