जनजातीय बाहुल्य जिले में पीजी कॉलेज होंगे शुरू

मप्र के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव ने विभागीय समीक्षा के दौरान प्रदेश के ऐसे जनजातीय बाहुल्य जिले जहां पर स्नातकोत्तर महाविद्यालय नहीं हैं ऐसे क्षेत्रों में पीजी कॉलेज शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने उमरिया जिले में भी स्नातकोत्तर पढ़ाई के लिए महाविद्यालय प्रारम्भ करने के निर्देश दिए।

मंत्री डॉ यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिपेक्ष्य में हमें उच्च शिक्षा के लिए भविष्य कि स्ट्रैटेजी प्लान करनी आवश्यक है। जहां पर निर्माण कार्यों की आवश्यकता है उनको चिन्हित कर प्रस्ताव तैयार करें। आवश्यकता के अनुरूप महाविद्यालयों का निर्माण कार्य हो। डॉ यादव ने महाविद्यालय और विश्वविद्यालय के निर्माण कार्यों की निगरानी के लिए सेल का गठन करने के निर्देश दिए।

जनभागीदारी समिति के अध्यक्षों के लिए होगी कार्यशाला-

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव ने निर्देश दिये कि जनभागीदारी अध्यक्षों के लिए कार्यशाला आयोजित की जाए, उन्होंने कहा कि समिति के अध्यक्षों के साथ संबंधित कॉलेज के प्राचार्य को भी कार्यशाला में आमंत्रित करें। उन्होंने कहा कि कार्यशाला में महाविद्यालयों के विकास के लिए आवश्यक अपेक्षाओं संबंध में प्रशिक्षण दिए जाय। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश के 462 शासकीय महाविद्यालय में से 314 शासकीय महाविद्यालयों में जनभागीदारी समिति अध्यक्षों का मनोनयन किया जा चुका है। 33 शासकीय महाविद्यालयों में जनभागीदारी समिति अस्तित्व में नहीं है। उच्च शिक्षा मंत्री ने निर्देश दिए कि इन महाविद्यालयों में भी शीघ्र जनभागीदारी समिति गठित की जाए और इसके लिए पंजीयन की कार्रवाई पूर्ण की जाए।

व्यक्तित्व विकास और जैविक खेती विषय में सर्वाधिक रुचि-

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्रारम्भ किए गए व्यवसायिक पढयक्रमों में विद्यार्थियों की रुचि सबसे ज्यादा व्यक्तित्व विकास विषय पर रही। वर्ष 2021-22 से 2022-23 तक 3 लाख 36 हज़ार 557 विद्यार्थियों ने इस विषय में प्रवेश लिए। जैविक खेती विषय मे 1 लाख 75 हज़ार 623 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है।

बैठक में बताया गया कि शैक्षिणिक सत्र 2022-23 में 10 नवीन व्यवसायिक विषय प्रारम्भ किए गए जिसमें फैशन डिजाइनिंग, एग्री मार्केटिंग, कैटरिंग मैनेजमेंट, बेकरी एवं कंफेक्शनरी, हॉस्पिटलिटी एन्ड कैटरिंग मैनेजमेंट, प्लांट डिसीजेस एंड प्रोटेक्शन, मृदा विज्ञान एवं उर्वरक और सूचना प्रौद्योगिकी शामिल हैं।

बैठक में अपर मुख्य सचिव शैलेन्द्र सिंह, आयुक्त कर्मवीर शर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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