अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर केन्द्रीय मंत्री शिवराज ने पूसा परिसर में किया योग, कहा- सुखी, स्वस्थ जीवन जीने की कला और विज्ञान है योग

नई दिल्ली। केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर नई दिल्ली स्थित कृषि भवन के पूसा परिसर में मंत्रालय के अधिकारियों, वैज्ञानिकों सहित सभी सहयोगियों के साथ योग किया। इस दौरान शिवराज ने कहा कि नरेन्द्र मोदी जी को धन्यवाद देना चाहता हूं कि, उन्होंने योग को संपूर्ण विश्व में पहुंचाया। वहीं उन्होंने योग दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि, सभी भाई-बहनों से आग्रह है कि, केवल योग दिवस के दिन ही योग न करें बल्कि योग को जीवन का एक अभिन्न अंग बनाएं। उन्होंने मोदी जी के कश्मीर में योग करने को लेकर कहा कि, कश्मीर भारत का गर्व है, गौरव है और मुझे कहते हुए आनंद और प्रसन्नता है कि, आज कश्मीर में शांति है, जनजीवन सामान्य हैं और प्रधानमंत्री जी स्वयं डल झील के किनारे हजारों लोगों के साथ योग कर रहे हैं। ये शांति, प्रेम, सद्भाव और भारत की एकता का संदेश है।

मनुष्य अनंत शक्तियों का भंडार है

केन्द्रीय मंत्री शिवराज ने कहा कि, मनुष्य अनंत शक्तियों का भंडार हैं, हममें इन शक्तियों को जागृत करने की कला और विज्ञान है योग। एक सुखी, स्वस्थ और संपूर्ण जीवन जीने की कला और विज्ञान है योग। दुनियां को ऋणि होना चाहिए भारत के प्रति, योग भारत की अभूतपूर्व देन हैं, और इसलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सत्ता संभालने के बाद योग को दुनिया में प्रतिष्ठित किया और अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21जून को मनाना प्रारंभ किया। कई हमारे संत हैं, ऋषि हैं जिन्होंने योग का लोकव्यापीकरण किया। स्वामी रामदेव जी हों, श्री श्री रविशंकर जी हों, हमारे जग्गी वासुदेव सद्गुरू हों, कमलेश दाजी हों, ऐसे अनेकों महापुरूष जो योग को प्रचारित करने के लिए इस क्षेत्र में निरंतर काम कर रहे हैं, लेकिन हमको भी स्वस्थ जीवन अगर जीना है तो योग को स्वयं से जोड़ना चाहिए।

पहला सुख निरोगी काया

केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि योग केवल बड़े लोगों के लिए नहीं है, योग आम लोगों के शरीर को स्वस्थ्य बनाने से लेकर मन को प्रसन्न करने से लेकर और आत्मा को परमात्मा से जोड़ने के लिए है। पहला सुख निरोगी काया, अगर शरीर स्वस्थ्य नहीं रहेगा तो आप कितने भी विद्वान हों, आप ठीक से काम करही नहीं सकते। इसलिए प्राइमरी शर्त है कि, हम अपने शरीर को स्वस्थ रखें और मन को प्रसन्न रखें, आनंद से भरे रहें, दुनिया भर की चिंता न पालें। जो काम मेरे सामने हैं वो आनंद और प्रसन्नता के साथ करूंगा, अगर इतना ही हो गया तो जीवन जीने का आनंद ही अलग हो जाएगा। इसलिए मेरा आग्रह है कि, हमारे बीच वैज्ञानिक मित्र भी बैठे हैं, मेरे सहयोगी बैठे हैं, उन सभी से आग्रह है कि, केवल 21 जून ही नहीं योग को अपने जीवन में रोज़ अपनाएं।

हितभुक, मितभुक, ऋतभुक

केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, योग की पहली शर्त हैं नियम, अनुशासित जीवन, संयमित जीवन, क्या खाना है, क्या पीना है। अगर पिज्जा, बर्गर और छोले-भटूरे खाकर आप सोचें कि नियम से योग कर लेंगे तो नहीं होगा। हमारे यहां आयुर्वेद में कहा गया है, हितभुक्, मितभुक् और ऋतभुक्। हितभुक् मतलब जो शरीर के लिए हितकारी हो। मितभुक् मतलब भूख से कम खाएं और ऋतभुक् मतलब ऋतुओं में जो फसलें और फल पैदा होते हैं उन्हें खाएं और इतना जरूर तय करें कि, हर दिन योग करेंगे, प्रसन्न रहेंगे और अपने देश के विकास के लिए बेहतर से बेहतर काम करेंगे।

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