आयोजकों की गलती से पंडित प्रदीप मिश्रा के रूद्राक्ष महोत्सव में फैली अव्यवस्था
मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के सीहोर स्थित कुबेरेश्वर धाम में रुद्राक्ष महोत्सव के पहले दिन भारी भीड़ की वजह से हालात बेकाबू हो गए। रुद्राक्ष लेने की होड़ में ऐसी भगदड़ मची जिसमें एक महिला की मौत हो गई। कुबेरेश्वर धाम में फैली अव्यवस्था की वजह वहां के आयोजक ही नज़र आ रहे हैं क्योंकि उन्होंने पिछले कार्यक्रम से सीख नहीं ली। पंडित प्रदीप मिश्रा ने रुद्राक्ष बांटने के नाम पर लाखों श्रद्धालु बुलाए फिर नही सभी को रुद्राक्ष नहीं दे पाए। आस्था का हुजूम ऐसा कि भक्त बिना खाने पीने और रुकने की चिंता किये रुद्राक्ष के लिए धाम पहुंचें लेकिन कुबेरेश्वर धाम में इन सबकी कोई व्यवस्था नहीं थी। अब जब आयोजक इसकी व्यवस्था खुद ना करा सके तो अव्यवस्था का ठीकरा राज्य सरकार के मत्थे थोप दिया।
आयोजकों के फैलियर की वजह से सीएम ने निरस्त किया दौरा
रुद्राक्ष पाने में नाकाम लोग पंडित मिश्रा के खिलाफ नारे लगाते हुए लौट रहे हैं। इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का महोत्सव स्थल का दौरा भी निरस्त कर दिया गया है। इस वक्त महोत्सव में करीब 10 लाख लोगों के मौेजूद होने का अनुमान लगाया जा रहा है, लेकिन बात सिर्फ 2 लाख लोगों की हुई थी। इतनी भीड़ को देखते हुए सारे इंतजाम फेल हो गए हैं। सुबह के हालात देखें तो कुबेरेश्वर धाम से इछावर रोड तक 7 किमी का लंबा जाम लगा था। सीहोर से इंदौर की तरफ हाईवे पर भी 17 किलोमीटर लंबा और भोपाल की ओर हाईवे पर 10 किलोमीटर लंबा जाम लगा हुआ था। लेकिन ऐसे में भी शासन प्रशासन के अधिकारियों का कुबेरेश्वर धाम के पदाधिकारी सहयोग नहीं कर रहे बल्कि रुद्राक्ष के नाम पर कालाबाजारी की जा रही है।
कौन है इसका जिम्मेदार
सीहोर के कुबेरेश्वर धाम में हुई दुर्घटना के लिए पंडित प्रदीप मिश्रा जिम्मेदार हैं। पिछले साल भी इनकी अव्यवस्था की वजह से इंदौर-भोपाल हाइवे पर कई किलोमीटर लंबा जाम लगा था। सीहोर प्रशासन तुरंत कुबेरेश्वर धाम में हुई दुर्घटना के बाद राहत कार्य में जुट गए है लेकिन पंडित प्रदीप मिश्रा के समर्थकों द्वारा कोई सहयोग नहीं मिल रहा है। पंडित प्रदीप मिश्रा और उनके समर्थक, आयोजक ही कुबेरेश्वर धाम में हुई दुर्घटना के लिए जिम्मेदार हैं। सरकार को जिम्मेदार ठहराना गलत है।